बेंगलुरू : प्रतिष्ठित राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल का मानना है कि पुरुषों की टीम के समान मौके मिलने से महिला हॉकी टीम के पिछले एक दशक के प्रदर्शन में सुधार हुआ है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को खेल दिवस के मौके पर रानी के अलावा मरियप्पन थंगावेलु (पैरा ऐथलीट), मनिका बत्रा (टेबल टेनिस) को देश के सर्वोच्च खेल सम्मान से नवाजा.
इसके दो और विजेता रोहित शर्मा (क्रिकेट) और विनेश फोगाट (कुश्ती) इस ऑनलाइन समारोह में शामिल नहीं हो सके. रोहित आईपीएल के लिए यूएई में हैं तो वहीं विनेश को एक दिन पहले ही कोरोनावायरस की पुष्टि हुई है.रानी ने कहा, “जहां से मैंने शुरू किया था वहां कि तुलना में महिला हॉकी में अच्छे के लिए कई चीजें बदल गई हैं. जब मैंने खेलना शुरू किया, तो महिलाओं की टीम बहुत कम टूर्नामेंट खेलती थी. हम ज्यादातर राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों जैसे बड़े टूर्नामेंट में खेलते थे लेकिन अब स्थिति में काफी बदलाव हुआ है.”
उन्होंने कहा, “हॉकी इंडिया और प्रबंधन ने यह सुनिश्चित किया कि हम पूरे साल टूर्नामेंट खेले जिससे पिछले कुछ वर्षों में हमने बेहतर प्रदर्शन किया है और इससे महिला हॉकी को लोकप्रिय बनाने में भी मदद मिली है.”
रानी खेल रत्न से सम्मानित होने वाली पहली महिला हॉकी खिलाड़ी है. पुरुषों में उनसे पहले धनराज पिल्लै और सरदार सिंह को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. रानी ने कहा, “पिछले एक सप्ताह से, जब से मेरे नाम की आधिकारिक तौर पर खेल रत्न पुरस्कार के लिए घोषणा की गई है, तब से मैं अपनी यात्रा के बारे में चर्चा कर रही हूं. इससे मुझे लगता है कि महिला हॉकी को पुरुष टीम के बराबर महत्व मिला है. एक महिला खिलाड़ी को सर्वोच्च पुरस्कार मिलने से निश्चित रूप से यह दर्शाता है कि खेल सही दिशा में आगे बढ़ रहा है.”