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खेल मंत्री किरण रिजिजू ने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल में निशानेबाजी को शामिल करने के लिए पत्र लिखा - खेल मंत्री किरण रिजिजू

खेल मंत्री किरण रिजिजू ने ब्रिटेन के डिजिटल, संस्कृति, मीडिया और खेल मंत्री निकी मोर्गन को पत्र लिखकर 2022 बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी स्पर्धा को शामिल करने के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग की.

Sports Minister Kiren Rijiju
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Published : Sep 4, 2019, 11:28 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 11:53 AM IST

नई दिल्ली: साल 1974 के बाद पहली बार निशानेबाजी को लॉजिस्टिकल मुद्दों के कारण खेलों के कार्यक्रम से बाहर किया गया है, हालांकि राष्ट्रमंडल खेल महासंघ के अध्यक्ष लुईस मार्टिन ने कहा कि निशानेबाजी स्पर्धा कभी भी खेलों में अनिवार्य स्पर्धा में शामिल नहीं थी.

राष्ट्रमंडल खेलों में भारत निशानेबाजी में काफी अच्छा प्रदर्शन करता हे और खेलों से इसे बाहर करना भारतीय ओलंपिक संघ को अच्छा नहीं लगा जिसने धमकी दी कि अगर इस फैसले पर विचार नहीं किया गया तो वह इन खेलों का बहिष्कार करेगा.

डिजिटल, संस्कृति, मीडिया और खेल मंत्री निकी मोर्गन
डिजिटल, संस्कृति, मीडिया और खेल मंत्री निकी मोर्गन

निशानेबाजी को बाहर करने का फैसला किया

खेलों से निशानेबाजी को बाहर करने की चिंता दर्शाते हुए खेल मंत्री किरण रिजिजू ने मंगलवार को मोर्गन को पत्र लिखकर उनके हस्तक्षेप की मांग की. ताकि बर्मिंघम खेलों की सूची में इसे शामिल कर लिया जाए. रिजिजू ने मोर्गन को लिखा, "बर्मिंघम में 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी स्पर्धा को शामिल किए जाने के लिये मैं आपके निजी हस्तक्षेप की मांग करने के लिए लिख रहा हूं."

उन्होंने कहा, "आपको पता होगा कि निशानेबाजी को 1966 में राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल किया गया था और 1974 के बाद से निशानेबाजी इन खेलों में शामिल रही है. दुर्भाग्य से राष्ट्रमंडल खेल महासंघ के कार्यकारी बोर्ड ने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों से निशानेबाजी को बाहर करने का फैसला किया."



भारतीय निशानेबाजों ने देश को इस स्पर्धा में काफी पदक दिलाए



इसमें लिखा गया, "ऐसा लगता है कि निशानेबाजी को इस आधार पर बाहर किया गया है कि निशानेबाजी कभी भी अनिवार्य खेल नहीं था और निशानेबाजी स्पर्धा आयोजित कराने के लिये कोई स्थल उपलब्ध नहीं है."

भारतीय निशानेबाजों ने देश को इस स्पर्धा में काफी पदक दिलाए हैं जिसमें गोल्ड कोस्ट में ही पिछले चरण में 16 पोडियम स्थान हासिल किए थे. पत्र में रिजिजू ने कहा कि निशानेबाजी भारत में काफी लोकप्रिय खेल है और इसे बाहर करने से देश में सभी काफी नाराज हैं.



भारत में निशानेबाजी काफी लोकप्रिय खेल है



उन्होंने लिखा, "दुर्भाग्य से भारत इस समय राष्ट्रमंडल खेलों की कार्यकारी परिषद और राष्ट्रमंडल खेलों की कार्यकारी समिति में प्रतिनिधित्व नहीं रह रहा है, इसलिए देश निशानेबाजी को बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल करने के अपने मामले को पेश नहीं कर सकता."

बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल 2022
बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल 2022

जानिए कैसा रहा ओलंपिक खेलों में भारत का अभी तक का सफर



खेल मंत्री किरण रिजिजू ने कहा, "भारत में निशानेबाजी काफी लोकप्रिय खेल है और भारतीय निशानेबाज अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं और स्पर्धाओं में अच्छा कर रहा है. बर्मिंघम राष्ट्रमंडल से निशानेबाजी को बाहर करने से विभिन्न राष्ट्रीय खेल महासंघ, भारतीय राष्ट्रमंडल खेल संघ और भारतीय ओलंपिक संघ काफी नाराज हैं."

नई दिल्ली: साल 1974 के बाद पहली बार निशानेबाजी को लॉजिस्टिकल मुद्दों के कारण खेलों के कार्यक्रम से बाहर किया गया है, हालांकि राष्ट्रमंडल खेल महासंघ के अध्यक्ष लुईस मार्टिन ने कहा कि निशानेबाजी स्पर्धा कभी भी खेलों में अनिवार्य स्पर्धा में शामिल नहीं थी.

राष्ट्रमंडल खेलों में भारत निशानेबाजी में काफी अच्छा प्रदर्शन करता हे और खेलों से इसे बाहर करना भारतीय ओलंपिक संघ को अच्छा नहीं लगा जिसने धमकी दी कि अगर इस फैसले पर विचार नहीं किया गया तो वह इन खेलों का बहिष्कार करेगा.

डिजिटल, संस्कृति, मीडिया और खेल मंत्री निकी मोर्गन
डिजिटल, संस्कृति, मीडिया और खेल मंत्री निकी मोर्गन

निशानेबाजी को बाहर करने का फैसला किया

खेलों से निशानेबाजी को बाहर करने की चिंता दर्शाते हुए खेल मंत्री किरण रिजिजू ने मंगलवार को मोर्गन को पत्र लिखकर उनके हस्तक्षेप की मांग की. ताकि बर्मिंघम खेलों की सूची में इसे शामिल कर लिया जाए. रिजिजू ने मोर्गन को लिखा, "बर्मिंघम में 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी स्पर्धा को शामिल किए जाने के लिये मैं आपके निजी हस्तक्षेप की मांग करने के लिए लिख रहा हूं."

उन्होंने कहा, "आपको पता होगा कि निशानेबाजी को 1966 में राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल किया गया था और 1974 के बाद से निशानेबाजी इन खेलों में शामिल रही है. दुर्भाग्य से राष्ट्रमंडल खेल महासंघ के कार्यकारी बोर्ड ने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों से निशानेबाजी को बाहर करने का फैसला किया."



भारतीय निशानेबाजों ने देश को इस स्पर्धा में काफी पदक दिलाए



इसमें लिखा गया, "ऐसा लगता है कि निशानेबाजी को इस आधार पर बाहर किया गया है कि निशानेबाजी कभी भी अनिवार्य खेल नहीं था और निशानेबाजी स्पर्धा आयोजित कराने के लिये कोई स्थल उपलब्ध नहीं है."

भारतीय निशानेबाजों ने देश को इस स्पर्धा में काफी पदक दिलाए हैं जिसमें गोल्ड कोस्ट में ही पिछले चरण में 16 पोडियम स्थान हासिल किए थे. पत्र में रिजिजू ने कहा कि निशानेबाजी भारत में काफी लोकप्रिय खेल है और इसे बाहर करने से देश में सभी काफी नाराज हैं.



भारत में निशानेबाजी काफी लोकप्रिय खेल है



उन्होंने लिखा, "दुर्भाग्य से भारत इस समय राष्ट्रमंडल खेलों की कार्यकारी परिषद और राष्ट्रमंडल खेलों की कार्यकारी समिति में प्रतिनिधित्व नहीं रह रहा है, इसलिए देश निशानेबाजी को बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल करने के अपने मामले को पेश नहीं कर सकता."

बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल 2022
बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल 2022

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खेल मंत्री किरण रिजिजू ने कहा, "भारत में निशानेबाजी काफी लोकप्रिय खेल है और भारतीय निशानेबाज अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं और स्पर्धाओं में अच्छा कर रहा है. बर्मिंघम राष्ट्रमंडल से निशानेबाजी को बाहर करने से विभिन्न राष्ट्रीय खेल महासंघ, भारतीय राष्ट्रमंडल खेल संघ और भारतीय ओलंपिक संघ काफी नाराज हैं."

