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खेल मंत्रालय ने पहलवान सनी जाधव को दी 2.5 लाख की आर्थिक मदद

60 किलोग्राम ग्रीको-रोमन स्पर्धा में पहलवान सनी जाधव ने चित्तौड़गढ़, राजस्थान में आयोजित अंडर -23 जूनियर राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप 2018 और खेले इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2020 में रजत पदक जीते थे.

Sports Ministry
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Published : Feb 4, 2021, 4:33 PM IST

नई दिल्ली : खेल मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने मध्य प्रदेश के पहलवान सनी जाधव को 2.5 लाख रुपये की आर्थिक मदद की है.

पंडित दीनदयाल उपाध्याय नेशनल वेलफेयर फंड फॉर स्पोर्ट्सपर्सन से उनके प्रशिक्षण, उपकरणों की खरीद और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में भागीदारी के लिए सहायता प्रदान की गई है.

60 किलोग्राम ग्रीको-रोमन स्पर्धा में जाधव ने चित्तौड़गढ़, राजस्थान में आयोजित अंडर -23 जूनियर राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप 2018 और खेले इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2020 में रजत पदक जीते.

सनी जाधव
सनी जाधव

अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए जाधव को पिछले कुछ महीनों में कुश्ती के अभ्यास के बाद दूसरों के वाहनों की सफाई सहित श्रम कार्य करना पड़ा है.

कड़ी मेहनत के बावजूद, वह अपने आहार के लिए खर्च नहीं उठा सकते थे और अपने कुश्ती प्रशिक्षण को जारी रखने के लिए दूसरों से कर्ज लेना पड़ता था. 2017 में ब्रेन हेमरेज के कारण सनी के पिता की मृत्यु हो गई जिसके बाद उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई.

दीनदयाल उपाध्याय कोष के अनुसार, खिलाड़ियों को प्रशिक्षण, उपकरणों की खरीद और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में भागीदारी के लिए 2.5 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है.

नई दिल्ली : खेल मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने मध्य प्रदेश के पहलवान सनी जाधव को 2.5 लाख रुपये की आर्थिक मदद की है.

पंडित दीनदयाल उपाध्याय नेशनल वेलफेयर फंड फॉर स्पोर्ट्सपर्सन से उनके प्रशिक्षण, उपकरणों की खरीद और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में भागीदारी के लिए सहायता प्रदान की गई है.

60 किलोग्राम ग्रीको-रोमन स्पर्धा में जाधव ने चित्तौड़गढ़, राजस्थान में आयोजित अंडर -23 जूनियर राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप 2018 और खेले इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2020 में रजत पदक जीते.

सनी जाधव
सनी जाधव

अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए जाधव को पिछले कुछ महीनों में कुश्ती के अभ्यास के बाद दूसरों के वाहनों की सफाई सहित श्रम कार्य करना पड़ा है.

कड़ी मेहनत के बावजूद, वह अपने आहार के लिए खर्च नहीं उठा सकते थे और अपने कुश्ती प्रशिक्षण को जारी रखने के लिए दूसरों से कर्ज लेना पड़ता था. 2017 में ब्रेन हेमरेज के कारण सनी के पिता की मृत्यु हो गई जिसके बाद उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई.

दीनदयाल उपाध्याय कोष के अनुसार, खिलाड़ियों को प्रशिक्षण, उपकरणों की खरीद और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में भागीदारी के लिए 2.5 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है.

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