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अपने सपने को जी रहे हैं ओकेसी थंडर के सहायक कोच भवनानी, कहा- एक सपना था जिस पर मैंने काम किया - ओक्लाहोमा सिटी थंडर्स के सहायक कोच विन भवनानी

अमेरिका की बास्केटबॉल टीम ओक्लाहोमा सिटी थंडर्स के सहायक कोच विन भवनानी अपने सपने को पूरी तरह से जी रहे हैं.

Oklahoma City Thunders assistant coach Vin Bhavnani
Oklahoma City Thunders assistant coach Vin Bhavnani
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Published : May 28, 2020, 3:16 PM IST

मुंबई : यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलीफोर्निया से इंजीनियरिग की पढ़ाई करने वाले भवनानी ने कहीं और करियर बनाने के बजाए बास्केटबॉल लीग एनबीए में कोच बनने के अपने सपने को तरजीह दी.

Oklahoma City Thunders
अमेरिका की बास्केटबॉल टीम ओक्लाहोमा सिटी थंडर्स (लोगो)

एक ही दिन में दो मौके आए

भवनानी ने इंस्टाग्राम पर एनबीए से बात करते हुए कहा, "वो एक सपना था जिस पर मैंने काम किया. मैं वाकई अपने आप पर भरोसा किया." 2004 में भवनानी के सामने एक ही दिन में दो मौके आए थे. एक था सेल्स एक्जीक्यूटीव बनने का और दूसरा एलए क्लीपर्स के साथ जुड़ने का.

उन्होंने कहा, "वो तीन महीने की इंटर्नशीप थी, कोई लेबल नहीं था. वो मुख्यत: डाटाबेस एंट्री जैसा काम था." क्लीपर्स के साथ जुड़ने से एक साल पहले भवनानी सैंटा मोनिका जूनियर कॉलेज की महिला टीम के सहायक कोच बनाए गए और वहां से उन्होंने कोच के तौर पर अपनी पहचान बनानी शुरू की.

तीन साल क्लीपर्स के साथ बिताने के बाद सैन एंटोनियो स्पर्स ने उन्हें प्रस्ताव दिया. वो अपनी पसंदीदा एनबीए टीम के साथ काम करने का मौका नहीं छोड़ सकते थे. 2007 में उन्होंने थंडर के साथ वीडियो कॉओर्डिनेटर के तौर पर काम किया और अब चौथे सीजन में सहायक कोच के पद तक पहुंचे.

भारत की पुरुष बास्केटबॉल टीम के साथ काम किया

NBA
नेशनल बास्केटबॉल एसोसिएशन (एनबीए)

भवनानी अमेरिका में पले बढ़े हैं लेकिन उनके माता-पिता अहमदाबाद के हैं जो बाद में अमेरिका चले गए थे. वो 2008 में दिल्ली में लगे 'बास्केटबॉल विदआउट बॉडर्स' कैम्प का हिस्सा थे और 2011 में महिंद्रा-एनबीए चैलेंज लीग से भी जुड़े थे. उन्होंने बाद में भारत की पुरुष बास्केटबॉल टीम के साथ भी कुछ समय के लिए काम किया.

भवनानी ने कहा, "कुछ खिलाड़ियों का नैचुरल स्किल लेवल काफी अच्छा था. उस समय जहां तक प्रतिभा की बात है, तो मैं उससे काफी प्रभावित हुआ था. वहां काफी अच्छे कोच हैं और अब भारत में एनबीए अकादमी के आने से खेल तक लोगों की पहुंच और बढ़ गई है."

मुंबई : यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलीफोर्निया से इंजीनियरिग की पढ़ाई करने वाले भवनानी ने कहीं और करियर बनाने के बजाए बास्केटबॉल लीग एनबीए में कोच बनने के अपने सपने को तरजीह दी.

Oklahoma City Thunders
अमेरिका की बास्केटबॉल टीम ओक्लाहोमा सिटी थंडर्स (लोगो)

एक ही दिन में दो मौके आए

भवनानी ने इंस्टाग्राम पर एनबीए से बात करते हुए कहा, "वो एक सपना था जिस पर मैंने काम किया. मैं वाकई अपने आप पर भरोसा किया." 2004 में भवनानी के सामने एक ही दिन में दो मौके आए थे. एक था सेल्स एक्जीक्यूटीव बनने का और दूसरा एलए क्लीपर्स के साथ जुड़ने का.

उन्होंने कहा, "वो तीन महीने की इंटर्नशीप थी, कोई लेबल नहीं था. वो मुख्यत: डाटाबेस एंट्री जैसा काम था." क्लीपर्स के साथ जुड़ने से एक साल पहले भवनानी सैंटा मोनिका जूनियर कॉलेज की महिला टीम के सहायक कोच बनाए गए और वहां से उन्होंने कोच के तौर पर अपनी पहचान बनानी शुरू की.

तीन साल क्लीपर्स के साथ बिताने के बाद सैन एंटोनियो स्पर्स ने उन्हें प्रस्ताव दिया. वो अपनी पसंदीदा एनबीए टीम के साथ काम करने का मौका नहीं छोड़ सकते थे. 2007 में उन्होंने थंडर के साथ वीडियो कॉओर्डिनेटर के तौर पर काम किया और अब चौथे सीजन में सहायक कोच के पद तक पहुंचे.

भारत की पुरुष बास्केटबॉल टीम के साथ काम किया

NBA
नेशनल बास्केटबॉल एसोसिएशन (एनबीए)

भवनानी अमेरिका में पले बढ़े हैं लेकिन उनके माता-पिता अहमदाबाद के हैं जो बाद में अमेरिका चले गए थे. वो 2008 में दिल्ली में लगे 'बास्केटबॉल विदआउट बॉडर्स' कैम्प का हिस्सा थे और 2011 में महिंद्रा-एनबीए चैलेंज लीग से भी जुड़े थे. उन्होंने बाद में भारत की पुरुष बास्केटबॉल टीम के साथ भी कुछ समय के लिए काम किया.

भवनानी ने कहा, "कुछ खिलाड़ियों का नैचुरल स्किल लेवल काफी अच्छा था. उस समय जहां तक प्रतिभा की बात है, तो मैं उससे काफी प्रभावित हुआ था. वहां काफी अच्छे कोच हैं और अब भारत में एनबीए अकादमी के आने से खेल तक लोगों की पहुंच और बढ़ गई है."

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