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ओलंपिक जाने वाले निशानेबाजों पर टॉप्स के तहत खर्च हुए 5 करोड़ रूपये

सितंबर 2017 से अगस्त 2018 तक तथा स्कीट में ओलंपिक कोटा हासिल करने के बाद दिसंबर 2019 में फिर इस स्कीम में शामिल हुए शॉटगन निशानेबाज माइराज अहमद खान पर 1.02 करोड़ रूपये खर्च किए जा चुके हैं.

More than Rs 5 crore spent under TOPS on Tokyo-bound shooters
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Published : Apr 6, 2021, 9:07 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय खेल मंत्रालय ने टोक्यो ओलंपिक में जाने वाले एथलीटों को समर्थन दिया है और कहा है कि वो एथलीट सेंट्रिक डेवलपमेंट के जरिए ओलंपिक में भारतीयों का सपना पूरा करेंगे. मंत्रालय ने एलीट एथलीटों के लिए ओलंपिक में शामिल होने वाले 15 निशानेबाजों पर टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) के तहत पांच करोड़ रूपये से अधिक खर्च किए हैं.

सितंबर 2017 से अगस्त 2018 तक तथा स्कीट में ओलंपिक कोटा हासिल करने के बाद दिसंबर 2019 में फिर इस स्कीम में शामिल हुए शॉटगन निशानेबाज माइराज अहमद खान पर 1.02 करोड़ रूपये खर्च किए जा चुके हैं.

अहमद को 88.1 लाख रूपये की सहायता भी दी गई है जबकि अन्य रूपये 'ऑउट ऑफ पॉकेट अलाउंस (ओपीए)' के तहत दिए गए हैं.

More than Rs 5 crore spent under TOPS on Tokyo-bound shooters
भारतीय शूटर

एक अन्य शीर्ष शॉटगन निशानेबाज अंगद वीर सिंह बाजवा जिन्होंने स्कीट फाइनल में 60/60 का रिकॉर्ड बनाया और 2018 एशिया शॉटगन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था उनपर 2017 से अबतक टॉप्स स्कीम के तहत 73.11 लाख रूपये खर्च किए गए हैं. इसके अलावा इटली में उनकी ट्रेनिंग के लिए 53 लाख रूपये दिए गए तथा अन्य ओपीए के तहत खर्च किए गए.

जिन निशानेबाजों पर टॉप्स स्कीम के तहत रूपये खर्च किए गए उनमें अभिषेक वर्मा (राइफल 16.23 लाख), सौरभ चौधरी (पिस्टल 32.97 लाख), यशस्वी देसवाल (पिस्टल 20.39 लाख), मनु भाकर (पिस्टल 29.93 लाख), दिव्यांश सिंह पंवार (राइफल 20.35 लाख), दीपक कुमार (राइफल 35.58 लाख), अपूर्वी चंदेला (राइफल 20 लाख), एलावेनिल वलारीवान (राइफल 14 लाख), अंजुम मुद्गिल (राइफल 37.89 लाख), संजीव राजपूत (राइफल 38.28 लाख), एश्वर्य प्रताप सिंह तोमर (राइफल आठ लाख), माइराज अहमद खान (शॉटगन 1.02 करोड़), अंगद वीर सिंह बाजवा (शॉटगन 73.11 लाख) और तेजस्विनी सावंत (राइफल 21.97 लाख रूपये) शामिल हैं.

नई दिल्ली: केंद्रीय खेल मंत्रालय ने टोक्यो ओलंपिक में जाने वाले एथलीटों को समर्थन दिया है और कहा है कि वो एथलीट सेंट्रिक डेवलपमेंट के जरिए ओलंपिक में भारतीयों का सपना पूरा करेंगे. मंत्रालय ने एलीट एथलीटों के लिए ओलंपिक में शामिल होने वाले 15 निशानेबाजों पर टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) के तहत पांच करोड़ रूपये से अधिक खर्च किए हैं.

सितंबर 2017 से अगस्त 2018 तक तथा स्कीट में ओलंपिक कोटा हासिल करने के बाद दिसंबर 2019 में फिर इस स्कीम में शामिल हुए शॉटगन निशानेबाज माइराज अहमद खान पर 1.02 करोड़ रूपये खर्च किए जा चुके हैं.

अहमद को 88.1 लाख रूपये की सहायता भी दी गई है जबकि अन्य रूपये 'ऑउट ऑफ पॉकेट अलाउंस (ओपीए)' के तहत दिए गए हैं.

More than Rs 5 crore spent under TOPS on Tokyo-bound shooters
भारतीय शूटर

एक अन्य शीर्ष शॉटगन निशानेबाज अंगद वीर सिंह बाजवा जिन्होंने स्कीट फाइनल में 60/60 का रिकॉर्ड बनाया और 2018 एशिया शॉटगन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था उनपर 2017 से अबतक टॉप्स स्कीम के तहत 73.11 लाख रूपये खर्च किए गए हैं. इसके अलावा इटली में उनकी ट्रेनिंग के लिए 53 लाख रूपये दिए गए तथा अन्य ओपीए के तहत खर्च किए गए.

जिन निशानेबाजों पर टॉप्स स्कीम के तहत रूपये खर्च किए गए उनमें अभिषेक वर्मा (राइफल 16.23 लाख), सौरभ चौधरी (पिस्टल 32.97 लाख), यशस्वी देसवाल (पिस्टल 20.39 लाख), मनु भाकर (पिस्टल 29.93 लाख), दिव्यांश सिंह पंवार (राइफल 20.35 लाख), दीपक कुमार (राइफल 35.58 लाख), अपूर्वी चंदेला (राइफल 20 लाख), एलावेनिल वलारीवान (राइफल 14 लाख), अंजुम मुद्गिल (राइफल 37.89 लाख), संजीव राजपूत (राइफल 38.28 लाख), एश्वर्य प्रताप सिंह तोमर (राइफल आठ लाख), माइराज अहमद खान (शॉटगन 1.02 करोड़), अंगद वीर सिंह बाजवा (शॉटगन 73.11 लाख) और तेजस्विनी सावंत (राइफल 21.97 लाख रूपये) शामिल हैं.

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