नई दिल्ली : रियो ओलंपिक 2016 में कांस्य पदक विजेता और राष्ट्रमंडल खेल 2022 में स्वर्ण पदक विजेता साक्षी मलिक (Sakshi Malik) बहुमुखी प्रतिभा की धनी खिलाड़ी हैं. साक्षी ने रियो 2016 ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनकर लोगों को अपनी विचारधारा बदलने के लिए मजबूर किया और वह महिला पहलवानों की आने वाली पीढ़ियों की आदर्श बनकर उभरीं. जीवन में कई उतार चढ़ाव देखने वाली साक्षी ने कभी परिस्थितियों के आगे हार नहीं मानी और हमेशा भविष्य के लिए बेहतर उम्मीद के साथ आगे बढ़ती गयीं.
ऐसा है सफरनामा (Sakshi Malik Profile)
भारतीय महिला पहलवान साक्षी मलिक का जन्म 3 सितंबर 1992 को हरियाणा के रोहतक जिले के मोखरा गांव में हुआ था. साक्षी के पिता सुखबीर मलिक डीटीसी में बस कंडक्टर का काम करते हैं तथा उनकी माता सुदेश मलिक एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं. कहा जाता है कि अपने पहलवान दादा सुबीर मलिक से प्रेरित होकर साक्षी मलिक ने रेसलिंग में आने का फैसला किया था और एक के बाद एक पदक जीतकर अपने फैसले को सही साबित कर दिया.
आपको बता दें कि केवल 12 साल की उम्र में ही साक्षी ने ईश्वर दहिया के अंदर प्रशिक्षण शुरू किया और पांच साल बाद, उन्होंने 2009 के एशियाई जूनियर विश्व चैंपियनशिप के फ़्रीस्टाइल में 59 किग्रा भारवर्ग में रजत पदक जीतते हुए सफलता का पहला स्वाद चखा. इसके बाद 2010 विश्व जूनियर चैंपियनशिप में भी कांस्य पदक जीता था.
2013 के कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में कांस्य जीतने के बाद, साक्षी मलिक ने ग्लासगो में अगले वर्ष 2014 में अपना पहला कॉमनवेल्थ गेम्स खेला और 58 किलोग्राम के फाइनल में नाइजीरिया की अमीनत अदेनियी के खिलाफ हार झेलते हुए रजत पदक से संतोष किया. अगले ही साल दोहा में हुई एशियन चैंपियनशिप में साक्षी ने ब्रॉन्ज जीता. फिर 2016 के रियो ओलंपिक खेलों में 58 किलोग्राम भार वर्ग में साक्षी ने ब्रॉन्ज जीता और ओलंपिक खेलों में मेडल लाने वाली पहली महिला पहलवान बनकर विश्व पटल पर उभरीं. फिर 2017 में साक्षी ने कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में गोल्ड जीता.
कहा जाता है कि इसके बाद साक्षी का प्रदर्शन लगातार खराब होता चला गया और वो प्रतियोगिताओं में पदक से दूर होती जा रही थीं. वह कई मुकाबले हार भी गयीं थीं. इसके बाद 2022 में साक्षी धीरे-धीरे फॉर्म में वापस (Sakshi Malik Come Back Girl of India) की. इसके बाद साक्षी ने दो महीने पहले ही ट्यूनिस रैंकिंग सीरीज में पदक जीता तो उनका कांफिडेस बढ़ने लगा. 2017 के बाद यह पिछले 5 सालों में साक्षी का पहला बड़ा मेडल था.
पूरा हुआ गोल्ड मेडल का सपना (Commonwealth Games 2022 GOLD for India)
साक्षी मलिक ने बर्मिंघम में खेले जा रहे राष्ट्रमंडल खेलों में शुक्रवार को महिलाओं की कुश्ती में स्वर्ण पदक अपने नाम किया. रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने 2022 के राष्ट्रमंडल खेलों में कनाडा की एना गोडिनेज गोंजालेज को हराकर महिला फ्रीस्टाइल 65 किग्रा बाउट में स्वर्ण पदक जीता। साक्षी की प्रतिद्वंद्वी अपने परिवार के साथ बहुत कम उम्र में मैक्सिको से कनाडा आई थीं, विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली वे एक मजबूत पहलवान बतायी जाती हैं.
