सोनीपत : विश्व चैंपियनशिप से पहले प्रतियोगिताओं का आयोजन नहीं हो पाना आदर्श स्थिति नहीं है लेकिन भारत के शीर्ष पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा है कि वह किसी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने की तैयारी नहीं कर रहे हैं और वह इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में सीधा खेलना पसंद करेंगे.
यूनाईटेड वर्ल्ड रेस्लिंग ने जूनियर विश्व चैंपियनशिप को रद कर दिया है लेकिन उसे उम्मीद है कि यूरोप में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बावजूद सर्बिया के बेलग्राद में सीनियर चैंपियनशिप का आयोजन 12 से 20 दिसंबर तक हो पाएगा. भारतीय पहलवान फिलहाल यहां भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के सोनीपत केंद्र में ट्रेनिंग कर रहे हैं.
बजरंग ने साई की विज्ञप्ति में कहा, "यह काफी अच्छा है कि हमने ट्रेनिंग में वापसी की है. ऐसा नहीं था कि हम लय में नहीं थे क्योंकि लॉकडाउन के दौरान हम अपने घरों में ट्रेनिंग कर रहे थे. लेकिन इसकी तुलना शिविर में मैट पर होने वाली ट्रेनिंग से नहीं की जा सकती."
पुरुष शिविर साई केंद्र में एक सितंबर को शुरू हुआ था. बजरंग ने स्वीकार किया, "लेकिन हमें अपना स्तर पता है और पता है कि प्रतिस्पर्धा पेश करते हुए हम कहां पर हैं. एक खिलाड़ी को खेलने की जरूरत है क्योंकि तभी उसे पता चलेगा कि उसकी स्थिति क्या है."
दो पुरुष फ्रीस्टाइल प्रतियोगिताओं का आयोजन पोलैंड (चार और आठ नवंबर) और रूस (सात और आठ नवंबर) में होना है लेकिन बजरंग ने बताया कि वे वहां प्रतिस्पर्धा पेश करने के लिए उत्सुक नहीं हैं.
उन्होंने कहा, "इन प्रतियोगिता में जितने मर्जी पहलवान हिस्सा ले सकते हैं लेकिन विश्व चैंपियनशिप में प्रत्येक वर्ग में सिर्फ एक पहलवान हिस्सा मुझे नहीं लगता कि रूस या पोलैंड जाना बुद्धिमानी भरा होगा."
टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले तीन भारतीय पुरुष फ्रीस्टाइल पहलवानों में से एक पूनिया ने कहा, "हमें तो यह भी सुनिश्चित नहीं है कि विश्व चैंपियनशिप होगी या नहीं. हमने सुना है कि यूरोप में कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं."
इसका मतलब है कि अगर सीनियर विश्व चैंपियनशिप का आयोजन हुआ तो पहलवान बिना किसी प्रतियोगिता में हिस्सा लिए सीधे इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे. राष्ट्रीय कोच जगमंदर सिंह ने भी कहा कि प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना महत्वपूर्ण है.
उन्होंने कहा, "अब ट्रेनिंग शुरू हो चुकी है, पहलवानों में काफी सुधार हुआ है... प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने पर ही पहलवान को भरोसा होगा कि वह कहां खड़ा है."