नई दिल्ली : सात बार की ग्रैंड स्लैम विजेता जस्टिन हेनिन 29 अप्रैल से एक मई के बीच भारत में रोलां गैरो वाइल्ड कार्ड सीरीज के लिए भारत में होंगी. ये टूर्नामेंट देश में युवा खिलाड़ियों को क्ले कोर्ट पर टेनिस खेलने का मौका प्रदान करेगा और बेल्जियम की इस खिलाड़ी को लगता है कि वो इस मौके को देश के बच्चों पर सकारात्मक प्रभाव छोड़ने के लिए उपयोग कर सकती हैं.
जस्टिन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि रोल मॉडल्स की कमी भारत में टेनिस के प्रचलित न होने का एक बड़ा कारण है. देश में हालांकि लिएंडर पेस, महेश भूपति और सानिया मिर्जा जैसे दिग्गज हैं लेकिन फिर भी देश से लगातार बड़े खिलाड़ी नहीं निकल रहे हैं.
जस्टिन ने कहा,"उदाहरण तय करने के लिए ये जरूरी है कि रोल मॉडल्स हों. वो बच्चों को प्रेरित करते हैं. उदाहरण के तौर पर जब बेल्जियम की फुटबॉल टीम ने जब अच्छा किया तो बच्चे फुटबॉल खेलना चाहते थे. शीर्ष स्तर के खिलाड़ी बच्चों को प्रेरित करते हैं. उच्च स्तर पर खेलने का अनुभव साझा करने से भी बच्चे प्रेरित होते हैं."
उन्होंने कहा,"मैं भारत के बारे में ज्यादा नहीं जानती, लेकिन काफी लोग वहां हैं हम उनसे पूछ सकते हैं कि कितने लोग वहां इस खेल को खेलना चाहते हैं. एटीपी टूर पर कुछ खिलाड़ियों के अच्छा प्रदर्शन करने पर चीजें सुधर रही हैं. मैं जब वहां जाऊंगी तो इस बारे में और ज्यादा बात कर सकूंगी. मैंने ऐसा भी सुना है कि टेनिस महंगा खेल है और यह भी एक कारण हो सकता है, लेकिन इस तरह की जूनियर वाइल्ड कार्ड सीरीज इसमें मदद करेगी."
जस्टिन 10 सप्ताह तक नंबर-1 पर रही थीं. उनसे जब इस दबदबे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा,"ये काफी चीजों का मिश्रण हैं, लेकिन जो पहली चीज है वो है अपने आप और आपने जो सपना देखा है उसमें विश्वास. मेरा सपना रोलां गैरो जीतना और नंबर-1 खिलाड़ी बनना था. कई लोगों ने कहा था कि मैं ऐसा नहीं कर पाऊंगी, लेकिन सबसे अहम बात ये थी कि मैं जानती थी मैं कर सकती हूं."
उन्होंने कहा, "यहां तक कि मुश्किल समय में कई बार मैंने अपने आप से पूछा कि मैं किस हद तक ये चाहती हूं. मेहनत और प्रतिबद्धता भी काफी अहम हैं."