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पेशेवर मुक्केबाजी में नई स्किल्स सीखने की कोशिश : विकास कृष्ण

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Published : Sep 29, 2020, 9:49 PM IST

28 साल के हरियाणा के मुक्केबाज ने कहा कि पेशेवर मुक्केबाजी का अनुभव उन्हें ओलंपिक पदक जीतने में मदद करेगा.

will try and learn new skills in pro boxing says Vikas Krishna
will try and learn new skills in pro boxing says Vikas Krishna

नई दिल्ली: एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता विकास कृष्ण ने कहा है कि वो पेशेवर मुक्केबाजी से अपने खेल में नई स्किल्स शामिल करेंगे जिनका प्रयोग वो टोक्यो ओलंपिक के लिए एमेच्योर मुक्केबाजी में करेंगे.

28 साल के हरियाणा के मुक्केबाज ने कहा कि पेशेवर मुक्केबाजी का अनुभव उन्हें ओलंपिक पदक जीतने में मदद करेगा.

will try and learn new skills in pro boxing says Vikas Krishna
विकास कृष्ण

विकास ने भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी मुदीत दानी के ऑनलाइन चैट शो में कहा, "मैं पेशेवर मुक्केबाजी में नई स्किल्स सीखने पर ध्यान दूंगा जो मुझे ओलंपिक में मदद करेंगी. ओलंपिक से चार-पांच महीने पहले मैं एमेच्योर मुक्केबाजी में वापसी करूंगा और दो-तीन टूर्नामेंट्स खेल लय में लौटूंगा."

69 किलोग्राम भारवर्ग में खेलने वाला ये खिलाड़ी उन 8 मुक्केबाजों में है, जिन्होंने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है.

पेशेवर मुक्केबाजी में एमेच्योर मुक्केबाजी से ज्यादा जोखिम रहता है. विकास ने बताया कि उनका परिवार पेशेवर मुक्केबाजी के लिए अभी भी राजी नहीं है.

उन्होंने कहा, "मेरा परिवार नहीं चाहता था कि मैं पेशेवर मुक्केबाजी करूं क्योंकि आपको कई तरह की चोटों का सामना करना पड़ता है. ये मुश्किल खेल है. साथ ही आपको लंबे समय तक घर से बाहर रहना पड़ता है."

नई दिल्ली: एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता विकास कृष्ण ने कहा है कि वो पेशेवर मुक्केबाजी से अपने खेल में नई स्किल्स शामिल करेंगे जिनका प्रयोग वो टोक्यो ओलंपिक के लिए एमेच्योर मुक्केबाजी में करेंगे.

28 साल के हरियाणा के मुक्केबाज ने कहा कि पेशेवर मुक्केबाजी का अनुभव उन्हें ओलंपिक पदक जीतने में मदद करेगा.

will try and learn new skills in pro boxing says Vikas Krishna
विकास कृष्ण

विकास ने भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी मुदीत दानी के ऑनलाइन चैट शो में कहा, "मैं पेशेवर मुक्केबाजी में नई स्किल्स सीखने पर ध्यान दूंगा जो मुझे ओलंपिक में मदद करेंगी. ओलंपिक से चार-पांच महीने पहले मैं एमेच्योर मुक्केबाजी में वापसी करूंगा और दो-तीन टूर्नामेंट्स खेल लय में लौटूंगा."

69 किलोग्राम भारवर्ग में खेलने वाला ये खिलाड़ी उन 8 मुक्केबाजों में है, जिन्होंने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है.

पेशेवर मुक्केबाजी में एमेच्योर मुक्केबाजी से ज्यादा जोखिम रहता है. विकास ने बताया कि उनका परिवार पेशेवर मुक्केबाजी के लिए अभी भी राजी नहीं है.

उन्होंने कहा, "मेरा परिवार नहीं चाहता था कि मैं पेशेवर मुक्केबाजी करूं क्योंकि आपको कई तरह की चोटों का सामना करना पड़ता है. ये मुश्किल खेल है. साथ ही आपको लंबे समय तक घर से बाहर रहना पड़ता है."

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