हैदराबाद: भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव के मामले में एक और नया मोड़ आ गया है. अब शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को चलाने के लिए गठित तदर्थ समिति की याचिका पर जवाब मांगा है. इस यचिका में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा कुश्ती संस्था के चुनाव कराने पर रोक लगाने को चुनौती दी गई है. बता दें कि तदर्थ समिति ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. उन्होंने चुनाव रोके जाने के बारे में उचित कार्यवाही करने की मांग की थी.
आज न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने केंद्र हरियाणा कुश्ती संघ, हरियाणा ओलंपिक संघ और अन्य को नोटिस जारी किया है. इन सभी से सुप्रीम कोर्ट ने 3 नवंबर तक जवाब मांगा है. इसके साथ ही 29 अगस्त 2023 को शीर्ष अदालत ने डब्ल्यूएफआई चुनावों पर रोक लगाने वाले हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया था. 28 अगस्त को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनावों पर रोक को 25 सितंबर तक बढ़ाया था. इसी को लेकर तदर्थ समिति ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. वैश्विक नियामक संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग द्वारा समय पर चुनाव नहीं कराने के कारण डब्ल्यूएफआई को निलंबित किया गया था. इसके बाद ही ये फैसला आया था.
इस मामले में न्यायमूर्ति विनोद एस भारद्वाज की पीठ ने भी अहम भूमिका निभाई थी. उन्होंने 11 अगस्त को सुनवाई की अगली तारीख (28 अगस्त) तक चुनावों पर रोक लगा दी थी. बता दें कि डब्ल्यूएफआई को नियंत्रित करने वाले भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा नियुक्त तदर्थ पैनल ने शुरू में 6 जुलाई को चुनाव की तारीखें तय की थी, जिन पर तय समय पर चुनाव नहीं हो सका. महाराष्ट्र, हरियाणा, तेलंगाना, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के संपर्क करने के बाद इसे 11 जुलाई को दोबारा तय किया गया था लेकिन तब भी चुनाव नहीं हो पाए. अब ये सुनवाई आगे क्या मोड़ लेती है ये देखना दिलचस्प होगा.