नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) महिला पहलवानों के कोच एंड्रयू कुक की सेवाएं खत्म करने को तैयार है क्योंकि उन्होंने वेतन का भुगतान नहीं होने पर भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के ऑनलाइन सत्र में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था. हालांकि अमेरिकी कोच ने इस बात से इनकार किया है.
कोरोना वायरस महामारी के कारण जब मार्च में लखनऊ में महिला पहलवानों के लिए लगा राष्ट्रीय शिविर निलंबित हो गया था तो कुक सिएटल के लिए रवाना हो गए थे.
डब्ल्यूएफआई के अनुसार कुक से हाल में साई अधिकारियों ने ई-पाठशाला जैसे सत्र में हिस्सा लेने के लिए संपर्क किया लेकिन उन्होंने कथित रूप से कहा कि जब तक उन्हें अपना लंबित वेतन नहीं मिल जाता, वह इसमें भाग नहीं लेंगे. जब वह 17 मार्च को अमेरिका के लिए रवाना हुए थे तो उन्होंने कहा था कि साई ने उनका आधा वेतन रोक रखा है.
डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर ने कहा, "यह व्यवहार स्वीकार्य नहीं है. यह दिखाता है कि कुक केवल वेतन के लिए काम करते हैं और वह भारतीय कुश्ती के लिए जुनूनी नहीं हैं. साई अधिकारियों ने हमें उनके इनकार करने के संदेशों के स्क्रीनशाट दिखाए."
उन्होंने कहा, "इसके बाद हमने कुक को सत्र में हिस्सा लेने को कहा और साथ ही उन्हें आश्वासन दिया कि उनका वेतन उन्हें मिल जाएगा. उन्होंने कुछ सत्रों में हिस्सा लिया लेकिन हमें उनका बर्ताव अच्छा नहीं लगा."
उन्होंने साथ ही कहा, "हमने आपस में इसकी चर्चा की और अपने पहलवानों से भी पूछा कि क्या उन्हें उनकी सचमुच जरूरत है. पहलवानों ने हमें कहा कि उनकी इतनी जरूरत नहीं है, इसलिए हमने उनकी सेवाएं तुरंत प्रभाव से खत्म करने का फैसला किया. हम उन्हें पत्र भेजेंगे."
कुक को सितंबर 2018 में डब्ल्यूएफआई की सिफारिश के बाद साई ने नियुक्त किया था और वह 2019 के शुरू में शिविर से जुड़े थे.
अमेरिकी कोच ने पुष्टि की कि साई ने उनका बाकी वेतन दे दिया है. उन्हें मार्च, अप्रैल और मई का वेतन दो दिन पहले ही मिला है. हालांकि उन्होंने कहा कि वह नियमित रूप से पहलवानों और साई कोचों के संपर्क में थे.