नई दिल्ली : छह बार की विश्व चैम्पियन मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम के पास पूर्ण फिटनेस हासिल करने के लिए अधिक समय नहीं हैं क्योंकि उनकी नजरें एशियाई खेलों के साथ मुक्केबाजी को अलविदा कहने पर टिकी हैं. मैरी कॉम को अगले साल संन्यास लेने के लिए 'बाध्य' होना पड़ेगा. पिछले साल राष्ट्रमंडल खेलों के चयन ट्रायल के दौरान अपने बाएं घुटने के मुड़ने के कारण इस अनुभवी मुक्केबाज का एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट (एसीएल) टूट गया था और अगस्त में उन्हें सर्जरी करानी पड़ी.
मैरी कॉम ने महिला विश्व चैम्पियनशिप से पहले भारतीय टीम की जर्सी के अनावरण के मौके पर कहा, 'राष्ट्रमंडल खेलों के ट्रायल के दौरान जो हुआ वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था. मुझे बड़ी चोट लगी और मुझे सर्जरी करवानी पड़ी. उन्होंने कहा, 'मैं जल्द वापसी की कोशिश कर रही हूं क्योंकि मेरे पास केवल इस साल का समय है, अगले साल मैं संन्यास लेने के लिए मजबूर हो जाऊंगी. इसलिए इस साल मैं संन्यास से पहले किसी भी प्रतियोगिता में भाग लेना चाहती हूं.
नियमों के मुताबिक मुक्केबाज के लिए भागीदारी की अधिकतम उम्र 40 साल है और मणिपुर की यह मुक्केबाज नवंबर में 41 साल की हो जाएगी. मैरी कॉम ने कहा, 'मैं संन्यास नहीं लेना चाहती. मैं अगले पांच वर्षों तक प्रतिस्पर्धा करना चाहती हूं लेकिन 40 की उम्र से ऊपर हम प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते, यही नियम है. उन्होंने कहा, 'मेरा मुख्य लक्ष्य एशियाई खेल हैं, उम्मीद है कि मैं तब तक ठीक हो जाऊंगी. मेरे पास तैयारी के लिए भी समय होगा. संन्यास से पहले इस साल एक बार प्रतिस्पर्धा करना मेरा सपना है.
पिछले साल स्थगित किए गए एशियाई खेल इस साल 23 सितंबर से आठ अक्टूबर तक होने हैं. इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में चयन के लिए लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता मैरी कॉम को नई चयन प्रक्रिया से गुजरना होगा जिसके लिए मुक्केबाज को राष्ट्रीय शिविर में एक मूल्यांकन परीक्षा से गुजरना होगा. उन्होंने कहा, 'मेरी रिकवरी बहुत अच्छी चल रही है. बहुत जल्द मैं दौड़ने और ट्रेनिंग करने में सक्षम हो जाऊंगी. मैं अपने स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रही हूं. अगर मैं प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हो जाती हूं तो मैं चयन के लिए मुक्केबाजों को हराने की कोशिश करूंगी.
मैरी कॉम ने कहा, 'लेकिन अगर मैं एशियाई खेलों के लिए फिट नहीं होती हूं तो मैं एक बार किसी अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेना चाहती हूं. एशियाई खेल 2024 ओलंपिक के लिए क्वालीफाइंग प्रतियोगिता भी है और अगर मैरी कॉम जीतती हैं तो उन्होंने पेरिस खेलों के लिए एक कोटा मिलेगा जहां वह अपनी उम्र के कारण भाग लेने के लिए पात्र नहीं होंगी. उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा, 'शायद आईबीए अध्यक्ष मुझे (ओलंपिक में) प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति देंगे.
यह पूछे जाने पर कि क्या वह संन्यास के बाद पेशेवर बनने की योजना बना रही हैं तो मैरी कॉम ने कहा कि उन्होंने अभी तक फैसला नहीं किया है. उन्होंने कहा, 'पेशेवर मुक्केबाजी भी आसान नहीं है. लेकिन आसान बात यह है कि एक साल में केवल दो या एक प्रतियोगिता होती है और पैसा अधिक होता है. एमेच्योर और पेशेवर अलग होते हैं. मैरी कॉम विश्व चैंपियनशिप में प्रतिस्पर्धा नहीं करेंगी लेकिन वह बॉलीवुड अभिनेता फरहान अख्तर के साथ प्रतियोगता की ब्रांड दूत के रूप में काम करेंगी. मैरी कॉम को उम्मीद है कि भारतीय टीम स्वदेश में तीन स्वर्ण पदक हासिल कर सकती है.
वर्ष 2006 और 2018 में भारत की इस प्रतियोगिता की मेजबानी के दौरान स्वर्ण पदक जीतने वाली मैरी कॉम ने कहा, 'मुझे लगता है कि भारत कम से कम तीन स्वर्ण जीतेगा. पिछले कई वर्षों से हमारी लड़कियां अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं. इस बार हम मेजबानी कर रहे हैं तो क्यों नहीं. भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने टूर्नामेंट के लिए बड़ी पुरस्कार राशि की घोषणा की है जिसमें स्वर्ण पदक विजेता को एक लाख अमेरिकी डॉलर, रजत पदक विजेता को 50 हजार अमेरिकी डॉलर और कांस्य पदक विजेता को 25 जार अमेरिकी डॉलर दिए जाएंगे.
(पीटीआई भाषा)
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