नई दिल्ली : भारतीय कुश्ती में चल रही उथल-पुथल से 'चिंतित' विश्व संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) के अध्यक्ष नेनाद लालोविच ने यह स्पष्ट करने के लिए कहा है कि देश में इस खेल का संचालन कौन कर रहा है और इसके जवाब में भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने अपने मामलों में सरकारी हस्तक्षेप की शिकायत की है. लालोविच ने 28 अप्रैल को डब्ल्यूएफआई के लिए एक पत्र भेजा है और इसकी प्रति भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आइओसी) के अधिकारी जे पोइवे को भी भेजी है.
विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक सहित भारत के चोटी के पहलवान डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं जिन पर उन्होंने महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है. आईओए ने सरकार के कहने के बाद कुश्ती महासंघ के दैनिक कामकाज के संचालन के लिए एक तदर्थ पैनल गठित किया है. खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई के चुनाव पर रोक भी लगा दी है और आईओए से चुनाव कराने के लिए कहा है.
लालोविच ने अपने पत्र में लिखा है कि यह स्पष्ट नहीं है कि यूडब्ल्यूडब्ल्यू की प्रतियोगिताओं में खिलाड़ियों को कौन भेजेगा और महासंघ के दैनिक कार्यों का संचालन करने के लिए कौन प्रभारी है. ऐसा लगता है कि डब्ल्यूएफआई के महासचिव अभी अपने पद पर हैं और सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं. उन्होंने आगे लिखा है, यूडब्ल्यूडब्ल्यू को मीडिया से जो जानकारी मिली है, उससे पता चलता है कि बृजभूषण के खिलाफ कथित उत्पीड़न और दुर्व्यवहार की जांच रिपोर्ट को अप्रैल की शुरुआत में अंतिम रूप दिया गया था और इसे खेल मंत्रालय को भेज दिया गया था.
लालोविच ने लिखा है कि अभी तक कोई अन्य कार्रवाई नहीं की गई है और पहलवानों ने अपना धरना प्रदर्शन फिर से शुरू कर दिया है. इसके अलावा भारतीय महासंघ ने सात मई को आम सभा की बैठक बुलाई है. लालोविच के इस पत्र की प्रति पीटीआई के पास सुरक्षित है जिसमें आगे लिखा गया है,मैं इस सबको लेकर काफी चिंतित हूं और मैं आपसे यूडब्ल्यूडब्ल्यू को स्थिति के बारे में आधिकारिक और सटीक जानकारी प्रदान करने का आग्रह करता हूं. ऐसा करने में विफल होने की स्थिति में हम उपाय करने का अधिकार सुरक्षित रखते हैं.
पत्र में आगे लिखा गया है, यूडब्ल्यूडब्ल्यू आमतौर पर राष्ट्रीय महासंघों के चुनावों के लिए तब पर्यवेक्षक नियुक्त करता है जब विशेष परिस्थितियों में इसकी आवश्यकता होती है. यह डब्ल्यूएफआई का मामला है और हमें इस मामले की स्थिति से अवगत कराए जाने पर खुशी होगी, ताकि हम आवश्यक व्यवस्था कर सकें. भारतीय महासंघ ने इसके जवाब में विश्व संस्था को बताया है कि निगरानी समिति की भूमिका खत्म हो गई है और उसने राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन करने के अलावा आपात आम परिषद की बैठक भी बुलाई और चुनाव की घोषणा की जिसमें बृजभूषण शरण अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ सकते हैं.
डब्ल्यूएफआई ने अपने जवाब में लिखा कि हम चुनाव के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त करने के लिए विश्व संस्था को लिखने जा रहे थे लेकिन भारत सरकार के खेल मंत्रालय ने निर्देश जारी कर दिए कि चुनाव को मान्यता नहीं दी जाएगी और भारतीय ओलंपिक संघ चुनाव कराएगा जो कि आईओसी चार्टर के खिलाफ है. भारतीय महासंघ ने आगे लिखा है, यह समझ से परे है कि मंत्रालय राष्ट्रीय खेल महासंघ के कामकाज में कैसे हस्तक्षेप कर सकता है, जो एक स्वायत्त निकाय है.
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने भी पीटीआई से पुष्टि की कि वह भारतीय कुश्ती के मामले से अवगत है. आईओसी के एक प्रवक्ता ने पीटीआई से कहा, भारत में कुश्ती महासंघ की स्थिति की निगरानी संबंधित अंतरराष्ट्रीय महासंघ (यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) कर रहा है और आईओए से अनुरोध किया गया है कि वे कुश्ती महासंघ के साथ किसी भी कार्रवाई के समन्वय के लिए यूडब्ल्यूडब्ल्यू के साथ मिलकर काम करें.
(पीटीआई : भाषा)
ये भी पढ़ेंः WFI Controversy : खेल मंत्री ने समिति बनाकर मामले को दबाने की कोशिश की, विनेश का आरोप