नई दिल्ली: भारत ने नौ खेलों के लिए 54 खिलाड़ियों का दल भेजा है, जो अब तक इन खेलों में सबसे बड़ा भारतीय दल है. भारतीय खिलाड़ी पैरा तीरंदाजी, पैरा एथलेटिक्स, पैरा बैडमिंटन, पैरा केनोइंग, पैरा निशानेबाजी, पैरा तैराकी, पैरा पावरलिफ्टिंग, पैरा टेबल टेनिस और पैरा ताइक्वांडो में भाग लेंगे.
भारतीय पैरालंपिक समिति के महासचिव सिंह ने कहा, मुझे पूरा यकीन है कि ये हमारे सर्वश्रेष्ठ पैरालंपिक खेल होंगे. हमारे पैरा एथलीटों ने काफी मेहनत की है और उसका नतीजा अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में मिल रहा है. वे अच्छा प्रदर्शन करने को बेताब हैं.
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उन्होंने कहा, हमें इन खेलों में पांच स्वर्ण समेत कम से कम 15 पदकों की उम्मीद है. हमें पैरा एथलेटिक्स, पैरा बैडमिंटन, पैरा तीरंदाजी और पैरा निशानेबाजी में पदकों की उम्मीद है. भारत ने 11 पैरालंपिक में चार स्वर्ण समेत 12 पदक जीते हैं.
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भारतीय पैरालंपिक समिति की अध्यक्ष दीपा मलिक की अगुवाई में पहला दल टोक्यो पहुंच चुका है. भारतीय दल के ध्वजवाहक थंगावेलु मरियप्पन भी टोक्यो पहुंच गए हैं. पिछले खेलों में ऊंची कूद का स्वर्ण पदक जीतने वाले मरियप्पन ने राष्ट्रीय चयन ट्रायल में 1.86 मीटर की कूद लगाई थी.
उन्होंने कहा, यह रियो के बाद मेरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था. मेरे पैर में 2017 में चोट लगी थी और उससे उबरने में समय लगा. मैं अब खेलों के लिए तैयार हूं और मेरा लक्ष्य स्वर्ण पदक जीतना है.
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भारत को दो बार के पैरा भालाफेंक खिलाड़ी देवेंद्र झझारिया से भी पदक की उम्मीद है. उनके अलावा मौजूदा विश्व चैम्पियन सुंदर सिंह गुर्जर और अजीत सिंह, विश्व चैम्पियन और विश्व रिकॉर्ड धारी संदीप चौधरी और नवदीप सिंह भी पैरा भालाफेंक में भारतीय चुनौती पेश करेंगे.
पैरा बैडमिंटन में भारत की उम्मीदें पुरूषों के एसएल3 वर्ग में हैं. तीरंदाजी में राकेश कुमार और श्याम सुंदर कंपाउंड में जबकि विवेक चिकारा और हरविंदर सिंह रिकर्व में और महिला तीरंदाज ज्योति बालियान कंपाउंड तथा मिश्रित वर्ग में उतरेंगी. टोक्यो पैरालंपिक 24 अगस्त से आठ सितंबर तक खेले जाएंगे.