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कोरोना के बाद की स्थिति भारतीय खेलों के लिए बेहतर हो सकती है : बिंद्रा - Bindra

अभिनव बिंद्रा ने कहा कि, ' खेल प्रशासकों को वैकल्पिक कौशल विकास कार्यक्रम तैयार करने की दिशा में काम करने की जरूरत है, ताकि लंबे समय के लिए खिलाड़ियों की बेहतर स्थिति सुनिश्चित की जा सके.'

Abhinav bindra
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Published : Apr 21, 2020, 3:16 PM IST

नई दिल्ली: भारत को ओलंपिक में एकल स्पर्धा में पहला स्वर्ण पदक दिलाने वाले निशानेबाज अभिनव बिंद्रा का मानना है कि विदेशी दौरों की गैर-मौजूदगी के कारण कोरोनावायरस महामारी के बाद की स्थिति भारतीय खेलों के लिए बेहतर हो सकती है.

बिंद्रा ने सोमवार को कहा, "कोविड-19 के बाद की स्थिति भारत के लिए छिपा वरदान साबित हो सकती है. शायद काफी विदेशी टूर्नामेंट और कैम्प नहीं होंगे. ऐसे में भारत को उपयुक्त खेल बुनियादी ढांचा तैयार करने का मौका मिल सकता है.हमें अपने कोच और सहयोगी स्टाफ को तैयार करने की जरूरत है."

अभिनव बिंद्रा
2008 ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने के बाद अभिनव बिंद्रा

कोरोनावायरस महामारी के कारण इस समय पूरी दुनिया में सभी तरह की खेल गतिविधियां रुकी हुई हैं. यहां तक कि टोक्यो ओलंपिक और विंबलडन को भी रद्द किया जा चुका है.

बिंद्रा सोमवार को विशेष आनलाइन सत्र के दौरान भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के नवनियुक्त सहायक निदेशकों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे.

ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता ने कहा कि खेल प्रशासकों को वैकल्पिक कौशल विकास कार्यक्रम तैयार करने की दिशा में काम करने की जरूरत है, ताकि लंबे समय के लिए खिलाड़ियों की बेहतर स्थिति सुनिश्चित की जा सके.

अभिनव बिंद्रा
अभिनव बिंद्रा

उन्होंने कहा, " हमें खिलाड़ियों की देखभाल करने की जरूरत है क्योंकि खेल की प्रकृति है कि सफल से अधिक खिलाड़ी विफल होंगे. यह जरूरी है कि खेल करियर नहीं बन पाने की स्थिति में खिलाड़ियों के पास वैकल्पिक योजना हो."

बिंद्रा ने खिलाड़ी के रूप में अपने अनुभव को लेकर कहा, " खेल में एक प्रतिशत खिलाड़ी सारा अंतर पैदा करते हैं और हमारे लिए इन सभी एक प्रतिशत खिलाड़ियों पर ध्यान देने की जरूरत है."

नई दिल्ली: भारत को ओलंपिक में एकल स्पर्धा में पहला स्वर्ण पदक दिलाने वाले निशानेबाज अभिनव बिंद्रा का मानना है कि विदेशी दौरों की गैर-मौजूदगी के कारण कोरोनावायरस महामारी के बाद की स्थिति भारतीय खेलों के लिए बेहतर हो सकती है.

बिंद्रा ने सोमवार को कहा, "कोविड-19 के बाद की स्थिति भारत के लिए छिपा वरदान साबित हो सकती है. शायद काफी विदेशी टूर्नामेंट और कैम्प नहीं होंगे. ऐसे में भारत को उपयुक्त खेल बुनियादी ढांचा तैयार करने का मौका मिल सकता है.हमें अपने कोच और सहयोगी स्टाफ को तैयार करने की जरूरत है."

अभिनव बिंद्रा
2008 ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने के बाद अभिनव बिंद्रा

कोरोनावायरस महामारी के कारण इस समय पूरी दुनिया में सभी तरह की खेल गतिविधियां रुकी हुई हैं. यहां तक कि टोक्यो ओलंपिक और विंबलडन को भी रद्द किया जा चुका है.

बिंद्रा सोमवार को विशेष आनलाइन सत्र के दौरान भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के नवनियुक्त सहायक निदेशकों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे.

ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता ने कहा कि खेल प्रशासकों को वैकल्पिक कौशल विकास कार्यक्रम तैयार करने की दिशा में काम करने की जरूरत है, ताकि लंबे समय के लिए खिलाड़ियों की बेहतर स्थिति सुनिश्चित की जा सके.

अभिनव बिंद्रा
अभिनव बिंद्रा

उन्होंने कहा, " हमें खिलाड़ियों की देखभाल करने की जरूरत है क्योंकि खेल की प्रकृति है कि सफल से अधिक खिलाड़ी विफल होंगे. यह जरूरी है कि खेल करियर नहीं बन पाने की स्थिति में खिलाड़ियों के पास वैकल्पिक योजना हो."

बिंद्रा ने खिलाड़ी के रूप में अपने अनुभव को लेकर कहा, " खेल में एक प्रतिशत खिलाड़ी सारा अंतर पैदा करते हैं और हमारे लिए इन सभी एक प्रतिशत खिलाड़ियों पर ध्यान देने की जरूरत है."

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