नई दिल्ली: भारतीय पहलवान सुमित मलिक की ओलंपिक में भाग लेने की उम्मीदें शुक्रवार को खत्म हो गईं. जब उनके बी नमूने में भी प्रतिबंधित पदार्थ के अंश पाए जाने के बाद यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने उन पर दो साल का प्रतिबंध लगा दिया.
मलिक को फैसले के खिलाफ अपील करने या उसे मानने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है.
सोफिया में विश्व ओलंपिक क्वालीफायर में डोप टेस्ट में नाकाम रहने के बाद उन पर अस्थाई निलंबन लगाया गया था. उसी टूर्नामेंट में उन्होंने 125 किलोवर्ग में टोक्यो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई किया.
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उनके बी नमूने की 30 जून को हुई, जांच में उसी प्रतिबंधित पदार्थ के अंश मिले हैं.
राष्ट्रमंडल खेल 2018 के स्वर्ण पदक विजेता मलिक ने पीटीआई को बताया, दाहिने घुटने में दर्द के कारण दर्द निवारक दवाएं ली थी.
भारतीय कुश्ती महासंघ के एक अधिकारी ने बताया, सुमित मलिक का बी नमूना भी पॉजिटिव आया है. यूडब्ल्यूडब्ल्यूए ने तीन जून से उन पर दो साल का प्रतिबंध लगा दिया है. उनके पास जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय है. वह सुनवाई की मांग कर सकते हैं या सजा स्वीकार कर सकते हैं.
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मलिक के करीबी सूत्रों ने कहा कि वे जल्दी ही फैसला लेंगे और अपने वकील से बात कर रहे हैं.
डब्ल्यूएफआई में लोगों का मानना है, मलिक को फैसले के खिलाफ अपील करनी चाहिए. क्योंकि उसने स्टेरॉयड नहीं लिया है. बल्कि स्टीम्युलेंट अनजाने में ले लिया है. उन्हें ओलंपिक क्वालीफायर से पहले राष्ट्रीय शिविर में घुटने में चोट लगी थी.
मामले की सुनवाई होने और फैसला आने में समय लगेगा और वह ओलंपिक नहीं जा सकेंगे.