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गोल्ड मेडल के बाद जंगल सफारी पर निकले पैरालंपियन कृष्णा नागर, ETV BHARAT के साथ साझा किए रोमांचक पल

गोल्ड मेडलिस्ट कृष्णा नागर रविवार को अपने परिवार के साथ जयपुर के आमेर स्थित नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क पहुंचे. कृष्णा ने नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लॉयन सफारी का लुफ्त उठाया. इस दौरान इन खूबसूरत पलों को उन्होंने अपने कैमरों में कैद किया.

gold medalist in tokyo paralympics 2021 badminton player krishna nagar enjoy lion safari in jaipur
gold medalist in tokyo paralympics 2021 badminton player krishna nagar enjoy lion safari in jaipur
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Published : Sep 12, 2021, 5:30 PM IST

जयपुर: कृष्णा नागर वन विभाग में एसीएफ के पद पर हैं. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क पहुंचने पर वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने कृष्णा नागर का स्वागत किया. इस दौरान कृष्णा नागर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की और कहा कि इस मुकाम तक पहुंचने में काफी मेहनत करनी पड़ी.

ETV BHARAT के साथ बातचीत में कृष्णा नागर और उनका परिवार

भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी कृष्णा नागर ने आगे कहा कि सालों की तपस्या सफल हुई है. पैरालंपिक में गोल्ड मेडल (Gold Medal in Tokyo Paralympics) जीतकर बहुत खुशी हुई है. कृष्णा ने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और परिजनों को देते हुए कहा कि देश की जनता ने भी काफी सपोर्ट किया है. राजस्थान सरकार और केंद्र सरकार ने भी काफी सपोर्ट किया है.

उन्होंने कहा कि 3 साल से लखनऊ के कैंप में था, जहां पर काफी मेहनत की घर परिवार से भी दूर रहना पड़ा और खाने-पीने में भी काफी सावधानी रखी. कृष्णा नागर ने बताया कि उन्होंने जयपुर में ही खेलना सीखा था. एसएमएस स्टेडियम में यादवेंद्र सर और मनोज सर में काफी अहम योगदान दिया है. उन्होंने बताया कि मैंने काफी सारे ओपन टूर्नामेंट भी खेले हैं और इससे पहले भी कई मेडल जीते हैं. गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल भी काफी जीते हैं. कृष्णा ने कहा कि पैरालंपिक में पैरा बैडमिंटन पहली बार ऐड हुआ है. इस बार पैरालंपिक में गोल्ड मेडल लाकर काफी गर्व हुआ है. आगे भी अच्छा प्रयास करेंगे.

ये भी पढ़ें- एम्मा रादुकानू ने लीलह फर्नाडीज को हराकर महिला सिंगल यूएस ओपन का खिताब जीता

युवाओं को दी प्रेरणा...

कई युवा मनोबल टूटने की वजह से खेलों में आगे नहीं बढ़ पाते हैं. गोल्ड मेडलिस्ट कृष्णा नागर ने युवाओं को खेलों के प्रति प्रेरणा देते हुए कहा कि युवा हमेशा प्रयास करते रहें. कोशिश ही सफल होती है. एक न एक दिन मंजिल जरूर मिलती है. खेलों में हमेशा आगे बढ़ते रहना चाहिए.

देश के लिए गोल्ड मेडल जीतकर लाए कृष्णा नागर के परिजनों में भी काफी खुशी है. कृष्णा की माताजी ने कहा कि कृष्णा ने जो अपने परिवार और देश के लिए काम किया है. ऐसा हर कोई करे, पूरे देश को गर्व है. उसकी मां ने कहा कि जब बेटा परिवार से दूर रहता है तो काफी दुख होता है. कृष्णा जब परिवार से दूर रहा तो काफी याद आई, लेकिन कृष्णा की मेहनत रंग लाई है. कृष्णा को मेहनत का फल मिला है, जिससे सभी को बहुत खुशी हो रही है. कृष्णा के चाचा ने कहा कि कृष्णा ने सभी को गौरवान्वित किया है. भगवान कृष्णा जैसा बेटा सभी को दे.

