नई दिल्ली : यूडब्ल्यूडब्ल्यू (यूनाईटेड वर्ल्ड रेसलिंग) के प्रमुख नेनाद लालोविच चाहते हैं कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) सहित सभी हितधारक सहयोग करें ताकि भारतीय पहलवानों को खेल में चल रही अनिश्चितता से कोई असुविधा नहीं हो और वे महत्वपूर्ण ओलंपिक वर्ष में अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा ले सकें.
लालोविच ने आईओए तदर्थ पैनल के कुश्ती प्रभारी को लिखे अपने पत्र में कहा कि अगर आईओए 'आधिकारिक पुष्टि' देता है तो यूडब्ल्यूडब्ल्यू नये भारतीय कुश्ती महासंघ को मान्यता देने को तैयार है.
इस साल कई ओलंपिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट होने हैं और महिला पहलवान अंतिम पंघाल ही एकमात्र भारतीय हैं जिन्होंने पेरिस 2024 के लिए क्वालीफाई किया है. वहीं अन्य पहलवानों ने बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट के विरोध प्रदर्शन के कारण एक साल से अधिक समय तक ट्रेनिंग शिविर और प्रतियोगितायें नहीं होने के कारण निराश किया है.
ये तीन शीर्ष पहलवान महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के आरोप में डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं.
यूडब्ल्यूडब्ल्यू अध्यक्ष ने अपने पत्र में लिखा, 'डब्ल्यूएफआई और आईओए से सहयोग करने का अनुरोध किया जाता है ताकि खिलाड़ियों से पक्षपात नहीं हो और वे 23 अगस्त 2023 के हमारे निलंबन पत्र में दी गयी शर्तों के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय यूडब्ल्यूडब्ल्यू प्रतियोगिताओं में विधिवत प्रवेश करें. भारत के सभी पहलवानों की खातिर हम आपके सहयोग के लिए धन्यवाद करते हैं'.
यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने यह भी कहा कि उसे संजय सिंह की अध्यक्षता वाली नवनिर्वाचित डब्ल्यूएफआई के बारे में जानकारी है और वह आईओए का इंतजार कर रहा है कि वह चुनाव के नतीजों की पुष्टि करे.
उन्होंने लिखा, 'यूडब्ल्यूडब्ल्यू को दिल्ली उच्च न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश की देखरेख में 21 दिसंबर 2023 को आयोजित डब्ल्यूएफआई के चुनावों के नतीजों के बारे में सूचित किया गया है'.
उन्होंने कहा, 'यूडब्ल्यूडब्ल्यू को संबंधित राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओए) द्वारा औपचारिक लिखित पुष्टि की जरूरत है ताकि वह चुनाव के नतीजों और सभी नये पदाधिकारियों के नामों को मान्यता दे और उनकी पुष्टि करे'.
इसके अनुसार, 'यह पत्र आईओए द्वारा ऐसी लिखित पुष्टि के आधिकारिक अनुरोध के लिए है'.
अध्यक्ष ने यह भी कहा कि यूडब्ल्यूडब्ल्यू को हितधारकों से एक मजबूत योजना की जरूरत है जिससे एक सुरक्षित माहौल की गारंटी मिले जिसमें पहलवान दुर्व्यवहार और उत्पीड़न की रिपोर्ट कर सकें और उनकी सुनवाई की प्रक्रिया लागू हो.
लालोविच ने डब्ल्यूएफआई से एक एथलीट आयोग बनाने को भी कहा जिसमें 50 प्रतिशत महिलायें हों ताकि अनुशासनात्मक मुद्दों का तुरंत समाधान निकल सके.
उन्होंने कहा, 'डब्ल्यूएफआई एक एथलीट आयोग भी बनाये और अगर उसके पास किसी एथलीट आयोग का अस्तित्व है तो वह यूडब्ल्यूडब्ल्यू को इसके बारे में सूचित करे. इस आयोग में पुरुष और महिला एथलीट (सक्रिय या जिन्हें संन्यास लिये हुए चार साल से ज्यादा समय नहीं हुआ हो) की संख्या बराबर हो जो केवल सक्रिय खिलाड़ियों द्वारा चुने जायें'.
लालोविच अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) कार्यकारी बोर्ड के सदस्य भी हैं.
उन्होंने लिखा, 'ये महत्वपूर्ण बिंदु यूडब्ल्यूडब्ल्यू ब्यूरो के लिए डब्ल्यूएफआई पर निलंबन लगाने का आधार थे. यूडब्ल्यूडब्ल्यू इनके पूरा होने पर ही निलंबन हटाने पर फैसला लेने की स्थिति में होगा'.