हैदराबाद: कुवैत के अब्दुल्ला अलरशीदी ने टोक्यो ओलंपिक निशानेबाजी में कांस्य पदक जीतकर दुनिया को दिखा दिया कि उनके लिए उम्र महज एक आंकड़ा है. उम्र के जिस पड़ाव पर लोग अक्सर रिटायर्ड जिदंगी की योजनाएं बनाने में मसरूफ होते हैं. इस निशानेबाज ने यह हैरतअंगेज कारनामा किया है.
बता दें, सात बार के ओलंपियन ने सोमवार को पुरुषों की स्कीट स्पर्धा में कांस्य पदक जीता. यही नहीं पदक जीतने के बाद उन्होंने साल 2024 में पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पर निशाना लगाने का भी वादा किया, जब वह 60 पार हो चुके होंगे.
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उन्होंने असाका निशानेबाजी रेंज पर ओलंपिक सूचना सेवा से कहा, मैं 58 साल का हूं. सबसे बूढ़ा निशानेबाज और यह कांस्य मेरे लिए सोने से कम नहीं. मैं इस पदक से बहुत खुश हूं, लेकिन उम्मीद है कि अगले ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतूंगा.
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उन्होंने कहा, मैं बदकिस्मत हूं कि स्वर्ण नहीं जीत सका, लेकिन कांस्य से भी खुश हूं. ईंशाअल्लाह अगले ओलंपिक में, पेरिस में 2024 में स्वर्ण पदक जीतूंगा. मैं उस समय 61 साल का हो जाऊंगा और स्कीट के साथ ट्रैप में भी उतरूंगा.