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निशानेबाजी के साथ पढ़ाई में भी झंडे गाड़ना चाहते हैं अनीश भानवाला

भारत के राष्ट्रमंडल खेलों के सबसे युवा चैंपियन अनीश भानवाला सिर्फ निशानेबाजी में ही अपनी सफलताओं से संतुष्ट नहीं हैं और वो उच्च शिक्षा हासिल करना चाहते हैं जिसके कि निशानेबाजी छोड़ने के बाद भी उनका भविष्य सुरक्षित हो सके.

Shooting Sensation Anish Bhanwala
Shooting Sensation Anish Bhanwala
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Published : Jul 15, 2020, 12:01 PM IST

Updated : Jul 15, 2020, 3:48 PM IST

नई दिल्ली : सत्रह साल के अनीश ने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में 90 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं. अनीश जल्द ही 'बैचलर्स आफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन' (बीबीए) में स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश लेंगे और फिर मास्टर्स डिग्री हासिल करेंगे.

बीबीए के बाद मैं एमबीए करूंगा

अनीश ने एक समाचार एजेंसी से कहा, ''मैं मानव रचना विश्वविद्यालय से अध्ययन करूंगा जो कर्णी सिंह निशानेबाजी रेंज के काफी करीब है. बीबीए के बाद मैं एमबीए करूंगा. सुरक्षित भविष्य के लिए पेशेवर डिग्री लेना अच्छा है.'' इस युवा निशानेबाजी की पसंदीदा स्पर्धा 25 मीटर रेपिड फायर स्पर्धा है और वो घर में इसकी पूर्ण ट्रेनिंग नहीं कर सकते लेकिन कमियों के बावजूद अनीश खुशी से रोजना ट्रेनिंग कर रहे हैं.

ये निशानेबाज साथ ही प्रतिबद्ध है कि कोरोना वायरस के कारण हुए इस ब्रेक के कारण वो लय नहीं खोए और इसके लिए उनके करनाल के अपने घर में परिवार द्वारा तैयार कामचलाऊ 10 मीटर रेंज में ट्रेनिंग की जरूरत है. ओलंपिक कोटे पर नजरें टिकाए बैठे अनीश को इस स्पर्धा के लिए रेंज पर अभ्यास की जरूरत है जिससे इस मुश्किल समय में उनके सामने कई चुनौतियां है लेकिन वह अपने अंदर नकारात्मकता नहीं आने दे रहे.

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भारत के राष्ट्रमंडल खेलों के सबसे युवा चैंपियन अनीश भानवाला

अनीश ने कहा, ''मैं घर में गोली चलाने का अभ्यास करता हूं या फिर 10 मीटर रेंज पर अभ्यास करता हूं। 10 मीटर के विपरीत 25 मीटर, 50 मीटर और शॉटगन के निशानेबाजों के पास घर में ट्रेनिंग का विकल्प नहीं होता लेकिन मैं इससे काफी अच्छी तरह निपट रहा हूं.''

ओलंपिक कोटा हासिल करने की उम्मीद

उन्होंने कहा, ''मैं किसी भी कीमत पर खेल के संपर्क में रहना चाहता हूं. इसलिए मैं सकारात्मक और खुश रहना चाहता हूं. मेरे लिए चीजें काफी अच्छी हो रही हैं, हालांकि निशानेबाजी में उतार चढ़ाव आते हैं और मुझे लगता है कि सभी के साथ ऐसा होता है,'' इस बेहद प्रतिभावान निशानेबाजी को खेल दोबारा शुरू होने पर ओलंपिक कोटा हासिल करने की उम्मीद है.

विश्व रैंकिंग में 11वें स्थान पर काबिज राष्ट्रमंडल खेलों और युवा विश्व कप के स्वर्ण पदक विजेता इस निशानेबाज ने कहा, ''अगले साल मार्च या अप्रैल में विश्व कप होगा. अब तक मैंने अच्छा प्रदर्शन किया है और मेरे से बेहतर रैंकिंग वाले सभी निशानेबाजों और कुछ कम रैंकिंग वालों ने भी कोटा हासिल कर लिया है. इसलिए अब मेरे पास अच्छा मौका है.'' अनीश ने कहा कि वह कोर समूह के शिविर से जुड़ने के लिए उत्सुक हैं और भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ के तारीख और स्थल तय करने का इंतजार कर रहे हैं.

