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कश्मीर की महिला वेटलिफ्टर, ओलंपिक चैंपियन बनने का है सपना

कश्मीर की महिलाएं कौशल और क्षमता के साथ हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा रही हैं. चाहे वह खेल हो या शिक्षा, यहां की महिलाएं पुरुषों से कम नहीं हैं. आइए जानते हैं, जम्मू-कश्मीर की पहली महिला वेटलिफ्टर सलबीना शाला के बारे में...

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Published : Jul 1, 2022, 10:37 PM IST

जम्मू-कश्मीर: श्रीनगर की रहने वाली सलबीना शाला अन्य खेलों की जगह भारोत्तोलन में अपना भविष्य संवारने की कोशिश कर भारत को ओलंपिक चैंपियन बनाने की तैयारी कर रही हैं. भारोत्तोलन (weightslifting) का प्रशिक्षण ले रहीं कश्मीर की सलबीना ने ईटीवी भारत से बातचीत की.

बता दें, इससे पहले नब्बे के दशक में श्रीनगर की एक महिला नसीमा जान ने भारोत्तोलन में अपनी किस्मत आजमाई थी. फिलहाल, वर्तमान में वह एक शारीरिक शिक्षक के रूप में काम कर रही हैं. वहीं, सलबीना शाला श्रीनगर के बामना डिग्री कॉलेज में कला की पढ़ाई कर रही हैं. सलबीना ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया, उनके माता-पिता उनका पूरा समर्थन कर रहे हैं. वे देश के लिए ओलंपिक पदक लाना चाहती हैं. सलबीना कॉलेज के बाद रोजाना श्रीनगर स्थित स्पोर्ट्स काउंसिल के गंदन पार्क में ट्रेनिंग करती हैं.

जम्मू की वेटलिफ्टर...

सलबीना शाला के कोच शौकत मजीद का कहना है कि खेल परिषद ने सलबीना जैसे खिलाड़ियों के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराया है, जो अब युवाओं को खेल के लिए आकर्षित कर रहा है. सलबीना उन लड़कियों के लिए एक उदाहरण हैं, जो पारंपरिक खेलों या पेशेवर गतिविधियों से दूर एक ऐसे रास्ते पर जाना चाहती हैं, जो उनके व्यक्तित्व को निखार सके और उन्हें समाज में एक विशेषाधिकार प्राप्त स्थान दे सके.

यह भी पढ़ें: Elorda Cup, Day 3: बोरो और चोपडे सहित 6 भारतीय एलोर्डा कप के सेमीफाइनल में

जम्मू-कश्मीर: श्रीनगर की रहने वाली सलबीना शाला अन्य खेलों की जगह भारोत्तोलन में अपना भविष्य संवारने की कोशिश कर भारत को ओलंपिक चैंपियन बनाने की तैयारी कर रही हैं. भारोत्तोलन (weightslifting) का प्रशिक्षण ले रहीं कश्मीर की सलबीना ने ईटीवी भारत से बातचीत की.

बता दें, इससे पहले नब्बे के दशक में श्रीनगर की एक महिला नसीमा जान ने भारोत्तोलन में अपनी किस्मत आजमाई थी. फिलहाल, वर्तमान में वह एक शारीरिक शिक्षक के रूप में काम कर रही हैं. वहीं, सलबीना शाला श्रीनगर के बामना डिग्री कॉलेज में कला की पढ़ाई कर रही हैं. सलबीना ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया, उनके माता-पिता उनका पूरा समर्थन कर रहे हैं. वे देश के लिए ओलंपिक पदक लाना चाहती हैं. सलबीना कॉलेज के बाद रोजाना श्रीनगर स्थित स्पोर्ट्स काउंसिल के गंदन पार्क में ट्रेनिंग करती हैं.

जम्मू की वेटलिफ्टर...

सलबीना शाला के कोच शौकत मजीद का कहना है कि खेल परिषद ने सलबीना जैसे खिलाड़ियों के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराया है, जो अब युवाओं को खेल के लिए आकर्षित कर रहा है. सलबीना उन लड़कियों के लिए एक उदाहरण हैं, जो पारंपरिक खेलों या पेशेवर गतिविधियों से दूर एक ऐसे रास्ते पर जाना चाहती हैं, जो उनके व्यक्तित्व को निखार सके और उन्हें समाज में एक विशेषाधिकार प्राप्त स्थान दे सके.

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