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डोप टेस्ट में शामिल नहीं हुए भाला फेंक पैरा एथलीट संदीप - awaharlal Nehru Stadium

पिछले सप्ताह डोप-टेस्ट में शामिल नहीं होने के बाद विश्व रिकॉर्डधारी भारतीय भाला फेंक पैरा एथलीट संदीप चौधरी के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती है.

World champ para javelin thrower Sandeep Chaudhary
World champ para javelin thrower Sandeep Chaudhary
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Published : Mar 2, 2021, 1:28 PM IST

नई दिल्ली: पिछले सप्ताह जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में डोप टेस्ट के लिए विदेशी अधिकारियों की टीम पहुंचने के बाद संदीप अपने रूम पर नहीं मिले थे. भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी.

जकार्ता 2018 एशियाई पैरा गेम्स के भाला फेंक चैंपियन चौधरी और दो अन्य भाला फेंकने एथलीट ओलंपिक खेलों की तैयारी शिविर में भाग ले रहे थे.

पीसीआई के अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, "विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) की एक टीम जब जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में उनके कमरे में डोप टेस्ट के लिए सैंपल लेने के लिए पहुंची, तो वो अपने कमरे में मौजूद नहीं थे। वह डोप टेस्ट से चूक गए और ये वाडा के रिकॉर्ड में उनके खिलाफ जा सकता है."

Sandeep Chaudhary
एथलीट संदीप

टेस्ट, वाडा के ठिकाने के अनुसार होना था, जिसके अनुसार एथलीट आने वाले अधिकारियों को अपने स्थान उपलब्ध कराते हैं ताकि वे प्रतियोगिता के बाहर होने वाले टेस्ट के लिए नमूने ले सकें. मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने कहा कि चौधरी अपने परिवार में जरूरी काम के लिए स्टेडियम हॉस्टल छोड़कर गए थे.

अधिकारी ने कहा, "उनके पिता अस्वस्थ हैं और वो उन्हें देखने गए थे लेकिन उन्होंने शायद इस कारण को वाडा को अपना ठिकाना नहीं बताया."

ये भी पढ़ें- स्पेनिश मुक्केबाजी टूर्नामेंट का ड्रॉ घोषित, मेरीकोम और अमित पंघाल सहित 12 भरतीय क्वार्टर फाइनल में

ये चौधरी का पहला 'अपराध' है. यदि वो 12 महीनों में तीन बार डोप टेस्ट में शामिल नहीं होते हैं तो वाडा के डोपिंग रोधी उल्लंघन नियमों के अनुसार, उन पर चार साल का प्रतिबंध लग सकता है. हालांकि, वो अब तक एक भी प्रतियोगिता में डोप टेस्ट में असफल नहीं हुए हैं.

नई दिल्ली: पिछले सप्ताह जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में डोप टेस्ट के लिए विदेशी अधिकारियों की टीम पहुंचने के बाद संदीप अपने रूम पर नहीं मिले थे. भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी.

जकार्ता 2018 एशियाई पैरा गेम्स के भाला फेंक चैंपियन चौधरी और दो अन्य भाला फेंकने एथलीट ओलंपिक खेलों की तैयारी शिविर में भाग ले रहे थे.

पीसीआई के अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, "विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) की एक टीम जब जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में उनके कमरे में डोप टेस्ट के लिए सैंपल लेने के लिए पहुंची, तो वो अपने कमरे में मौजूद नहीं थे। वह डोप टेस्ट से चूक गए और ये वाडा के रिकॉर्ड में उनके खिलाफ जा सकता है."

Sandeep Chaudhary
एथलीट संदीप

टेस्ट, वाडा के ठिकाने के अनुसार होना था, जिसके अनुसार एथलीट आने वाले अधिकारियों को अपने स्थान उपलब्ध कराते हैं ताकि वे प्रतियोगिता के बाहर होने वाले टेस्ट के लिए नमूने ले सकें. मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने कहा कि चौधरी अपने परिवार में जरूरी काम के लिए स्टेडियम हॉस्टल छोड़कर गए थे.

अधिकारी ने कहा, "उनके पिता अस्वस्थ हैं और वो उन्हें देखने गए थे लेकिन उन्होंने शायद इस कारण को वाडा को अपना ठिकाना नहीं बताया."

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ये चौधरी का पहला 'अपराध' है. यदि वो 12 महीनों में तीन बार डोप टेस्ट में शामिल नहीं होते हैं तो वाडा के डोपिंग रोधी उल्लंघन नियमों के अनुसार, उन पर चार साल का प्रतिबंध लग सकता है. हालांकि, वो अब तक एक भी प्रतियोगिता में डोप टेस्ट में असफल नहीं हुए हैं.

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