नई दिल्ली: राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के महानिदेशक नवीन अग्रवाल का कहना है कि जो भी रोविंग एसोसिएशन में जुलाई-2019 राष्ट्रीय शिविर को संभाल रहे थे उसे इन 22 डोप टेस्ट की जिम्मेदारी लेनी होगी जो पॉजिटिव निकले हैं.
अग्रवाल ने कहा, "रोइंग महासंघ को आत्मनिरिक्षण करना होगा कि क्या गलत हुआ है. एक साथ इतने सारे लोग राष्ट्रीय शिविर में एक ही पदार्थ के सेवन के दोषी पाए गए हैं तो देखना होगा कि कौन इन लोगों के लिए सप्लीमेंट की व्यवस्था कर रहा था. शायद ये फूड सप्लीमेंट है जो गलती से लिया गया है."
रोइंग फेडरेशन ऑफ इंडिया का लोगो उन्होंने कहा, "हमने सभी रोअर्स को नोटिस भेज दिया है और उन्होंने कहा कि इस मामले में लड़ना चाहते हैं और इसलिए जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद सुनवाई रखी जाएगी."भारतीय रोइंग महासंघ (RFI) के महासचिव एम.वी. श्रीराम ने कहा है कि महासंघ इस मामले की जांच कर रही है. उन्होंने कहा कि वो इस बात से हैरान हैं कि 2019 में लिए टेस्ट के परिणाम अब आ रहे हैं.उन्होंने कहा, "सैम्पल जुलाई 2019 में लिए गए थे लेकिन उनके परिणाम जून-2020 में आ रहे हैं. इस बात से हम खुद हैरान हैं."उन्होंने कहा, "अधिकतर खिलाड़ी खेलो इंडिया से थे। हम खुद इस बात से हैरान हैं कि ऐसा कैसे हो सकता है. ये कहीं न कहीं गलती हुई है. ये किसी फूड सप्लीमेंट में से आया है."अग्रवाल ने कहा कि आरएफआई नाडा से सलाह मशविरा नहीं करती लेकिन श्रीराम इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते हैं.उन्होंने कहा, "ऐसा नहीं है. हर नेशनल चैम्पियनशिप में हम नाडा को लिखते हैं और उनसे कम से कम सीनियर चैम्पियनशिप में मौजूद रहने को कहते हैं, लेकिन वो लोग कभी कभार ही आते हैं."उन्होंने कहा, "हमारे पास पूरे तथ्य हैं. अब सरकार की पाबंदियों के कारण उन्हें राष्ट्रीय कैम्प में आना पड़ रहा है और इसी कारण वह पिछले साल कैम्प में आए थे."