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खेल रत्न पुरस्कार लेने के बाद पूनिया ने कहा- ओलंपिक में देखेगा एक नया बजरंग - विश्व चैम्पियनशिप

2018 में 65 किलो वर्ग में दुनिया के नंबर एक पहलवान बनने वाले भारत के स्टार रेसलर बजरंग पूनिया को खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

Punia
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Published : Nov 29, 2019, 11:31 AM IST

नई दिल्ली: अपने विरोधियों को परोक्ष चेतावनी देते हुए बजरंग पूनिया ने कहा कि कुश्ती जगत टोक्यो ओलंपिक में उन्हें नए रूप में देखेगा. बजरंग टोक्यो ओलंपिक में भारत की सबसे बड़ी पदक उम्मीदों में से एक हैं.

'लेग डिफेंस' उनकी कमजोरी रहा है और उनके विरोधियों ने इसका फायदा हमेशा उठाया है. कई विशेषज्ञों का मानना है कि ओलंपिक में ये कमजोरी उन पर भारी पड़ सकती है.

इस कमजोरी के बावजूद वो 2018 में 65 किलो वर्ग में दुनिया के नंबर एक पहलवान बने.

उन्होंने कहा,"मेरे कोच का कहना है कि दोबारा मैट पर उतरने पर मुझे अपने विरोधी को चौंकाने का शऊर आना चाहिए. मैं बताऊंगा नहीं कि क्या कर रहा हूं लेकिन टोक्यो में मैट पर आपको एक नया बजरंग देखने को मिलेगा."

खेल रत्न पुरस्कार के साथ रेसलर बजरंग पूनिया
खेल रत्न पुरस्कार के साथ रेसलर बजरंग पूनिया

उन्होंने कहा,"लोग कहेंगे कि बजरंग का खेल बिल्कुल बदल गया है. चाहे तकनीक हो, दम खम या शैली , सभी पर मैंने काम किया है."

बजरंग ने यहां खेल रत्न पुरस्कार लेने के बाद ये बात कही. वो विश्व चैम्पियनशिप की तैयारी में व्यस्त होने के कारण पुरस्कार समारोह में नहीं आ सके थे.

उन्होंने कहा,"मैं कुछ समय मैट पर अभ्यास नहीं कर रहा था. मेरी चोट का दर्द कम नहीं हो रहा था और डाक्टरों का कहना था कि इससे पूरी तरह उबरना होगा वरना कुछ गंभीर समस्या हो जाऐगी. मेरे पास आराम का समय था क्योंकि ओलंपिक के आसपास जोखिम नहीं ले सकता था. मैने शारीरिक अभ्यास पर फोकस रखा, मैट अभ्यास पर नहीं."

बजरंग ने कहा,"नए सत्र में मेरा पहला टूर्नामेंट जनवरी में होगा. इटली के बाद एशियाई चैम्पियनशिप है और एक रैंकिंग सीरिज टूर्नामेंट है. अभी शेड्यूल तय नहीं हुआ है."

नई दिल्ली: अपने विरोधियों को परोक्ष चेतावनी देते हुए बजरंग पूनिया ने कहा कि कुश्ती जगत टोक्यो ओलंपिक में उन्हें नए रूप में देखेगा. बजरंग टोक्यो ओलंपिक में भारत की सबसे बड़ी पदक उम्मीदों में से एक हैं.

'लेग डिफेंस' उनकी कमजोरी रहा है और उनके विरोधियों ने इसका फायदा हमेशा उठाया है. कई विशेषज्ञों का मानना है कि ओलंपिक में ये कमजोरी उन पर भारी पड़ सकती है.

इस कमजोरी के बावजूद वो 2018 में 65 किलो वर्ग में दुनिया के नंबर एक पहलवान बने.

उन्होंने कहा,"मेरे कोच का कहना है कि दोबारा मैट पर उतरने पर मुझे अपने विरोधी को चौंकाने का शऊर आना चाहिए. मैं बताऊंगा नहीं कि क्या कर रहा हूं लेकिन टोक्यो में मैट पर आपको एक नया बजरंग देखने को मिलेगा."

