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टोक्यो में पदक जीतना सुंदर सिंह गुर्जर का एकमात्र लक्ष्य - सुंदर सिंह गुर्जर

शीर्ष भारतीय भाला फेंक पैरा एथलीट सुंदर सिंह गुर्जर ने कहा, "रियो 2016 की निराशा के बाद, टोक्यो 2020 में पदक जीतना मेरा एकमात्र सपना रहा है. अब जबकि यह खेल सिर्फ एक साल दूर हैं, तो अपनी ट्रेनिंग जारी रखने का एक महत्वपूर्ण समय है."

Sundar Singh Gurjar
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Published : Jul 31, 2020, 9:26 AM IST

जयपुर: शीर्ष भारतीय भाला फेंक पैरा एथलीट सुंदर सिंह गुर्जर ने पिछले चार महीनों से जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम को अपना घर बना रखा है.

सुंदर, न केवल यहां ट्रेनिंग कर रहे हैं बल्कि स्टेडियम के अंदर ही लड़कों के होस्टल में रह रहे हैं और 2015 से जब से उन्होंने पैरा एथलेटिक्स शुरू की है, तब से यह उनका ट्रेनिंग मैदान रहा है.

मार्च में लागू हुए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से पहले लड़कों और लड़कियों के होस्टल में ट्रेनिंग करने वाले सभी खिलाड़ी अपने घर लौट गए थे, लेकिन गुर्जर ने स्टेडियम के अंदर अपनी ट्रेनिंग जारी रखी.

Sundar Singh Gurjar, Tokyo Paralympics
सुंदर सिंह गुर्जर

गुर्जर ने भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) से कहा, "लॉकडाउन के बाद से मैं जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में रह रहा हूं. मैं घर नहीं लौटा और पिछले चार महीनों से स्टेडियम से बाहर भी नहीं निकला. मैं अकेले ही ट्रेनिंग कर रहा हूं, मेरा दोस्त (अहमत सिंह गुर्जर) मेरी डाइट और अन्य चीजों में मेरी मदद कर रहे हैं."

Sundar Singh Gurjar, Tokyo Paralympics
टोक्यो पैरालंपिक

उन्होंने कहा, " मैं अपने कोच (महावीर प्रसाद सैनी) के भी संपर्क में था, जिनसे शुरू में वीडियो कॉल से बात होती थी और वह स्टेडियम में रोज व्यक्तिगत रूप से मेरी ट्रेनिंग पर निगरानी रखते हैं."

टोक्यो पैरालंपिक खेलों में अब एक साल से थोड़ा ज्यादा समय है और वह इस बात से खुश हैं कि उनकी ट्रेनिंग बिना ब्रेक के चलती रही है. गुर्जर 2016 रियो पैरालंपिक के लिए क्वालीफाई करने से चूक गए थे.

Sundar Singh Gurjar, Tokyo Paralympics
सुंदर सिंह गुर्जर

गुर्जर ने कहा, "रियो 2016 की निराशा के बाद, टोक्यो 2020 में पदक जीतना मेरा एकमात्र सपना रहा है. अब जबकि यह खेल सिर्फ एक साल दूर हैं, तो अपनी ट्रेनिंग जारी रखने का एक महत्वपूर्ण समय है. मैं काफी भाग्यशाली था कि मुझे यहां अपनी ट्रेनिंग जारी रखने का मौका मिला, जिससे मुझे अपने साथी प्रतियोगियों की तुलना में भी फायदा मिलेगा."

जयपुर: शीर्ष भारतीय भाला फेंक पैरा एथलीट सुंदर सिंह गुर्जर ने पिछले चार महीनों से जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम को अपना घर बना रखा है.

सुंदर, न केवल यहां ट्रेनिंग कर रहे हैं बल्कि स्टेडियम के अंदर ही लड़कों के होस्टल में रह रहे हैं और 2015 से जब से उन्होंने पैरा एथलेटिक्स शुरू की है, तब से यह उनका ट्रेनिंग मैदान रहा है.

मार्च में लागू हुए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से पहले लड़कों और लड़कियों के होस्टल में ट्रेनिंग करने वाले सभी खिलाड़ी अपने घर लौट गए थे, लेकिन गुर्जर ने स्टेडियम के अंदर अपनी ट्रेनिंग जारी रखी.

Sundar Singh Gurjar, Tokyo Paralympics
सुंदर सिंह गुर्जर

गुर्जर ने भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) से कहा, "लॉकडाउन के बाद से मैं जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में रह रहा हूं. मैं घर नहीं लौटा और पिछले चार महीनों से स्टेडियम से बाहर भी नहीं निकला. मैं अकेले ही ट्रेनिंग कर रहा हूं, मेरा दोस्त (अहमत सिंह गुर्जर) मेरी डाइट और अन्य चीजों में मेरी मदद कर रहे हैं."

Sundar Singh Gurjar, Tokyo Paralympics
टोक्यो पैरालंपिक

उन्होंने कहा, " मैं अपने कोच (महावीर प्रसाद सैनी) के भी संपर्क में था, जिनसे शुरू में वीडियो कॉल से बात होती थी और वह स्टेडियम में रोज व्यक्तिगत रूप से मेरी ट्रेनिंग पर निगरानी रखते हैं."

टोक्यो पैरालंपिक खेलों में अब एक साल से थोड़ा ज्यादा समय है और वह इस बात से खुश हैं कि उनकी ट्रेनिंग बिना ब्रेक के चलती रही है. गुर्जर 2016 रियो पैरालंपिक के लिए क्वालीफाई करने से चूक गए थे.

Sundar Singh Gurjar, Tokyo Paralympics
सुंदर सिंह गुर्जर

गुर्जर ने कहा, "रियो 2016 की निराशा के बाद, टोक्यो 2020 में पदक जीतना मेरा एकमात्र सपना रहा है. अब जबकि यह खेल सिर्फ एक साल दूर हैं, तो अपनी ट्रेनिंग जारी रखने का एक महत्वपूर्ण समय है. मैं काफी भाग्यशाली था कि मुझे यहां अपनी ट्रेनिंग जारी रखने का मौका मिला, जिससे मुझे अपने साथी प्रतियोगियों की तुलना में भी फायदा मिलेगा."

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