श्रीनगर (जम्मू और कश्मीर): भारत के अंतरराष्ट्रीय स्कीयर आरिफ खान को स्विस दूतावास द्वारा उन 75 सफलता की कहानियों में से एक के रूप में चित्रित किया गया है जो स्विट्जरलैंड और भारत के बीच दोस्ती और साझेदारी को उजागर करती हैं. आरिफ खान जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग के रहने वाले हैं. उन्होंने भारत और स्विट्जरलैंड के बीच 1948 से चली आ रही शांति और दोस्ती को मान्यता को 75 साल बाद भी कायम रखा है.
आरिफ 2022 में बीजिंग में शीतकालीन ओलंपिक में अपने देश के लिए प्रतिस्पर्धा करने वाले भारत के एकमात्र एथलीट थे. इसके साथ ही वो गुल मुस्तफा देव के साथ दूसरे कश्मीरी के रूप में शामिल हो गए हैं जिन्होंने इस खेल में भारतीयों का नाम आगे बढ़ाया है.
स्विस दूतावास ने आरिफ की उपलब्धियों और कड़ी मेहनत की प्रशंसा करते हुए कहा कि, 'कश्मीर के स्विस-प्रशिक्षित स्कीयर आरिफ खान दुबई में एफआईएस इंटरनेशनल स्की रेस में स्वर्ण पदक जीतकर अंतरराष्ट्रीय स्की प्रतियोगिता जीतने वाले पहले भारतीय स्कीयर बन गए हैं. उन्होंने भारतीय स्कीइंग के इतिहास का एक और नया पन्ना जोड़ दिया है. उन्होंने भारत और स्विटजरलैंड के पहाड़ों को एक कदम करीब ला दिया है'.
आरिफ ने 9 नवंबर को दुबई में हुई एफआईएस इंटरनेशनल स्की रेस में सबसे ऊंची सीढ़ी पर चढ़ गए गोल्ड मेडल दिलाया है. ये भारत को एफआईएस (इंटरनेशनल स्की एंड स्नोबोर्ड फेडरेशन) प्रतियोगिता में मिलने वाला पहला स्वर्ण पदक दिलाया. इस शानदार जीत के बाद स्विस दूतावास आरिफ की कड़ी मेहनत और शानदार प्रदर्शन को देखते हुए कश्मीर को "भारत का स्विट्जरलैंड" भी कहा है.
आरिफ खान का जन्म 1990 में हुआ था. उनके पिता की 1976 में गुलमर्ग की पहली स्की शॉप थी. इसके बाद उन्होंने स्की से खेलना चालू करिया. उन्होंने 12 साल की उम्र में ही पहली राष्ट्रीय प्रतियोगिता जीती थी. वो कश्मीर की सुंदर झीलों और बर्फ से ढके पहाड़ों और हरियाली से भरे मैदान में पले बड़े हैं. उन्होंने भारत के स्विट्जरलैंड में अपने जीवन गुजारा है.
आरिफ साल 2018 से इटली, ऑस्ट्रेलिया और स्विट्जरलैंड में प्रशिक्षण ले रहे हैं और इसके साथ ही साथ प्रतिस्पर्धा भी कर रहे हैं. स्विस दूतावास द्वारा उन्हें 75 सफलता की कहानियों में से 44 वें स्थान पर रखा गया है. 33 साल के आरिफ ने पांच अल्पाइन विश्व स्की चैंपियनशिप और कई राष्ट्रीय और क्षेत्रीय टूर्नामेंटों में भाग लिया है.