नई दिल्ली : भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने शुक्रवार का बताया कि अगले साल होने वाले खेलो इंडिया गेम्स के फर्जी विज्ञापन के माध्यम से एथलीटों को ठगने के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक कबड्डी खिलाड़ी सहित तीन लोगों गिरफ्तार किया है.
साई ने दो दिन पहले इसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दायर कर कहा था की देश भर में फर्जी विज्ञापन के माध्यम से कई एथलीटों को ठगा गया है. इसमें अगले साल पंचकुला में होने वाले खेलो इंडिया गेम्स के नाम पर खिलाड़ियों से रकम की मांग की गयी है.
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साई ने यहां जारी बयान में कहा, "उत्तर प्रदेश पुलिस ने 2021 में हरियाणा के पंचकूला में होने वाले खेलो इंडिया गेम्स में भाग लेने के लिए सोशल मीडिया के जरिये एथलीटों से आवेदन आमंत्रित करने वाले झूठे विज्ञापन प्रसारित करने के मामले में शुक्रवार को तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. इसमें एथलीटों से प्रत्येक खेल में भाग लेने के लिए 6000 रुपये देने के लिए कहा गया था."
उन्होंने बताया , "गिरफ्तार किये गये तीनों व्यक्तियों का नाम संजय प्रताप सिंह, अनुज कुमार और रवि है. इसमें संजय आगरा का पूर्व-कबड्डी खिलाड़ी है और उसने खेलो इंडिया गेम्स में भाग लेने के इच्छुक एथलीटों से बात करने के लिए रूद्र प्रताप सिंह के नाम से फर्जी आईडी (पहचान) बनायी."
साई ने कहा, "अनुज और रवि ने अपने बैंक अकाउंट नंबर जारी कर खिलाड़ियों को रकम जमा करने का निर्देश दिया."
उन्होंने बताया कि दोनों बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया है और रकम जमा करने वाले एथलीटों की संख्या पता लगाने के लिए जांच की जा रही है.
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साई ने आरोप लगाया, "विज्ञापन में युवा मामले और खेल मंत्रालय, साई और खेलो इंडिया के प्रतीक चिह्न (लोगो) का भी इस्तेमाल किया गया है, जिसने कई एथलीटों को भ्रमित कर दिया कि यह एक सरकारी विज्ञापन है."
खेलो इंडिया गेम्स सरकार का जमीनी स्तर का प्रमुख प्रतिभा खोज कार्यक्रम है. साई ने साफ किया कि यह सरकारी योजना है और इसमें भागीदारी के लिए कोई रकम नहीं देनी होती है.