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Tokyo Olympics: क्या मैरीकॉम के साथ धोखा हुआ? फैसले से नाराज मुक्केबाज ने इनको जिम्मेदार ठहराया - International Olympic Committee

पदक की दावेदार मैरीकॉम अपने कोलंबियाई प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ विभाजित निर्णय से हार गईं. लेकिन छह बार की विश्व चैंपियन अंतिम परिणाम सुनाए जाने पर दंग रह गईं. क्योंकि दो जजों ने इंग्रिट के पक्ष में फैसला सुनाया, जबकि दो जज भारतीय मुक्केबाज के पक्ष में थे.

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मैरीकॉम के साथ क्या धोखा हुआ
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Published : Jul 29, 2021, 9:33 PM IST

हैदराबाद: छह बार की विश्व चैम्पियन एमसी मैरीकॉम ने गुरुवार को अपने फ्लाईवेट (51 किग्रा) प्री-क्वार्टर फाइनल में खराब फैसलों के लिए अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के मुक्केबाजी कार्यबल को जिम्मेदार ठहराया है, जिसमें तीन में से दो राउंड जीतने के बावजूद उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

आईओसी की ओर से अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) के कथित कुशासन और वित्तीय गड़बड़ी के लिए प्रतिबंधित किए जाने के बाद कार्यबल ही टोक्यो में मुक्केबाजी प्रतियोगिता आयोजित कर रहा है.

यह भी पढ़ें: Tokyo Olympics Day 7: पदक तालिका में भारत 46वें नंबर पर, ये 3 महिला खिलाड़ी दिला सकती हैं मेडल

मैरीकॉम ने कोलंबिया की इंग्रिट वालेंसिया से प्री-क्वार्टर फाइनल में हार के बाद टोक्यो से पीटीआई से फोन पर साक्षात्कार में पूछा, 'मैं नहीं जानती और इस फैसले को नहीं समझ सकती, कार्यबल के साथ क्या गड़बड़ है? आईओसी के साथ क्या गड़बड़ है.'

मैरीकॉम ने कहा, 'मैं भी कार्यबल की एक सदस्य थी. मैं साफ सुथरी प्रतियोगिता सुनिश्चित करने के लिए उन्हें सुझाव भी दे रही थी और उनका सहयोग भी कर रही थी, लेकिन उन्होंने मेरे साथ क्या किया.?'

उन्होंने कहा, मैं रिंग के अंदर भी खुश थी, जब मैं बाहर आई, मैं खुश थी. क्योंकि मेरे दिमाग में था कि मैं जानती थी कि मैं जीत गई हूं. जब वे मुझे डोपिंग के लिए ले गए तो भी मैं खुश थी. जब मैंने सोशल मीडिया में देखा और मेरे कोच (छोटे लाल यादव ने मुझे दोहराकर बताया) तो मुझे अहसास हुआ कि मैं हार गई थी.

यह भी पढ़ें: Tokyo Olympics Day 8: 30 जुलाई को भारत का पूरा कार्यक्रम, दीपिका और सिंधु का दिखेगा जलवा

मैरीकॉम ने कहा, मैंने पहले इस मुक्केबाज को दो बार हराया है. मैं विश्वास ही नहीं कर सकी कि रैफरी ने उसका हाथ उठाया था. कसम खाती हूं कि मुझे एहसास ही नहीं हुआ कि मैं हार गई थी, मुझे इतना भरोसा था.

'सबसे खराब बात है कि फैसले की समीक्षा या विरोध नहीं दर्ज करा सकते. ईमानदारी से कहूं तो मुझे भरोसा है कि दुनिया ने देखा होगा, उन्होंने जो कुछ किया, यह कुछ ज्यादा ही है. मुझे दूसरे राउंड में सर्वसम्मति से जीतना चाहिए था, तो यह 3-2 कैसे था.?'

आईओसी के मुक्केबाजी कार्यबल ने इस बार अधिक पारदर्शिता वाले फैसलों का वादा किया था. क्योंकि एमेच्योर मुक्केबाजी की 2016 रियो ओलंपिक में गलत फैसलों की काफी आलोचना हुई थी, जिसके बाद 36 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था. मैरीकॉम मुक्केबाजी कार्यबल की 10 सदस्यीय एथलीट ग्रुप का हिस्सा हैं.

यह भी पढ़ें: Tokyo Olympics Day 8: शानदार रहा सातवां दिन...दीपिका और सिंधु सहित इन पर रहेंगी नजरें

वह पैनल में एशियाई ब्लॉक का प्रतिनिधित्व करती हैं, जिसमें यूक्रेन के दो बार के ओलंपिक और विश्व स्वर्ण पदक विजेता महान मुक्केबाज वासिल लामाचेंको (यूरोप) और पांच बार के विश्व चैम्पियन और 2016 ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता जूलियो सीजर ला क्रूज (अमेरिका) भी शामिल हैं.

