ETV Bharat / sports

एशियाड 2010 में दोहरा खिताब बचाने का दबाव था : पंकज आडवाणी - Indian Olympic Association

भारतीय स्टार खिलाड़ी पंकज आडवाणी ने कहा है कि जब वो 21 साल के थे तो एशियाई खेल उन्हें एक अलग स्तर का लगा था क्योंकि भारतीय ओलंपिक संघ से लेकर पूरे खेल दुनिया की नजर उन पर थी.

पंकज आडवाणी
पंकज आडवाणी
author img

By

Published : Oct 23, 2020, 4:18 PM IST

नई दिल्ली: स्नूकर और बिलियर्ड्स में कुल 23 खिताब जीतने वाले खिलाड़ी पंकज आडवाणी ने खुलासा किया है कि ग्वांग्झोउ में 2010 एशियाई खेलों में 2006 में दोहा में जीते गए खिताब को बचाने का उन पर दबाव था.

आडवाणी ने 2006 दोहा एशियाई खेलों में बिलियर्ड्स में स्वर्ण पदक जीता था और वो ग्वांग्झोउ 2010 एशियाई खेलों में मौजूदा चैंपियन के रूप में उतरे थे, जहां उन्हें अपने पिछले खिताब का बचाव करना था.

स्नूकर और बिलियर्ड्स चैंपियन पंकज आडवाणी
स्नूकर और बिलियर्ड्स चैंपियन पंकज आडवाणी

आडवाणी ने ओलंपिक रजत पदक विजेता भारतीय महिला बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु के शो में बातचीत के दौरान ये बात कही.

आडवाणी ने कहा, "जब मैं 21 साल का था तो एशियाई खेल मुझे एक अलग स्तर का लगा था. वहां बहुत दबाव था क्योंकि न केवल आपकी की बिरादरी के लोग आपको देख रहे हैं, बल्कि पूरी खेल दुनिया, विशेष रूप से महाद्वीप, भारतीय अधिकारी, भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) और हर किसी की नजर आप पर और खेल पर है, क्योंकि वे हर खेल से पदक जीतने की उम्मीद रखते हैं."

आडवाणी ने 2010 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जिताकर भारत को इस प्रतियोगिता में पहला स्वर्ण पदक दिलाया था.

भारतीय स्टार खिलाड़ी पंकज आडवाणी
भारतीय स्टार खिलाड़ी पंकज आडवाणी

उन्होंने कहा, "मुझे पता था कि हमने बहुत से कांस्य और रजत पदक जीते हैं, लेकिन मुझे नहीं पता था कि ये भारत के लिए (प्रतियोगिता में) पहला स्वर्ण पदक होगा. इसलिए वो दबाव मुझ पर भाग्यशाली नहीं था. लेकिन स्वर्ण जीतने और एशियाई खेलों में अपने स्वर्ण पदक का बचाव करने का दबाव, निश्चित रूप से मुझ पर भारी पड़ रहा था."

35 वर्षीय आडवाणी ने आगे कहा, "जब मैं 62 अंक पर था और मुझे 38 अंक और चाहिए थे, तो मैंने बहुत ही साधारण गलती की और मुझे लगा कि शायद ये बहुत महंगा पड़ सकता है. फिर मुझे अंतिम झटका लगा और इस बार मैं खुद को तैयार करना चाहता था और थोड़ा समय लेकर और यह सुनिश्चित करना चाहता था कि मैंने फिनिश लाइन पार कर ली."

नई दिल्ली: स्नूकर और बिलियर्ड्स में कुल 23 खिताब जीतने वाले खिलाड़ी पंकज आडवाणी ने खुलासा किया है कि ग्वांग्झोउ में 2010 एशियाई खेलों में 2006 में दोहा में जीते गए खिताब को बचाने का उन पर दबाव था.

आडवाणी ने 2006 दोहा एशियाई खेलों में बिलियर्ड्स में स्वर्ण पदक जीता था और वो ग्वांग्झोउ 2010 एशियाई खेलों में मौजूदा चैंपियन के रूप में उतरे थे, जहां उन्हें अपने पिछले खिताब का बचाव करना था.

स्नूकर और बिलियर्ड्स चैंपियन पंकज आडवाणी
स्नूकर और बिलियर्ड्स चैंपियन पंकज आडवाणी

आडवाणी ने ओलंपिक रजत पदक विजेता भारतीय महिला बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु के शो में बातचीत के दौरान ये बात कही.

आडवाणी ने कहा, "जब मैं 21 साल का था तो एशियाई खेल मुझे एक अलग स्तर का लगा था. वहां बहुत दबाव था क्योंकि न केवल आपकी की बिरादरी के लोग आपको देख रहे हैं, बल्कि पूरी खेल दुनिया, विशेष रूप से महाद्वीप, भारतीय अधिकारी, भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) और हर किसी की नजर आप पर और खेल पर है, क्योंकि वे हर खेल से पदक जीतने की उम्मीद रखते हैं."

आडवाणी ने 2010 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जिताकर भारत को इस प्रतियोगिता में पहला स्वर्ण पदक दिलाया था.

भारतीय स्टार खिलाड़ी पंकज आडवाणी
भारतीय स्टार खिलाड़ी पंकज आडवाणी

उन्होंने कहा, "मुझे पता था कि हमने बहुत से कांस्य और रजत पदक जीते हैं, लेकिन मुझे नहीं पता था कि ये भारत के लिए (प्रतियोगिता में) पहला स्वर्ण पदक होगा. इसलिए वो दबाव मुझ पर भाग्यशाली नहीं था. लेकिन स्वर्ण जीतने और एशियाई खेलों में अपने स्वर्ण पदक का बचाव करने का दबाव, निश्चित रूप से मुझ पर भारी पड़ रहा था."

35 वर्षीय आडवाणी ने आगे कहा, "जब मैं 62 अंक पर था और मुझे 38 अंक और चाहिए थे, तो मैंने बहुत ही साधारण गलती की और मुझे लगा कि शायद ये बहुत महंगा पड़ सकता है. फिर मुझे अंतिम झटका लगा और इस बार मैं खुद को तैयार करना चाहता था और थोड़ा समय लेकर और यह सुनिश्चित करना चाहता था कि मैंने फिनिश लाइन पार कर ली."

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.