ETV Bharat / sports

EXCLUSIVE: 2021 में ओलंपिक हो, नहीं तो ये भारत के लिए बहुत बड़ा झटका होगा: संग्राम सिंह

ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में संग्राम सिंह ने कहा कि 2021 में होने वाला ओलंपिक अगर टला तो वो भारतीय खेलों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण होगा.

Sangram singh
Sangram singh
author img

By

Published : Jul 10, 2020, 11:32 AM IST

हैदराबाद: भारत के ओलंपिक अभियान को लेकर भारतीय रेसलर संग्राम सिंह ने कहा कि अगर 2021 में भी ओलंपिक न हो सका तो ये हमारे खेल के लिए बड़ा नुकसान होगा.

ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में संग्राम सिंह ने कहा कि 2021 में होने वाला ओलंपिक अगर टला तो भारतीय खिलाड़ी जो अपने सर्वश्रेष्ट पर अभी हैं उनका समय बरबाद होगा.

देखिए वीडियो

संग्राम ने कहा, "2021 में मैं चाहता हूं कि ओलंपिक हो जाए नहीं तो ये भारत के लिहाज से बहुत बड़ा झटका होगा क्योंकि कुछ खिलाड़ी हैं जैसे कि बजरंग, रवि, विनेश बॉक्सिंग में अमित, सिमरनजीत हैं ये सब खिलाड़ी 2024 में अपने सर्वश्रेष्ट पड़ाव से हट चुके होंगे. ऐसे में ये भारत के लिए नुकसान की बात होगी."

बता दें कि इससे पहले ही ओलंपिक एसोसिएशन ये बात कह चुकी है कि 2021 में ओलंपिक टला तो फिर इसे रद करना पड़ेगा, वहीं ऐसे हालातों में दोबारा ओलंपिक 2024 में पैरिस में देखने को मिलेगा. भारतीय खेल के लिहाज से 2021 में होने वाले ओलंपिक से हमारी मेडल जीतने की संभावना ज्यादा है लेकिन 2024 में कुछ एथलीट जो इस बार मेडल ला सकते हैं वो शायद भारतीय दल का हिस्सा न हों.

इसके अलावा उन्होंने कहा कि कोरोना कॉनटैक्ट स्पोर्ट के लिए बड़ा नुकसान बनकर आया है.

ये पूछे जाने पर कि उनके करियर में कैसे उतार चढ़ाव आए इसपर संग्राम ने अपनी कहानी बयान करते हुए बताया, "जब मैं 3 साल का था तब मुझे अर्थराइटिस हो गया था. मैं बहुत गरीब घर से था. घरवालों ने कई डॉक्टर्स को दिखाया. तब उन्होंने कहा कि ये बीमारी मेरी मौत के साथ ही जाएंगी और मुश्किल से मैं 6 महीने या साल भर ही जिंदा बच पाउंगा. मैं अपने हाथ से एक ग्लास भी नहीं उठा पाता था. लेकिन मेरी मां ने कभी हिम्मत नहीं हारी. वो दिन में 15 बार मेरी मसाज करती थीं. इसको आठ साल लगे लेकिन मैं इससे निकला. मेरी कहानी को एक चैनेल ने दिखाया."

संग्राम ने कुश्ती की दुनिया में आने को लेकर कहा कि, "मेरा कुश्ती की तरफ ध्यान तब गया जब मुझे पता चला कि वहां दुध मिलता है, खाना मिलता है. मेरा भाई भी रेलसलर था तो मैं अखाड़े के पास आता था. मुझे वहां चैलेंज मिला कि रेसलर बनना तो दूर की बात है अगर मैं वहां किसी पहलवान के आगे थोड़ी देर टिक भी गया तो वो मेरी लाइफ की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी. मैनें पूछा कि एक रेसलर क्या होता तो जवाब मिला कि रेसलर वो होता है जो देश का प्रतिनिधित्व करता है."

संग्राम ने ओलंपिक की नाकामयाबी को लेकर कहा, "मेरा सपना था कि मैं भी ओलंपिक जाऊं, देश के लिए मेडल लेकर आऊं लेकिन वो मैं नहीं कर पाया. कारण चाहे जो भी हो लेकिन अब मैं चाहता हूं कि मैं नई जेनेरेशन की मदद करूं वो सब जांए मेडल जीतें उनके साथ-साथ मेरा सपना भी पूरा हो जाएगा."

