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मोहम्मद अकबर ने इस तरह पेले को किया याद, कॉसमॉस को मोहन बागान ने दी थी जोरदार टक्कर

फुटबॉल किंग पेले की मृत्यु के कुछ घंटों बाद भारत के पूर्व स्ट्राइकर और भारतीय फुटबॉल के बादशाह मोहम्मद अकबर ने उस दिन को याद किया जब मोहन बागान ने न्यूयॉर्क से एक मजबूत कॉसमॉस टीम के साथ खेला था. मोहम्मद अकबर ने ये बताया ईटीवी के अनुभव खसन्बीस से.

Mohammad Akbar recalls Mohun Bagan's fixture against Pele Cosmos
मोहम्मद अकबर ने इस तरह पेले को किया याद
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Published : Dec 30, 2022, 5:02 PM IST

Updated : Dec 30, 2022, 6:43 PM IST

कोलकाता : फुटबाल के बादशाह एडसन अरांतेस डो नैसिमेंटो को पेले के नाम से जाना जाता है. पेले का गुरुवार को निधन हो गया था. इस खबर को सुनकर पूरी दुनिया शोक में डूब गई थी.हमारे देश में फुटबॉल के लिए चर्चित शहर कोलकाता से भी पेले का कनेक्शन रहा है. पेले ने 24 सितंबर 1977 को ईडन गार्डन्स में मोहन बागान के खिलाफ मैच खेला था. पेले ने कई दिग्गज खिलाड़ियों से सजी न्यूयॉर्क के COSMOS क्लब का प्रतिनिधित्व किया था. यह मैच मोहन बगान ने अपने दमदार प्रदर्शन से 2-2 की बराबरी पर खत्म कराया था.

उस दिन के महान क्षण को याद करते हुए कोलकाता मैदान के छोटे मियां मोहम्मद अकबर ने कहा कि टीम में उनके अलावा चुन्नी गोस्वामी, सुब्रत भट्टाचार्य और कई अन्य भारतीय आइकन खेल रहे थे. भाई हबीब और अकबर 1976 में ही ग्रीन-एंड-मैरून में शामिल हो गए और पेले के खिलाफ उस मैच में मैदान में उतरे थे. यकीनन अकबर के फुटबॉल करियर का सबसे यादगार क्षण कलकत्ता लीग के इतिहास में सबसे तेज गोल था, यह एक ऐसा रिकॉर्ड है जो अभी भी कायम है. 1977 में, कार्लोस अल्बर्टो, फ्रैंक बेकेनबॉयर, जुआन कैंटिलिया, जियोर्जियो चिनग्लिया पेले के सह-खिलाड़ी थे. 1977 का कॉसमॉस लाइन-अप काफी शानदार था.

Mohammad Akbar recalls Mohun Bagan's fixture against Pele Cosmos
पेले मोहन बगान के खिलाफ मैच के दौरान

हबीब-अकबर दोनों भाई पिछले वर्ष ही मोहन बागान में आए थे. बड़े मियां-छोटे मियां के जादू से पूरा कोलकाता मुग्ध था. बड़े मियां-छोटे मियां के दम पर मोहन बागान ने लंबे समय के बाद कलकत्ता लीग जीती थी.

ईटीवी भारत से बात करते हुए अकबर साढ़े चार दशक पहले 24 सितंबर 1977 को याद करते हुए कहा कि काफी प्रयास के बाद आखिरकार, वह पल आ ही गया. जिसमें पेले सहित कॉसमॉस टीम कोलकाता आ गई . टीम को एस्प्लेनेड के ओबेरॉय ग्रैंड होटल में रखा गया और दूसरी तरफ, हम मैच के लिए जोरदार अभ्यास कर रहे थे. चाहे वार्म-अप मैच हो, हमें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ देना था. लेकिन बारिश ने खेल बिगाड़ दिया, मैच से तीन दिन पहले, ईडन गार्डन्स अत्यधिक बारिश के कारण कीचड़ के साथ-साथ कीचड़ से भर गया .

Mohammad Akbar recalls Mohun Bagan's fixture against Pele Cosmos
पेले की टीम के साथ मोहन बगान के खिलाड़ी

उस समय कॉसमॉस के अधिकारी मैदान की हालत देखकर हड़बड़ा गए. अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि खिलाड़ियों के पैरों का बीमा किया गया था और उन्हें ऐसी परिस्थितियों में खेलना एक बड़ा जोखिम होगा. भले ही हम उनका सामना करने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, लेकिन यह सुनहरा अवसर को खो देने का डर हमारे मन में था. हालांकि, अंत में पेले की टीम मोहन बागान के खिलाफ उतरी और इतिहास बन गया. अकबर ने कहा कि यह सारी उपलब्धियां धीरेन डे की हैं. कहा जाता है कि वह ग्रैंड होटल गए और अपने अधिकारियों का हाथ थाम लिया. उनके अनुरोध पर ही पेले ने आखिरकार मैदान पर पैर कदम रखा. लेकिन कॉसमॉस को रोकते हुए वैसे तो हमने सोचा था कि हम लोग कम से कम 5 गोल खाएंगे, भले ही हम अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता के साथ खेल रहे थे.

ऐसे में उस समय सब कुछ भूलकर पेले के खिलाफ खेल का आनंद लेने का फैसला किया गया. इसके बाद जब हम मैदान में उतरे तो सब कुछ भूल गया. पेले, कॉसमॉस, प्रदर्शनी मैच, सब कुछ. मैच के बाद मियां का मशहूर डायलॉग लोगों को हमेशा याद रहेगा.. 'यू पेले, आई हबीब', जिसे सुनकर फुटबॉल बादशाह ठिठक गए थे.

