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खेल मंत्रालय ने लिया बड़ा फैसला, भारतीय कोचों के लिए हटेगी सैलरी लिमिट - खेल मंत्रालय

खेल मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया है कि पूर्व दिग्गज एथलीटों को खेल तंत्र में आकर्षित करने के लिए बढ़ी हुई सैलरी और लंबी अनुबंध अवधि की पेशकश की जाएगी. इसका मकसद ओलंपिक सहित प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए क्वालीफाई करने वाले खिलाड़ियों को कोचिंग देने के लिए उनके अनुभव और कौशल का उपयोग करना है.

Kiren Rijiju
Kiren Rijiju
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Published : Jul 5, 2020, 1:07 PM IST

नई दिल्ली: खेल मंत्रालय ने शनिवार को भारतीय कोचों द्वारा एलीट एथलीटों को कोचिंग देने पर सैलरी की ऊपरी सीमा दो लाख रुपये को हटाने की घोषणा की.

ऐसा इसलिए किया गया ताकि वे बेहतर रिजल्ट देने के लिए प्रोत्साहित हों और पूर्व खिलाड़ियों को हाई परफॉर्मेंस कोचिंग बनने के लिए उत्साहित किया जा सके.

मंत्रालय ने शुक्रवार को सभी विदेशी कोचों के अनुबंध को अगले साल 30 सितंबर तक बढ़ाने का फैसला किया जिसके बाद यह घोषणा की गई.

Sports Ministry
खेल मंत्रालय

इसके साथ ही ओलंपिक से तालमेल बैठाते हुए अब भारतीय और विदेशी कोच को चार साल के लिए चुनने का फैसला किया गया.

खेल मंत्री किरन रिजिजू ने कहा, 'कई भारतीय कोच बहुत अच्छे परिणाम दे रहे हैं और उन्हें कड़ी मेहनत के लिए पुरस्कृत करने की आवश्यकता है. सरकार देश भर से बेस्ट कोचिंग प्रतिभाओं को आकर्षित करने की इच्छुक है. एलीट एथलीटों को कोचिंग देने के लिए हम नहीं चाहते हैं कि कोच के ऊपरी वेतन की कोई सीमा रुकावट बने.'

मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया है कि पूर्व दिग्गज एथलीटों को खेल तंत्र में आकर्षित करने के लिए बढ़ी हुई सैलरी और लंबी अनुबंध अवधि की पेशकश की जाएगी. इसका मकसद ओलंपिक सहित प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए क्वालीफाई करने वाले खिलाड़ियों को कोचिंग देने के लिए उनके अनुभव और कौशल का उपयोग करना है.

Sports Ministry
किरन रिजिजू

पहले से विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) में काम करने वाले प्रख्यात कोचों को नियुक्ति पर जुड़ने और चार साल के अनुबंध के साथ-साथ हाई सैलरी के लिए पात्र होने की अनुमति दी जाएगी.

कोचों के सैलरी का निर्धारण पूर्व-एलीट वर्ग के एथलीट के प्रदर्शन और कोच के तौर पर उसकी सफलता पर अधारित होगा.

मंत्रालय के बयान के मुताबिक, 'सभी नए कोच और मौजूदा कोच जिन्हें नया अनुबंध दिया गया है, वे राष्ट्रीय शिविर और भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (एनसीओई) में प्रशिक्षण प्रदान करेंगे जिनका चयन खेल मंत्रालय और राष्ट्रीय खेल संघों द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा.'

Sports Ministry
सायना नेहवाल और पी वी सिंधु के साथ पुलेला गोपीचंद

इस कदम का स्वागत करते हुए बैडमिंटन के राष्ट्रीय मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा, 'यह लंबे समय से खेल बिरादरी की मांग रही है. मैं इस फैसले से बहुत खुश हूं क्योंकि यह कई प्रतिभाशाली प्रशिक्षकों और पूर्व दिग्गज एथलीटों को इस पेशे में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करेगा.'

खेल मंत्रालय 2028 ओलंपिक को ध्यान में रखते हुए कोविड-19 महमारी के खत्म होने के बाद जमीनी स्तर की प्रतिभा खोजना फिर से शुरू करेगा.

नई दिल्ली: खेल मंत्रालय ने शनिवार को भारतीय कोचों द्वारा एलीट एथलीटों को कोचिंग देने पर सैलरी की ऊपरी सीमा दो लाख रुपये को हटाने की घोषणा की.

ऐसा इसलिए किया गया ताकि वे बेहतर रिजल्ट देने के लिए प्रोत्साहित हों और पूर्व खिलाड़ियों को हाई परफॉर्मेंस कोचिंग बनने के लिए उत्साहित किया जा सके.

मंत्रालय ने शुक्रवार को सभी विदेशी कोचों के अनुबंध को अगले साल 30 सितंबर तक बढ़ाने का फैसला किया जिसके बाद यह घोषणा की गई.

Sports Ministry
खेल मंत्रालय

इसके साथ ही ओलंपिक से तालमेल बैठाते हुए अब भारतीय और विदेशी कोच को चार साल के लिए चुनने का फैसला किया गया.

खेल मंत्री किरन रिजिजू ने कहा, 'कई भारतीय कोच बहुत अच्छे परिणाम दे रहे हैं और उन्हें कड़ी मेहनत के लिए पुरस्कृत करने की आवश्यकता है. सरकार देश भर से बेस्ट कोचिंग प्रतिभाओं को आकर्षित करने की इच्छुक है. एलीट एथलीटों को कोचिंग देने के लिए हम नहीं चाहते हैं कि कोच के ऊपरी वेतन की कोई सीमा रुकावट बने.'

मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया है कि पूर्व दिग्गज एथलीटों को खेल तंत्र में आकर्षित करने के लिए बढ़ी हुई सैलरी और लंबी अनुबंध अवधि की पेशकश की जाएगी. इसका मकसद ओलंपिक सहित प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए क्वालीफाई करने वाले खिलाड़ियों को कोचिंग देने के लिए उनके अनुभव और कौशल का उपयोग करना है.

Sports Ministry
किरन रिजिजू

पहले से विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) में काम करने वाले प्रख्यात कोचों को नियुक्ति पर जुड़ने और चार साल के अनुबंध के साथ-साथ हाई सैलरी के लिए पात्र होने की अनुमति दी जाएगी.

कोचों के सैलरी का निर्धारण पूर्व-एलीट वर्ग के एथलीट के प्रदर्शन और कोच के तौर पर उसकी सफलता पर अधारित होगा.

मंत्रालय के बयान के मुताबिक, 'सभी नए कोच और मौजूदा कोच जिन्हें नया अनुबंध दिया गया है, वे राष्ट्रीय शिविर और भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (एनसीओई) में प्रशिक्षण प्रदान करेंगे जिनका चयन खेल मंत्रालय और राष्ट्रीय खेल संघों द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा.'

Sports Ministry
सायना नेहवाल और पी वी सिंधु के साथ पुलेला गोपीचंद

इस कदम का स्वागत करते हुए बैडमिंटन के राष्ट्रीय मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा, 'यह लंबे समय से खेल बिरादरी की मांग रही है. मैं इस फैसले से बहुत खुश हूं क्योंकि यह कई प्रतिभाशाली प्रशिक्षकों और पूर्व दिग्गज एथलीटों को इस पेशे में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करेगा.'

खेल मंत्रालय 2028 ओलंपिक को ध्यान में रखते हुए कोविड-19 महमारी के खत्म होने के बाद जमीनी स्तर की प्रतिभा खोजना फिर से शुरू करेगा.

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