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भारतीय टेनिस दिग्गज अख्तर अली थे महान इंसान : जयदीप मुखर्जी - indian tennis legend

पूर्व राष्ट्रीय चैंपियन जयदीप मुखर्जी ने कहा, "वो एक महान व्यक्ति थे. उनके साथ हमारा बहुत अच्छा तालमेल था. मैं उनसे करीब दो हफ्ते पहले मिला था. उनकी तबीयत ठीक नहीं थी."

Tennis legend Akhtar Ali was a great person: Jaidip Mukherjea
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Published : Feb 8, 2021, 6:58 AM IST

नई दिल्ली : भारतीय टेनिस डेविस कप युगल खिलाड़ी और पूर्व राष्ट्रीय चैंपियन जयदीप मुखर्जी ने कहा कि टेनिस के दिग्गज अख्तर अली एक महान व्यक्ति थे और उनका हमारे साथ एक अच्छा तालमेल था.

भारतीय टेनिस के बेहतरीन खिलाड़ियों में शुमार और दिग्गज कोच रहे अख्तर अली का रविवार को निधन हो गया. वह 81 वर्ष के थे.

5 जुलाई 1939 को जन्मे अली 1958 से 1964 तक भारतीय डेविस कप टीम का हिस्सा थे. अली के पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, भारतीय टेनिस के दिग्गज ने रात के दो बजकर 30 मिनट पर अंतिम सांस ली. अख्तर की बेटी निलोफर ने कहा कि जब उनके वालिद ने अंतिम सांस ली थी तब पूरा परिवार उनके पास था.

मुखर्जी ने कहा, "वो एक महान व्यक्ति थे. उनके साथ हमारा बहुत अच्छा तालमेल था. मैं उनसे करीब दो हफ्ते पहले मिला था. उनकी तबीयत ठीक नहीं थी."

उन्होंने कहा, "वो मुझसे तीन साल बड़े थे. हमने कोलकाता में साउथ क्लब में एक साथ टेनिस खेलना शुरू किया, और हमने प्रेमजीत लाल के साथ मिलकर क्लब में अभ्यास किया. वो मेरे डेविस कप टीम के साथी और मेरे डेविस कप कोच थे. वो मुझसे पहले राष्ट्रीय चैंपियन बने थे. इंग्लैंड के मेरे पहले दौरे पर वो एक खिलाड़ी के रूप में मेरे साथ थे."

अली पांच साल में डेविस कप में एक भी युगल मैच नहीं हारे थे. उन्होंने आठ डेविस कप मुकाबले खेले. इनमें से सात एकल मैचों में उन्होंने पांच मैच जीते थे। उन्होंने सभी चार युगल मैच जीते थे.

अली को बाद में नॉन-प्लेइंग डेविस कप कप्तान नियुक्त किया गया और उन्होंने भारतीय डेविस कप टीम को भी कोचिंग दी.

उन्होंने कहा, "वो एक शानदार कोच थे. वो एक अच्छे खिलाड़ी भी थे. लेकिन उनकी कोचिंग की उपलब्धियां बहुत बेहतर हैं. उन्होंने रामनाथन कृष्णन, रमेश कृष्णन, विजय अमृतराज और लिएंडर पेस जैसे शीर्ष खिलाड़ियों को कोचिंग दी."

अली ने 16 साल की उम्र में 1955 में राष्ट्रीय खिताब जीता था. उन्हें 2000 में अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था.

अख्तर के बेटे और भारत के पूर्व डेविस कप खिलाड़ी जीशान अली हालांकि अपने पिता के पास नहीं थे. वो दिल्ली में एक कैम्प में शामिल थे. पिता के निधन का समाचार मिलते ही वो कोलकाता रवाना हो गए. निलोफर का कहना है कि अख्तर का अंतिम संस्कार रविवार को सूर्यास्त से पहले किया जाएगा.

नई दिल्ली : भारतीय टेनिस डेविस कप युगल खिलाड़ी और पूर्व राष्ट्रीय चैंपियन जयदीप मुखर्जी ने कहा कि टेनिस के दिग्गज अख्तर अली एक महान व्यक्ति थे और उनका हमारे साथ एक अच्छा तालमेल था.

भारतीय टेनिस के बेहतरीन खिलाड़ियों में शुमार और दिग्गज कोच रहे अख्तर अली का रविवार को निधन हो गया. वह 81 वर्ष के थे.

5 जुलाई 1939 को जन्मे अली 1958 से 1964 तक भारतीय डेविस कप टीम का हिस्सा थे. अली के पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, भारतीय टेनिस के दिग्गज ने रात के दो बजकर 30 मिनट पर अंतिम सांस ली. अख्तर की बेटी निलोफर ने कहा कि जब उनके वालिद ने अंतिम सांस ली थी तब पूरा परिवार उनके पास था.

मुखर्जी ने कहा, "वो एक महान व्यक्ति थे. उनके साथ हमारा बहुत अच्छा तालमेल था. मैं उनसे करीब दो हफ्ते पहले मिला था. उनकी तबीयत ठीक नहीं थी."

उन्होंने कहा, "वो मुझसे तीन साल बड़े थे. हमने कोलकाता में साउथ क्लब में एक साथ टेनिस खेलना शुरू किया, और हमने प्रेमजीत लाल के साथ मिलकर क्लब में अभ्यास किया. वो मेरे डेविस कप टीम के साथी और मेरे डेविस कप कोच थे. वो मुझसे पहले राष्ट्रीय चैंपियन बने थे. इंग्लैंड के मेरे पहले दौरे पर वो एक खिलाड़ी के रूप में मेरे साथ थे."

अली पांच साल में डेविस कप में एक भी युगल मैच नहीं हारे थे. उन्होंने आठ डेविस कप मुकाबले खेले. इनमें से सात एकल मैचों में उन्होंने पांच मैच जीते थे। उन्होंने सभी चार युगल मैच जीते थे.

अली को बाद में नॉन-प्लेइंग डेविस कप कप्तान नियुक्त किया गया और उन्होंने भारतीय डेविस कप टीम को भी कोचिंग दी.

उन्होंने कहा, "वो एक शानदार कोच थे. वो एक अच्छे खिलाड़ी भी थे. लेकिन उनकी कोचिंग की उपलब्धियां बहुत बेहतर हैं. उन्होंने रामनाथन कृष्णन, रमेश कृष्णन, विजय अमृतराज और लिएंडर पेस जैसे शीर्ष खिलाड़ियों को कोचिंग दी."

अली ने 16 साल की उम्र में 1955 में राष्ट्रीय खिताब जीता था. उन्हें 2000 में अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था.

अख्तर के बेटे और भारत के पूर्व डेविस कप खिलाड़ी जीशान अली हालांकि अपने पिता के पास नहीं थे. वो दिल्ली में एक कैम्प में शामिल थे. पिता के निधन का समाचार मिलते ही वो कोलकाता रवाना हो गए. निलोफर का कहना है कि अख्तर का अंतिम संस्कार रविवार को सूर्यास्त से पहले किया जाएगा.

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