नई दिल्ली: अपने पहले कॉन्टिनेंटल चैंपियनशिप खिताब की तलाश में लगे विश्व कुश्ती चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता रवि कुमार दहिया आगामी एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. रवि ने हाल में ही रोम रैंकिंग सीरीज में 61 किलोग्राम भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था और अभी वो रूस में अपनी ट्रेनिंग कर रहे हैं. एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप का आयोजन 18 से 23 फरवरी तक नई दिल्ली में ही होनी है.
रवि का मानना है की एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में ईरान के रेजा अहमद अली के खिलाफ होने वाला मुकाबला काफी चुनौतीपूर्ण होगा. रवि अपनी ट्रेनिंग के दौरान लेग डिफेन्स पर काफी ध्यान दे रहे है क्योंकि उनका मानना है कि आगमाी प्रतियोगिताओं में ये काफी लाभदायक रहेगा.
रवि ने एक साक्षात्कार में कहा,"मैं रोज कड़ी मेहनत कर रहा हूं और बुनियादी तकनीकों पर काफी ध्यान दे रहा हूं. मेरे ट्रेनिंग का अहम हिस्सा दूसरे पहलवानों की वीडियोज को भी देखना है जिससे मैं उनके पहलवानों के खिलाफ अनुसार नई रणनीति बना सकूं."
उन्होंने कहा,"मैं अपने लेग डिफेंस के तकनीकों में थोड़ी मुश्किलों का सामना कर रहा हूं और मैं खासतौर पर इसी पर काम कर रहा हूं. अगर मेरा ये एक क्षेत्र बेहतर हो जाता है तो मैं किसी भी प्रतिद्वंदी को हरा सकता हूं."
ये पूछे जाने पर कि एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में आप को किन पहलवानों के खिलाफ कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है, उन्होंन कहा,"ईरान के रेजा अहमद अली बहुत ही मजबूत चुनौती देने की क्षमता रखते हैं. उनके अलावा ईरान, जापान, उज्बेकिस्तान और कोरिया के काफी पहलवान है जो किसी को भी शिकस्त देने की क्षमता रखते है."
भारतीय पहलवान ने आगे कहा कि उनकी ट्रेनिंग अच्छी चल रही है और कोच मुराद गाइडरोव से बहुत कुछ सीख रहे हैं.
रवि ने कहा,"रूस में ट्रेनिंग करते हुए मेरा मुकाबला बेहतर और काफी मजबूत हुआ है. मुझे हर दिन एक नई चुनौती का सामना करना पड़ता है, इसीलिए हर एक दिन कुछ न कुछ नया सीखने को मिलता है. जहां तक कोच मुराद की बात है तो वो हर तरीके से मेरी मदद करने की कोशिश कर रहे है. वो हर दिन मेरे सामने एक नई चुनौती रखते हैं. इससे मुझे अपने तकनीकों को बेहतर तरीके से काम करने में काफी मदद मिलती है."
ये पूछे जाने पर कि आपकी आगामी टोक्यो ओलंपिक की तैयारी कैसी चल रही है, रवि ने कहा,"मेरा उद्देश्य ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतना है और एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप से मुझे ओलंपिक की तैयारी करने में मदद मिलेगी. मैं लगातार मेहनत करते रहना चाहता हूं और ओलंपिक तक चोटों से दूर रहना चाहता हूं."