ये इंटरव्यू का पहला पार्ट है इसका दूसरा पार्ट कल ईटीवी भारत पर उपलब्ध होगा

हैदराबाद: भारत के ओलंपिक अभियान को लेकर भारतीय रेसलर संग्राम सिंह ने कहा कि अगर 2021 में भी ओलंपिक न हो सका तो ये हमारे खेल के लिए बड़ा नुकसान होगा.

ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में संग्राम सिंह ने कहा कि 2021 में होने वाला ओलंपिक अगर टला तो भारतीय खिलाड़ी जो अपने सर्वश्रेष्ट पर अभी हैं उनका समय बरबाद होगा.

देखिए वीडियो

संग्राम ने कहा, "2021 में मैं चाहता हूं कि ओलंपिक हो जाए नहीं तो ये भारत के लिहाज से बहुत बड़ा झटका होगा क्योंकि कुछ खिलाड़ी हैं जैसे कि बजरंग, रवि, विनेश बॉक्सिंग में अमित, सिमरनजीत हैं ये सब खिलाड़ी 2024 में अपने सर्वश्रेष्ट पड़ाव से हट चुके होंगे. ऐसे में ये भारत के लिए नुकसान की बात होगी."

बता दें कि इससे पहले ही ओलंपिक एसोसिएशन ये बात कह चुकी है कि 2021 में ओलंपिक टला तो फिर इसे रद करना पड़ेगा, वहीं ऐसे हालातों में दोबारा ओलंपिक 2024 में पैरिस में देखने को मिलेगा. भारतीय खेल के लिहाज से 2021 में होने वाले ओलंपिक से हमारी मेडल जीतने की संभावना ज्यादा है लेकिन 2024 में कुछ एथलीट जो इस बार मेडल ला सकते हैं वो शायद भारतीय दल का हिस्सा न हों.

इसके अलावा उन्होंने कहा कि कोरोना कॉनटैक्ट स्पोर्ट के लिए बड़ा नुकसान बनकर आया है.

ये पूछे जाने पर कि उनके करियर में कैसे उतार चढ़ाव आए इसपर संग्राम ने अपनी कहानी बयान करते हुए बताया, "जब मैं 3 साल का था तब मुझे अर्थराइटिस हो गया था. मैं बहुत गरीब घर से था. घरवालों ने कई डॉक्टर्स को दिखाया. तब उन्होंने कहा कि ये बीमारी मेरी मौत के साथ ही जाएंगी और मुश्किल से मैं 6 महीने या साल भर ही जिंदा बच पाउंगा. मैं अपने हाथ से एक ग्लास भी नहीं उठा पाता था. लेकिन मेरी मां ने कभी हिम्मत नहीं हारी. वो दिन में 15 बार मेरी मसाज करती थीं. इसको आठ साल लगे लेकिन मैं इससे निकला. मेरी कहानी को एक चैनेल ने दिखाया."

संग्राम ने कुश्ती की दुनिया में आने को लेकर कहा कि, "मेरा कुश्ती की तरफ ध्यान तब गया जब मुझे पता चला कि वहां दुध मिलता है, खाना मिलता है. मेरा भाई भी रेलसलर था तो मैं अखाड़े के पास आता था. मुझे वहां चैलेंज मिला कि रेसलर बनना तो दूर की बात है अगर मैं वहां किसी पहलवान के आगे थोड़ी देर टिक भी गया तो वो मेरी लाइफ की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी. मैनें पूछा कि एक रेसलर क्या होता तो जवाब मिला कि रेसलर वो होता है जो देश का प्रतिनिधित्व करता है."

संग्राम ने ओलंपिक की नाकामयाबी को लेकर कहा, "मेरा सपना था कि मैं भी ओलंपिक जाऊं, देश के लिए मेडल लेकर आऊं लेकिन वो मैं नहीं कर पाया. कारण चाहे जो भी हो लेकिन अब मैं चाहता हूं कि मैं नई जेनेरेशन की मदद करूं वो सब जांए मेडल जीतें उनके साथ-साथ मेरा सपना भी पूरा हो जाएगा."

ये इंटरव्यू का पहला पार्ट है इसका दूसरा पार्ट कल ईटीवी भारत पर उपलब्ध होगा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.