नई दिल्ली: ओलंपिक टिकट हासिल करने वाले भारतीय पहलवान सुमित मलिक को बुल्गारिया में हाल ही में क्वालीफायर के दौरान डोप परीक्षण में विफल रहने के बाद अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है.
टोक्यो खेलों के शुरू होने से कुछ सप्ताह पहले ये देश के लिए एक बड़ी शर्मिंदगी का सबब है.
ये लगातार दूसरा ओलंपिक है जब खेलों के शुरू होने से कुछ दिन पहले डोपिंग का मामला मिला है. इससे पहले 2016 रियो ओलंपिक से कुछ सप्ताह पूर्व नरसिंह पंचम यादव भी डोपिंग जांच में विफल हो गये थे और उन पर चार साल का प्रतिबंध लगा दिया गया था.
राष्ट्रमंडल खेलों (2018) के स्वर्ण पदक विजेता मलिक ने बुल्गारिया स्पर्धा में 125 किग्रा वर्ग में टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था जो पहलवानों के लिए कोटा हासिल करने का आखिरी मौका था. इस मामले के बाद 23 जुलाई से शुरू होने वाले ओलंपिक में भाग लेने का इस 28 साल के पहलवान का सपना लगभग खत्म हो गया.
भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के सूत्र ने एक मीडिया हाउस से कहा, "UWW (यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग) ने कल भारतीय कुश्ती महासंघ को सूचित किया कि सुमित डोप टेस्ट में विफल हो गया है. अब उन्हें 10 जून को अपना 'बी' नमूना देना है.
मलिक घुटने की चोट से जूझ रहे हैं। उन्हे ये चोट ओलंपिक क्वालीफायर शुरू होने से पहले राष्ट्रीय शिविर के दौरान लगी थी.
उन्होंने अप्रैल में अल्माटी में एशियाई क्वालीफायर में भाग लिया था, लेकिन कोटा हासिल करने में सफल नहीं हुए.
मई में सोफिया में आयोजित विश्व ओलंपिक क्वालीफायर में हालांकि मलिक ने फाइनल में पहुंचकर कोटा अर्जित किया. वह हालांकि चोट के कारण फाइनल मुकाबले के लिए रिंग में नहीं उतरे थे.
ओलंपिक से पहले अपने चोटिल घुटने को पूरी तरह से ठीक करने के लिए मलिक डब्ल्यूएफआई द्वारा टोक्यो कोटाधारी पहलवानो के लिए आयोजित पोलैंड की अभ्यास यात्रा पर नहीं गये थे.
सूत्र ने बताया, "उसने अनजाने में कुछ लिया होगा. वो अपने चोटिल घुटने के इलाज के लिए कोई आयुर्वेदिक दवा ले रहा था और उसमें कुछ प्रतिबंधित पदार्थ हो सकते थे."
उन्होंने कहा, "लेकिन इन पहलवानों को सावधान रहना चाहिए था, वे ऐसी दवाओं के लेने से होने वाले जोखिम के बारे में जानते हैं."
उसे निलंबन को चुनौती देने का अधिकार है लेकिन यह स्पष्ट है कि जब तक सुनवाई होगी और फैसला आएगा तब तक वो ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा करने से चूक जाएगा.
भारत ने टोक्यो ओलंपिक में कुश्ती में आठ कोटा हासिल किये हैं. इनमें चार पुरुष और इतनी ही महिला पहलवान शामिल हैं.