खेल रत्न पुरस्कार के साथ रेसलर बजरंग पूनिया
खेल रत्न पुरस्कार के साथ रेसलर बजरंग पूनिया

उन्होंने कहा,"लोग कहेंगे कि बजरंग का खेल बिल्कुल बदल गया है. चाहे तकनीक हो, दम खम या शैली , सभी पर मैंने काम किया है."

बजरंग ने यहां खेल रत्न पुरस्कार लेने के बाद ये बात कही. वो विश्व चैम्पियनशिप की तैयारी में व्यस्त होने के कारण पुरस्कार समारोह में नहीं आ सके थे.

उन्होंने कहा,"मैं कुछ समय मैट पर अभ्यास नहीं कर रहा था. मेरी चोट का दर्द कम नहीं हो रहा था और डाक्टरों का कहना था कि इससे पूरी तरह उबरना होगा वरना कुछ गंभीर समस्या हो जाऐगी. मेरे पास आराम का समय था क्योंकि ओलंपिक के आसपास जोखिम नहीं ले सकता था. मैने शारीरिक अभ्यास पर फोकस रखा, मैट अभ्यास पर नहीं."

बजरंग ने कहा,"नए सत्र में मेरा पहला टूर्नामेंट जनवरी में होगा. इटली के बाद एशियाई चैम्पियनशिप है और एक रैंकिंग सीरिज टूर्नामेंट है. अभी शेड्यूल तय नहीं हुआ है."

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खेल रत्न पुरस्कार लेने के बाद पूनिया ने कहा- ओलंपिक में देखेगा एक नया बजरंग



 



2018 में 65 किलो वर्ग में दुनिया के नंबर एक पहलवान बनने वाले भारत के स्टार रेसलर बजरंग पूनिया को खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया.



नई दिल्ली: अपने विरोधियों को परोक्ष चेतावनी देते हुए बजरंग पूनिया ने कहा कि कुश्ती जगत टोक्यो ओलंपिक में उन्हें नए रूप में देखेगा. बजरंग टोक्यो ओलंपिक में भारत की सबसे बड़ी पदक उम्मीदों में से एक हैं.



'लेग डिफेंस' उनकी कमजोरी रहा है और उनके विरोधियों ने इसका फायदा हमेशा उठाया है. कई विशेषज्ञों का मानना है कि ओलंपिक में ये कमजोरी उन पर भारी पड़ सकती है.



इस कमजोरी के बावजूद वो 2018 में 65 किलो वर्ग में दुनिया के नंबर एक पहलवान बने.

 

उन्होंने कहा,"मेरे कोच का कहना है कि दोबारा मैट पर उतरने पर मुझे अपने विरोधी को चौंकाने का शऊर आना चाहिए. मैं बताऊंगा नहीं कि क्या कर रहा हूं लेकिन टोक्यो में मैट पर आपको एक नया बजरंग देखने को मिलेगा."



उन्होंने कहा,"लोग कहेंगे कि बजरंग का खेल बिल्कुल बदल गया है. चाहे तकनीक हो, दम खम या शैली , सभी पर मैंने काम किया है."



बजरंग ने यहां खेल रत्न पुरस्कार लेने के बाद ये बात कही. वो विश्व चैम्पियनशिप की तैयारी में व्यस्त होने के कारण पुरस्कार समारोह में नहीं आ सके थे.

 

उन्होंने कहा,"मैं कुछ समय मैट पर अभ्यास नहीं कर रहा था. मेरी चोट का दर्द कम नहीं हो रहा था और डाक्टरों का कहना था कि इससे पूरी तरह उबरना होगा वरना कुछ गंभीर समस्या हो जाऐगी. मेरे पास आराम का समय था क्योंकि ओलंपिक के आसपास जोखिम नहीं ले सकता था. मैने शारीरिक अभ्यास पर फोकस रखा, मैट अभ्यास पर नहीं."



बजरंग ने कहा,"नए सत्र में मेरा पहला टूर्नामेंट जनवरी में होगा. इटली के बाद एशियाई चैम्पियनशिप है और एक रैंकिंग सीरिज टूर्नामेंट है. अभी शेड्यूल तय नहीं हुआ है."


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