मैरीकॉम ने कहा, 'एक मिनट या एक सेकेंड के अंदर एक एथलीट का सब कुछ चला जाता है, जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं जजों के फैसले से निराश हूं.'

लेकिन वह खेल को अलविदा कहने के मूड में नहीं हैं, जबकि उनका ओलंपिक का सफर टोक्यो सत्र में ही खत्म हो गया है. उन्होंने कहा, 'मैं ब्रेक लूंगी, परिवार के साथ समय बिताऊंगी. लेकिन मैं खेल नहीं छोड़ रही हूं. अगर कोई टूर्नामेंट होता है तो मैं जारी रखूंगी और अपना भाग्य आजमाऊंगी.'

हैदराबाद: छह बार की विश्व चैम्पियन एमसी मैरीकॉम ने गुरुवार को अपने फ्लाईवेट (51 किग्रा) प्री-क्वार्टर फाइनल में खराब फैसलों के लिए अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के मुक्केबाजी कार्यबल को जिम्मेदार ठहराया है, जिसमें तीन में से दो राउंड जीतने के बावजूद उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

आईओसी की ओर से अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) के कथित कुशासन और वित्तीय गड़बड़ी के लिए प्रतिबंधित किए जाने के बाद कार्यबल ही टोक्यो में मुक्केबाजी प्रतियोगिता आयोजित कर रहा है.

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मैरीकॉम ने कोलंबिया की इंग्रिट वालेंसिया से प्री-क्वार्टर फाइनल में हार के बाद टोक्यो से पीटीआई से फोन पर साक्षात्कार में पूछा, 'मैं नहीं जानती और इस फैसले को नहीं समझ सकती, कार्यबल के साथ क्या गड़बड़ है? आईओसी के साथ क्या गड़बड़ है.'

मैरीकॉम ने कहा, 'मैं भी कार्यबल की एक सदस्य थी. मैं साफ सुथरी प्रतियोगिता सुनिश्चित करने के लिए उन्हें सुझाव भी दे रही थी और उनका सहयोग भी कर रही थी, लेकिन उन्होंने मेरे साथ क्या किया.?'

उन्होंने कहा, मैं रिंग के अंदर भी खुश थी, जब मैं बाहर आई, मैं खुश थी. क्योंकि मेरे दिमाग में था कि मैं जानती थी कि मैं जीत गई हूं. जब वे मुझे डोपिंग के लिए ले गए तो भी मैं खुश थी. जब मैंने सोशल मीडिया में देखा और मेरे कोच (छोटे लाल यादव ने मुझे दोहराकर बताया) तो मुझे अहसास हुआ कि मैं हार गई थी.

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मैरीकॉम ने कहा, मैंने पहले इस मुक्केबाज को दो बार हराया है. मैं विश्वास ही नहीं कर सकी कि रैफरी ने उसका हाथ उठाया था. कसम खाती हूं कि मुझे एहसास ही नहीं हुआ कि मैं हार गई थी, मुझे इतना भरोसा था.

'सबसे खराब बात है कि फैसले की समीक्षा या विरोध नहीं दर्ज करा सकते. ईमानदारी से कहूं तो मुझे भरोसा है कि दुनिया ने देखा होगा, उन्होंने जो कुछ किया, यह कुछ ज्यादा ही है. मुझे दूसरे राउंड में सर्वसम्मति से जीतना चाहिए था, तो यह 3-2 कैसे था.?'

आईओसी के मुक्केबाजी कार्यबल ने इस बार अधिक पारदर्शिता वाले फैसलों का वादा किया था. क्योंकि एमेच्योर मुक्केबाजी की 2016 रियो ओलंपिक में गलत फैसलों की काफी आलोचना हुई थी, जिसके बाद 36 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था. मैरीकॉम मुक्केबाजी कार्यबल की 10 सदस्यीय एथलीट ग्रुप का हिस्सा हैं.

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वह पैनल में एशियाई ब्लॉक का प्रतिनिधित्व करती हैं, जिसमें यूक्रेन के दो बार के ओलंपिक और विश्व स्वर्ण पदक विजेता महान मुक्केबाज वासिल लामाचेंको (यूरोप) और पांच बार के विश्व चैम्पियन और 2016 ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता जूलियो सीजर ला क्रूज (अमेरिका) भी शामिल हैं.

मैरीकॉम ने कहा, 'एक मिनट या एक सेकेंड के अंदर एक एथलीट का सब कुछ चला जाता है, जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं जजों के फैसले से निराश हूं.'

लेकिन वह खेल को अलविदा कहने के मूड में नहीं हैं, जबकि उनका ओलंपिक का सफर टोक्यो सत्र में ही खत्म हो गया है. उन्होंने कहा, 'मैं ब्रेक लूंगी, परिवार के साथ समय बिताऊंगी. लेकिन मैं खेल नहीं छोड़ रही हूं. अगर कोई टूर्नामेंट होता है तो मैं जारी रखूंगी और अपना भाग्य आजमाऊंगी.'

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