हैदराबाद : देखिए खेल जगत की कुछ ऐसी खबरें जिनकों हेडलाइन में जगह नहीं मिली लेकिन खेल प्रेमी के लिए इन खबरों को जानना बेहद जरुरी है.
1. पीएनजी ने जापान को दिया था वॉक ओवर
सानो में खेले गए ईस्ट एशिया पैसेफिक रीजनल क्वालीफायर के फाइनल मुकाबले में पापुआ न्यू गिनी ने जापान को वॉक ओवर दे दिया था दरअसल पापुआ न्यू गिनी ने अपने सभी 11 खिलाड़ियों को अनुशासनहीनता के आरोपों की वजह से निलंबित कर दिया था.
2. एक भारतीय एथलीट हैं जिनका नाम है डेविड बेकहम!
एक भारतीय एथलीट मीडिया की रडार में आए हैं जिनका नाम डेविड बेकहम है. 17 साल के इस खिलाड़ी ने 2020 खेलों में इंडिया के लिए गोल्ड मेडल भी जीता. भारत के डेविड बेकहम ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत के दौरान बताया कि, उनके मामा डेविड बेकहम के बहुत बड़े प्रशंसक हैं. उसी के चलते उनका नाम डेविड बैकहम पड़ गया. गौरतलब है कि डेविड बेकहम जब खेला करते थे तब भारतीय डेविड पैदा भी नहीं हुए थे.
3. ग्रीको-रोमन फॉर्मेट में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय पहलवान बने गुरप्रीत
पिछले साल पंजाब के मोहाली में 25 वर्षीय गुरप्रीत ने इटली के सासरी में रैंकिंग सीरीज टूर्नामेंट में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय ग्रीको-रोमन पहलवान बने थे. उन्होंने इस साल एक बार फिर रोम रैंकिंग सीरीज टूर्नामेंट में वही कारनामा कर दिखाया. गुरप्रीत ने तुर्की के बुरहान को 8-5 से 82 किलोग्राम फाइनल मुकाबले में हराया और भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता.
4. 57 साल की उम्र में जीता डकार रैली का खिताब
मैकलारेन फॉर्मूला वन के चालक कार्लोस सैंज जूनियर के पिता 57 वर्षीय स्पैनियार्ड कार्लोस सैंस ने कार की कैटेगरी में कतर के नासर से 6 मिनट 21 सेकंड पहले रेस पूरी कर डकार रैली के चैंपियन बन गए. कार्लोस सैंज ने गत चैंपियन नासिर अल-अत्तियाह को 6 मिनट 21 सेकंड पहले रेस पूरी करते हुए किदिया में तीसरी बार डकार रैली जीती. 57 वर्षीय स्पैनियार्ड ने इससे पहले 2010 और 2018 में भी जीत हासिल की थी.
5. बीएफआई ने की मेजबानी की पेशकश
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने अगले महीने के ओलंपिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट की मेजबानी की पेशकश की है जिन्हें चीन के वुहान शहर में कोरोना विषाणु फैलने के बाद रद्द कर दिया गया है. चीनी का शहर वुहान इस समय वायरस के हमले से परेशान है, इसी वजह से आयोजन समिति ने टूर्नामेंट्स का आयोजन चीन से बाहर कराने का फैसला किया है.