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खेल मंत्री किरण रिजिजू ने ब्रिटेन के डिजिटल, संस्कृति, मीडिया और खेल मंत्री निकी मोर्गन को पत्र लिखकर 2022 बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी स्पर्धा को शामिल करने के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग की.

नई दिल्ली: साल 1974 के बाद पहली बार निशानेबाजी को लॉजिस्टिकल मुद्दों के कारण खेलों के कार्यक्रम से बाहर किया गया है, हालांकि राष्ट्रमंडल खेल महासंघ के अध्यक्ष लुईस मार्टिन ने कहा कि निशानेबाजी स्पर्धा कभी भी खेलों में अनिवार्य स्पर्धा में शामिल नहीं थी.

राष्ट्रमंडल खेलों में भारत निशानेबाजी में काफी अच्छा प्रदर्शन करता हे और खेलों से इसे बाहर करना भारतीय ओलंपिक संघ को अच्छा नहीं लगा जिसने धमकी दी कि अगर इस फैसले पर विचार नहीं किया गया तो वह इन खेलों का बहिष्कार करेगा.



निशानेबाजी को बाहर करने का फैसला किया



खेलों से निशानेबाजी को बाहर करने की चिंता दर्शाते हुए खेल मंत्री किरण रिजिजू ने मंगलवार को मोर्गन को पत्र लिखकर उनके हस्तक्षेप की मांग की. ताकि बर्मिंघम खेलों की सूची में इसे शामिल कर लिया जाए.

रिजिजू ने मोर्गन को लिखा, "बर्मिंघम में 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी स्पर्धा को शामिल किए जाने के लिये मैं आपके निजी हस्तक्षेप की मांग करने के लिए लिख रहा हूं."

उन्होंने कहा, "आपको पता होगा कि निशानेबाजी को 1966 में राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल किया गया था और 1974 के बाद से निशानेबाजी इन खेलों में शामिल रही है. दुर्भाग्य से राष्ट्रमंडल खेल महासंघ के कार्यकारी बोर्ड ने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों से निशानेबाजी को बाहर करने का फैसला किया."





भारतीय निशानेबाजों ने देश को इस स्पर्धा में काफी पदक दिलाए 





इसमें लिखा गया, "ऐसा लगता है कि निशानेबाजी को इस आधार पर बाहर किया गया है कि निशानेबाजी कभी भी अनिवार्य खेल नहीं था और निशानेबाजी स्पर्धा आयोजित कराने के लिये कोई स्थल उपलब्ध नहीं है."

भारतीय निशानेबाजों ने देश को इस स्पर्धा में काफी पदक दिलाए हैं जिसमें गोल्ड कोस्ट में ही पिछले चरण में 16 पोडियम स्थान हासिल किए थे.

पत्र में रिजिजू ने कहा कि निशानेबाजी भारत में काफी लोकप्रिय खेल है और इसे बाहर करने से देश में सभी काफी नाराज हैं.





भारत में निशानेबाजी काफी लोकप्रिय खेल है 





उन्होंने लिखा, "दुर्भाग्य से भारत इस समय राष्ट्रमंडल खेलों की कार्यकारी परिषद और राष्ट्रमंडल खेलों की कार्यकारी समिति में प्रतिनिधित्व नहीं रह रहा है, इसलिए देश निशानेबाजी को बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल करने के अपने मामले को पेश नहीं कर सकता."

खेल मंत्री किरण रिजिजू ने कहा, "भारत में निशानेबाजी काफी लोकप्रिय खेल है और भारतीय निशानेबाज अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं और स्पर्धाओं में अच्छा कर रहा है. बर्मिंघम राष्ट्रमंडल से निशानेबाजी को बाहर करने से विभिन्न राष्ट्रीय खेल महासंघ, भारतीय राष्ट्रमंडल खेल संघ और भारतीय ओलंपिक संघ काफी नाराज हैं."


Conclusion:
Last Updated : Sep 29, 2019, 11:53 AM IST
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