नई दिल्ली : सत्रह साल के अनीश ने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में 90 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं. अनीश जल्द ही 'बैचलर्स आफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन' (बीबीए) में स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश लेंगे और फिर मास्टर्स डिग्री हासिल करेंगे.

बीबीए के बाद मैं एमबीए करूंगा

अनीश ने एक समाचार एजेंसी से कहा, ''मैं मानव रचना विश्वविद्यालय से अध्ययन करूंगा जो कर्णी सिंह निशानेबाजी रेंज के काफी करीब है. बीबीए के बाद मैं एमबीए करूंगा. सुरक्षित भविष्य के लिए पेशेवर डिग्री लेना अच्छा है.'' इस युवा निशानेबाजी की पसंदीदा स्पर्धा 25 मीटर रेपिड फायर स्पर्धा है और वो घर में इसकी पूर्ण ट्रेनिंग नहीं कर सकते लेकिन कमियों के बावजूद अनीश खुशी से रोजना ट्रेनिंग कर रहे हैं.

ये निशानेबाज साथ ही प्रतिबद्ध है कि कोरोना वायरस के कारण हुए इस ब्रेक के कारण वो लय नहीं खोए और इसके लिए उनके करनाल के अपने घर में परिवार द्वारा तैयार कामचलाऊ 10 मीटर रेंज में ट्रेनिंग की जरूरत है. ओलंपिक कोटे पर नजरें टिकाए बैठे अनीश को इस स्पर्धा के लिए रेंज पर अभ्यास की जरूरत है जिससे इस मुश्किल समय में उनके सामने कई चुनौतियां है लेकिन वह अपने अंदर नकारात्मकता नहीं आने दे रहे.

anish
भारत के राष्ट्रमंडल खेलों के सबसे युवा चैंपियन अनीश भानवाला

अनीश ने कहा, ''मैं घर में गोली चलाने का अभ्यास करता हूं या फिर 10 मीटर रेंज पर अभ्यास करता हूं। 10 मीटर के विपरीत 25 मीटर, 50 मीटर और शॉटगन के निशानेबाजों के पास घर में ट्रेनिंग का विकल्प नहीं होता लेकिन मैं इससे काफी अच्छी तरह निपट रहा हूं.''

ओलंपिक कोटा हासिल करने की उम्मीद

उन्होंने कहा, ''मैं किसी भी कीमत पर खेल के संपर्क में रहना चाहता हूं. इसलिए मैं सकारात्मक और खुश रहना चाहता हूं. मेरे लिए चीजें काफी अच्छी हो रही हैं, हालांकि निशानेबाजी में उतार चढ़ाव आते हैं और मुझे लगता है कि सभी के साथ ऐसा होता है,'' इस बेहद प्रतिभावान निशानेबाजी को खेल दोबारा शुरू होने पर ओलंपिक कोटा हासिल करने की उम्मीद है.

विश्व रैंकिंग में 11वें स्थान पर काबिज राष्ट्रमंडल खेलों और युवा विश्व कप के स्वर्ण पदक विजेता इस निशानेबाज ने कहा, ''अगले साल मार्च या अप्रैल में विश्व कप होगा. अब तक मैंने अच्छा प्रदर्शन किया है और मेरे से बेहतर रैंकिंग वाले सभी निशानेबाजों और कुछ कम रैंकिंग वालों ने भी कोटा हासिल कर लिया है. इसलिए अब मेरे पास अच्छा मौका है.'' अनीश ने कहा कि वह कोर समूह के शिविर से जुड़ने के लिए उत्सुक हैं और भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ के तारीख और स्थल तय करने का इंतजार कर रहे हैं.

Last Updated : Jul 15, 2020, 3:48 PM IST
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