मेरठ: जिले के नगला साहू की रहने वाली मजदूर की बेटी जैनब खातून ने पैरा एशियन गेम्स में प्रतिभाग करते हुए पावर लिफ्टिंग में सिल्वर मेडल अपने नाम किया. 22 अक्टूबर से चीन के हांगझाऊ में पैरा एशियन गेम्स शुरू हुए हैं. इन गेम्स में 303 एथलीट भारत से प्रतियोगिता में शामिल होने गए हुए हैं. इनमें से 191 पुरुष खिलाड़ी हैं, जबकि 112 महिला खिलाड़ी हैं.
जैनब ने 61 किग्रा कैटेगरी में पावर लिफ्टिंग में सिल्वर मेडल अपने नाम किया है. मेरठ के क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी योगेंद्र पाल सिंह ने बताया कि जनपद के लिए आज का दिन बेहद ही गर्व करने वाला दिन है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण अंचलों से देखा जा रहा है कि लगातार खिलाड़ी अपनी मेहनत से देश का नाम रोशन करने में लगे हैं. वहीं, परिजनों ने भी उसकी जीत पर खुशी का इजहार किया है.
बता दें कि जैनब पूर्व में मेरठ के कैलाश प्रकाश स्टेडियम में प्रशिक्षण ले चुकी है. अभी भी जब उन्हें समय मिलता था तो वे यहां अपनी दिव्यांगता को नजरअंदाज करके पसीना बहाती थी. ईटीवी भारत ने जैनब से सम्पर्क करने की कौशिश की. लेकिन, उनसे सम्पर्क नहीं हो सका. गौरतलब है कि इससे पहले भी जैनब तीन अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुकी है और तीन राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविरों का भी हिस्सा रह चुकी है. 2022 के फज्ज़ा विश्व कप में जैनब ने कांस्य पदक जीता था.
कैलाश प्रकाश स्टेडियम के कोच जेपी यादव ने बताया कि वर्तमान में जैनब दिल्ली के छतरपुर में कोच तनवीर लोगानी के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण ले रही थी. जैनब का खेलों में अब तक का सफर बेहद ही चुनौती पूर्ण रहा है. जब जैनब की उम्र महज चार से पांच वर्ष थी, उसी दौरान चिकित्सकीय लापरवाही के चलते उनके दोनों पैर निष्क्रिय हो गए थे. जैनब ने खेलों में रुचि ली और प्रफुल्ल त्यागी के मार्गदर्शन में कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में प्रशिक्षण प्राप्त किया था.
पूर्व में ईटीवी भारत को दिए एक साक्षात्कार में जैनब ने बताया था कि कुछ जिम्मेदारी भी उनपर ज्यादा है. पिता मजदूरी करते हैं. उन्होंने बताया कि करीब 3 साल पहले उन्होंने यह तय किया था कि वह भी कुछ न कुछ अलग करके अपने परिवार का नाम रोशन करेंगी. उसके बाद जैनब ने कैलाश प्रकाश स्टेडियम का रुख किया था और फिर अपने गुरुजनों के मार्गदर्शन में लगातार कामयाबी की तरफ बढ़ रही है. जैनब ने ईटीवी भारत को बताया था कि वह पांच बहन भाई हैं और घर में सबसे बड़ी वह खुद हैं.
यह भी पढ़ें: मजदूर की बेटी ने दुबई पावरलिफ्टिंग में कांस्य पदक जीतकर मेरठ का बढ़ाया मान, कही बड़ी बात