बता दें कि कृष्णा नागर जयपुर के रहने वाले हैं. भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी कृष्णा नागर ने टोक्यो पैरालंपिक में इतिहास रचा है. इससे पहले कृष्णा नागर ने 2020 में टोक्यो पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीता था. वर्ष 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में पैरा बैडमिंटन में सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल जीता था. इस बार कृष्णा का पांचवा गोल्ड मेडल है.

जयपुर: कृष्णा नागर वन विभाग में एसीएफ के पद पर हैं. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क पहुंचने पर वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने कृष्णा नागर का स्वागत किया. इस दौरान कृष्णा नागर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की और कहा कि इस मुकाम तक पहुंचने में काफी मेहनत करनी पड़ी.

ETV BHARAT के साथ बातचीत में कृष्णा नागर और उनका परिवार

भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी कृष्णा नागर ने आगे कहा कि सालों की तपस्या सफल हुई है. पैरालंपिक में गोल्ड मेडल (Gold Medal in Tokyo Paralympics) जीतकर बहुत खुशी हुई है. कृष्णा ने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और परिजनों को देते हुए कहा कि देश की जनता ने भी काफी सपोर्ट किया है. राजस्थान सरकार और केंद्र सरकार ने भी काफी सपोर्ट किया है.

उन्होंने कहा कि 3 साल से लखनऊ के कैंप में था, जहां पर काफी मेहनत की घर परिवार से भी दूर रहना पड़ा और खाने-पीने में भी काफी सावधानी रखी. कृष्णा नागर ने बताया कि उन्होंने जयपुर में ही खेलना सीखा था. एसएमएस स्टेडियम में यादवेंद्र सर और मनोज सर में काफी अहम योगदान दिया है. उन्होंने बताया कि मैंने काफी सारे ओपन टूर्नामेंट भी खेले हैं और इससे पहले भी कई मेडल जीते हैं. गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल भी काफी जीते हैं. कृष्णा ने कहा कि पैरालंपिक में पैरा बैडमिंटन पहली बार ऐड हुआ है. इस बार पैरालंपिक में गोल्ड मेडल लाकर काफी गर्व हुआ है. आगे भी अच्छा प्रयास करेंगे.

ये भी पढ़ें- एम्मा रादुकानू ने लीलह फर्नाडीज को हराकर महिला सिंगल यूएस ओपन का खिताब जीता

युवाओं को दी प्रेरणा...

कई युवा मनोबल टूटने की वजह से खेलों में आगे नहीं बढ़ पाते हैं. गोल्ड मेडलिस्ट कृष्णा नागर ने युवाओं को खेलों के प्रति प्रेरणा देते हुए कहा कि युवा हमेशा प्रयास करते रहें. कोशिश ही सफल होती है. एक न एक दिन मंजिल जरूर मिलती है. खेलों में हमेशा आगे बढ़ते रहना चाहिए.

देश के लिए गोल्ड मेडल जीतकर लाए कृष्णा नागर के परिजनों में भी काफी खुशी है. कृष्णा की माताजी ने कहा कि कृष्णा ने जो अपने परिवार और देश के लिए काम किया है. ऐसा हर कोई करे, पूरे देश को गर्व है. उसकी मां ने कहा कि जब बेटा परिवार से दूर रहता है तो काफी दुख होता है. कृष्णा जब परिवार से दूर रहा तो काफी याद आई, लेकिन कृष्णा की मेहनत रंग लाई है. कृष्णा को मेहनत का फल मिला है, जिससे सभी को बहुत खुशी हो रही है. कृष्णा के चाचा ने कहा कि कृष्णा ने सभी को गौरवान्वित किया है. भगवान कृष्णा जैसा बेटा सभी को दे.

बता दें कि कृष्णा नागर जयपुर के रहने वाले हैं. भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी कृष्णा नागर ने टोक्यो पैरालंपिक में इतिहास रचा है. इससे पहले कृष्णा नागर ने 2020 में टोक्यो पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीता था. वर्ष 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में पैरा बैडमिंटन में सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल जीता था. इस बार कृष्णा का पांचवा गोल्ड मेडल है.

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