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SAKSHI WINS GOLD 🤩🤩
— SAI Media (@Media_SAI) August 5, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Rio Olympics 🥉medalist @SakshiMalik (W-62kg) upgrades her 2018 CWG 🥉 to🥇 at @birminghamcg22 🔥
What a Comeback 🤯 VICTORY BY FALL 🔥
With this Sakshi wins her 3rd consecutive medal at #CommonwealthGames 🥇🥉🥈
Medal in all 3️⃣colors 😇#Cheer4India
1/1 pic.twitter.com/vsRqbhh890
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उन्होंने आक्रामक शुरूआत की और पहले चरण में दो टेकडाउन करके 4-0 की बढ़त बना ली. साक्षी ने दूसरे चरण में शानदार वापसी की और अपने विरोधी पर अटैक करते हुए दो अंक हासिल किए. साक्षी ने शानदार ढंग से पलटवार किया और मैच जीतने के लिए अपने प्रतिद्वंद्वी के कंधे को पकड़कर जमीन पर गिरा दिया.
रियो ओलंपिक में मेडल की कहानी (Rio Olympics 2016 Medal for India)
ओलंपिक में जीता गया कांस्य पदक, उनकी अनगिनत उपलब्धियो में से एक है, जिसने कुश्ती में उनके प्रभावशाली करियर को परिभाषित किया था. साक्षी ने कहा, "रियो ओलंपिक से पहले हमने विदेश में तीन महीने मेहनत की थी। हमने अलग-अलग देशों के पार्टनर्स के साथ ट्रेनिंग की थी. मेरी वर्ल्ड चैम्पियनशिप और ओलंपिक में पदक जीतने वाली खिलाड़ियों के साथ भिड़ंत हुई थी."
साक्षी ने आगे कहा था, "मैंने इस दौरान कई तकनीक सीखी और यह मेरे काम आया. उस कैम्प ने मुझे जरूरी एक्सपोजर दिया और इसी के दम पर मैं ओलंपिक में पदक जीतने में सफल रही." रेपेचेज राउंड में साक्षी किर्गिस्तान की अइसुलू टी. के खिलाफ 0-5 से पीछे चल रही थीं, लेकिन बाद में उन्होंने वापसी करते हुए 8-5 से मुकाबला जीता और अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज कराने में सफल रहीं.
शुरुआती दौर में साक्षी मलिक ने कुछ बेहतरीन दांव लगाते हुए स्कोर को 5-5 पर ले आईं थीं. लेकिन साक्षी ये जानती थीं कि अगर मुक़ाबला बराबरी पर समाप्त हुआ तो जीत किर्गीस्तानी पहलवान को मिलेगी क्योंकि शुरुआत में उन्होंने साक्षी पर 4 अंकों वाला दांव खेला था. बाउट के आख़िरी लम्हों में साक्षी ने बेहतरीन अंदाज़ में प्वाइंट हासिल किया जिसने उन्हें कांस्य पदक विजेता बना दिया था।
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What a comeback! @SakshiMalik achieves her best ever performance at the #commonwealthgames in style winning a 🥇 in the women’s freestyle 🤼♀️ 62 KG category @birminghamcg22 . This is team 🇮🇳 8th Gold Medal at the ongoing #commonwealthgames2022 . #ekindiateamindia #b2022 pic.twitter.com/E6uA7x8oRX
— Team India (@WeAreTeamIndia) August 5, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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साक्षी ने कहा, "मैं जानती थी कि 0-5 का स्कोर मेरे लिए अच्छा नहीं है लेकिन चूंकी मेरे पास काफी समय था, लिहाजा मैं कमबैक को लेकर आश्वस्त थी. मैंने इससे पहले के मैचों में भी कमबैक किया था. मेरे कोच कुलदीप सर ने मुझे बार-बार कहा कि मैं बस अपना खेल खेलूं और फिर मैंने अटैकिंग कुश्ती खेली और जीत हासिल करने में सफल रही."
भारत सरकार ने 2016 में भारतीय महिला पहलवान साक्षी मलिक को शानदार खेल के राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से नवाजा था. साथ ही खेल संघों व सरकारों ने भी तमाम तरह के पुरस्कारों से नवाजा था.
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