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ETV BHARAT की पहल पर पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मारिया खलखो को मिली सरकारी सहायता

एक बार फिर ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. पूर्व अंतरराष्ट्रीय जैवलिन थ्रो खिलाड़ी मारिया को खेल विभाग ने एक लाख रुपये की सरकारी मदद खिलाड़ी कल्याण कोष से मुहैया करा दी है. मारिया बेबसी की जिंदगी जीने को मजबूर थी. इस खबर को ईटीवी भारत ने 22 जनवरी को प्रमुखता से प्रकाशित किया था.

ETV BHARAT SPECIAL
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Published : Mar 3, 2021, 10:06 PM IST

Updated : Mar 3, 2021, 10:26 PM IST

रांची: झारखंड की राजधानी रांची में एक बार फिर ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. पूर्व अंतरराष्ट्रीय जैवलिन थ्रो खिलाड़ी मारिया खलखो बेबसी की जिंदगी जीने को मजबूर थी. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद खेल विभाग ने संज्ञान लिया और मारिया गोरती खलखो को एक लाख रुपये की सरकारी मदद दी गई. मारिया ने ईटीवी भारत की टीम को धन्यवाद दिया है.

पूर्व अंतरराष्ट्रीय जैवलिन थ्रो खिलाड़ी मारिया को खेल विभाग ने एक लाख रुपये की सरकारी मदद खिलाड़ी कल्याण कोष से मुहैया करा दी है. मारिया बेबसी की जिंदगी जीने को मजबूर थी. इस खबर को ईटीवी भारत ने 22 जनवरी को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद खेल विभाग में संज्ञान लेते हुए उन्हें मदद करने की घोषणा की थी. खेल विभाग ने उनके अकाउंट में एक लाख रुपये भेज दिए हैं.

मुक्केबाजी : मनीष, हसमुद्दीन बोक्सम टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में पहुंचे

पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मारिया खलखो ने ETV BHARAT को धन्यवाद किया

रांची से लगभग 20 किलोमीटर दूर नामकुम प्रखंड के सीधा टोली ग्रामीण क्षेत्र में अपनी बहन के घर पर रहकर मारिया जिंदगी की अंतिम पड़ाव गुजार रही हैं. मारिया की सेहत अच्छी नहीं है. उनका एक फेफड़ा पूरी तरह खराब हो चुका है. एक-एक रुपये के लिए मोहताज मारिया ने ईटीवी भारत के जरिए सरकार से मदद की गुहार लगाई थी और अब उनकी गुहार सरकार तक पहुंची और सरकार ने मदद भी की.

मारिया ने ईटीवी भारत की टीम को दिया धन्यवाद

सरकार से मदद मिलने के बाद मारिया ने ईटीवी भारत की टीम को धन्यवाद दिया है. मारिया के करीबी और खेल प्रशिक्षक प्रवीण कुमार ने भी ईटीवी भारत की टीम की सराहना की है. मारिया ने ईटीवी भारत की पहल की प्रशंसा की है और मदद का पूरा श्रेय भी ईटीवी भारत को दिया है. अब मारिया कहती हैं कि जीना थोड़ा आसान हुआ है, ईटीवी भारत की पहल पर सरकार ने उन्हें सहायता पहुंचाई है, हमेशा ही ईटीवी समूह विभिन्न खबरों के साथ-साथ सामाजिक खबरों के जरिए आम लोगों की आवाज बना है. एक बार फिर ईटीवी भारत की टीम ने साबित कर दिया है कि सिर्फ खबरों को प्रकाशित करना ही हमारा मकसद नहीं है, बल्कि असहाय की आवाज बनकर खबरों को नतीजे तक पहुंचाना हमारा हमेशा से ही उद्देश्य रहा है.

रांची: झारखंड की राजधानी रांची में एक बार फिर ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. पूर्व अंतरराष्ट्रीय जैवलिन थ्रो खिलाड़ी मारिया खलखो बेबसी की जिंदगी जीने को मजबूर थी. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद खेल विभाग ने संज्ञान लिया और मारिया गोरती खलखो को एक लाख रुपये की सरकारी मदद दी गई. मारिया ने ईटीवी भारत की टीम को धन्यवाद दिया है.

पूर्व अंतरराष्ट्रीय जैवलिन थ्रो खिलाड़ी मारिया को खेल विभाग ने एक लाख रुपये की सरकारी मदद खिलाड़ी कल्याण कोष से मुहैया करा दी है. मारिया बेबसी की जिंदगी जीने को मजबूर थी. इस खबर को ईटीवी भारत ने 22 जनवरी को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद खेल विभाग में संज्ञान लेते हुए उन्हें मदद करने की घोषणा की थी. खेल विभाग ने उनके अकाउंट में एक लाख रुपये भेज दिए हैं.

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पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मारिया खलखो ने ETV BHARAT को धन्यवाद किया

रांची से लगभग 20 किलोमीटर दूर नामकुम प्रखंड के सीधा टोली ग्रामीण क्षेत्र में अपनी बहन के घर पर रहकर मारिया जिंदगी की अंतिम पड़ाव गुजार रही हैं. मारिया की सेहत अच्छी नहीं है. उनका एक फेफड़ा पूरी तरह खराब हो चुका है. एक-एक रुपये के लिए मोहताज मारिया ने ईटीवी भारत के जरिए सरकार से मदद की गुहार लगाई थी और अब उनकी गुहार सरकार तक पहुंची और सरकार ने मदद भी की.

मारिया ने ईटीवी भारत की टीम को दिया धन्यवाद

सरकार से मदद मिलने के बाद मारिया ने ईटीवी भारत की टीम को धन्यवाद दिया है. मारिया के करीबी और खेल प्रशिक्षक प्रवीण कुमार ने भी ईटीवी भारत की टीम की सराहना की है. मारिया ने ईटीवी भारत की पहल की प्रशंसा की है और मदद का पूरा श्रेय भी ईटीवी भारत को दिया है. अब मारिया कहती हैं कि जीना थोड़ा आसान हुआ है, ईटीवी भारत की पहल पर सरकार ने उन्हें सहायता पहुंचाई है, हमेशा ही ईटीवी समूह विभिन्न खबरों के साथ-साथ सामाजिक खबरों के जरिए आम लोगों की आवाज बना है. एक बार फिर ईटीवी भारत की टीम ने साबित कर दिया है कि सिर्फ खबरों को प्रकाशित करना ही हमारा मकसद नहीं है, बल्कि असहाय की आवाज बनकर खबरों को नतीजे तक पहुंचाना हमारा हमेशा से ही उद्देश्य रहा है.

Last Updated : Mar 3, 2021, 10:26 PM IST
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