इसके अलावा, पेले ने 2015 में दूसरी बार तब भारत का दौरा किया जब फुटबॉल के राजा को राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित सुब्रतो कप अंडर -17 फाइनल देखने के लिए बुलाया गया था. अपने एक सप्ताह के दौरे पर आए पेले इस दौरान कोलकाता भी गए.

कोलकाता : फुटबाल के बादशाह एडसन अरांतेस डो नैसिमेंटो को पेले के नाम से जाना जाता है. पेले का गुरुवार को निधन हो गया था. इस खबर को सुनकर पूरी दुनिया शोक में डूब गई थी.हमारे देश में फुटबॉल के लिए चर्चित शहर कोलकाता से भी पेले का कनेक्शन रहा है. पेले ने 24 सितंबर 1977 को ईडन गार्डन्स में मोहन बागान के खिलाफ मैच खेला था. पेले ने कई दिग्गज खिलाड़ियों से सजी न्यूयॉर्क के COSMOS क्लब का प्रतिनिधित्व किया था. यह मैच मोहन बगान ने अपने दमदार प्रदर्शन से 2-2 की बराबरी पर खत्म कराया था.

उस दिन के महान क्षण को याद करते हुए कोलकाता मैदान के छोटे मियां मोहम्मद अकबर ने कहा कि टीम में उनके अलावा चुन्नी गोस्वामी, सुब्रत भट्टाचार्य और कई अन्य भारतीय आइकन खेल रहे थे. भाई हबीब और अकबर 1976 में ही ग्रीन-एंड-मैरून में शामिल हो गए और पेले के खिलाफ उस मैच में मैदान में उतरे थे. यकीनन अकबर के फुटबॉल करियर का सबसे यादगार क्षण कलकत्ता लीग के इतिहास में सबसे तेज गोल था, यह एक ऐसा रिकॉर्ड है जो अभी भी कायम है. 1977 में, कार्लोस अल्बर्टो, फ्रैंक बेकेनबॉयर, जुआन कैंटिलिया, जियोर्जियो चिनग्लिया पेले के सह-खिलाड़ी थे. 1977 का कॉसमॉस लाइन-अप काफी शानदार था.

Mohammad Akbar recalls Mohun Bagan's fixture against Pele Cosmos
पेले मोहन बगान के खिलाफ मैच के दौरान

हबीब-अकबर दोनों भाई पिछले वर्ष ही मोहन बागान में आए थे. बड़े मियां-छोटे मियां के जादू से पूरा कोलकाता मुग्ध था. बड़े मियां-छोटे मियां के दम पर मोहन बागान ने लंबे समय के बाद कलकत्ता लीग जीती थी.

ईटीवी भारत से बात करते हुए अकबर साढ़े चार दशक पहले 24 सितंबर 1977 को याद करते हुए कहा कि काफी प्रयास के बाद आखिरकार, वह पल आ ही गया. जिसमें पेले सहित कॉसमॉस टीम कोलकाता आ गई . टीम को एस्प्लेनेड के ओबेरॉय ग्रैंड होटल में रखा गया और दूसरी तरफ, हम मैच के लिए जोरदार अभ्यास कर रहे थे. चाहे वार्म-अप मैच हो, हमें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ देना था. लेकिन बारिश ने खेल बिगाड़ दिया, मैच से तीन दिन पहले, ईडन गार्डन्स अत्यधिक बारिश के कारण कीचड़ के साथ-साथ कीचड़ से भर गया .

Mohammad Akbar recalls Mohun Bagan's fixture against Pele Cosmos
पेले की टीम के साथ मोहन बगान के खिलाड़ी

उस समय कॉसमॉस के अधिकारी मैदान की हालत देखकर हड़बड़ा गए. अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि खिलाड़ियों के पैरों का बीमा किया गया था और उन्हें ऐसी परिस्थितियों में खेलना एक बड़ा जोखिम होगा. भले ही हम उनका सामना करने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, लेकिन यह सुनहरा अवसर को खो देने का डर हमारे मन में था. हालांकि, अंत में पेले की टीम मोहन बागान के खिलाफ उतरी और इतिहास बन गया. अकबर ने कहा कि यह सारी उपलब्धियां धीरेन डे की हैं. कहा जाता है कि वह ग्रैंड होटल गए और अपने अधिकारियों का हाथ थाम लिया. उनके अनुरोध पर ही पेले ने आखिरकार मैदान पर पैर कदम रखा. लेकिन कॉसमॉस को रोकते हुए वैसे तो हमने सोचा था कि हम लोग कम से कम 5 गोल खाएंगे, भले ही हम अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता के साथ खेल रहे थे.

ऐसे में उस समय सब कुछ भूलकर पेले के खिलाफ खेल का आनंद लेने का फैसला किया गया. इसके बाद जब हम मैदान में उतरे तो सब कुछ भूल गया. पेले, कॉसमॉस, प्रदर्शनी मैच, सब कुछ. मैच के बाद मियां का मशहूर डायलॉग लोगों को हमेशा याद रहेगा.. 'यू पेले, आई हबीब', जिसे सुनकर फुटबॉल बादशाह ठिठक गए थे.

इसके अलावा, पेले ने 2015 में दूसरी बार तब भारत का दौरा किया जब फुटबॉल के राजा को राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित सुब्रतो कप अंडर -17 फाइनल देखने के लिए बुलाया गया था. अपने एक सप्ताह के दौरे पर आए पेले इस दौरान कोलकाता भी गए.

Last Updated : Dec 30, 2022, 6:43 PM IST
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