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खिलाड़ियों के चयन में पारदर्शिता की कमी अतीत की बात: मोदी - नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री मोदी यहां 11वें ‘खेल महाकुंभ’ के उद्घाटन के दौरान बोल रहे थे जो गुजरात सरकार द्वारा आयोजित वार्षिक खेल प्रतियोगिता है. उन्होंने कहा कि आज युवा कोचिंग और फिजियोथेरेपी जैसे खेल से जुड़े पेशों को अपना सकते हैं.

Lack of transparency in selection of players a thing of the past: Narendra Modi
Lack of transparency in selection of players a thing of the past: Narendra Modi
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Published : Mar 13, 2022, 12:40 PM IST

अहमदाबाद: राजनीति और खेल की तुलना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि विभिन्न टूर्नामेंट के लिए खिलाड़ियों का चयन करते हुए पारदर्शिता की कमी अब अतीत की बात है.

मोदी ने कहा, "राजनीति में भाई-भतीजावाद की तरह खिलाड़ियों का चयन करते हुए पारदर्शिता की कमी थी. इसके कारण हमारे खिलाड़ियों की प्रतिभा बर्बाद हो रही थी. उन्हें अपने पूरे जीवन में इस तरह की मुश्किलों से जूझना पड़ता था."

प्रधानमंत्री ने कहा, "लेकिन अब हालात बदल गए हैं और खिलाड़ी अब आसमान छू रहे हैं. खिलाड़ियों को सफलता मिल रही है. स्वर्ण और रजत पदक की चमक से हमारे युवाओं का आत्मविश्वास बढ़ रहा है."

ये भी पढ़ें- जर्मन ओपन: लक्ष्य सेन ने विश्व के नंबर एक विक्टर एक्सेलसन को हराकर फाइनल में प्रवेश किया

सरदार पटेल स्टेडियम में उद्घाटन समारोह के दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे.

मोदी ने कहा कि भारत ने तोक्यो ओलंपिक में सात जबकि पैरालंपिक में 19 पदक जीते और यह सिर्फ शुरुआत है और भारत पीछे नहीं हटने वाला, भारत नहीं थकने वाला. उन्होंने कहा कि वे दिन दूर नहीं जब हम कई स्वर्ण पदक जीतेंगे.

मोदी ने कहा कि इस साल राज्य के रिकॉर्ड 55 लाख प्रतिभागियों ने खेल महाकुंभ के लिए पंजीकरण कराया है. इस पहल की शुरुआत उस समय हुई थी जब मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे.

युद्ध का सामना कर रहे यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्रों के संदर्भ में मोदी ने कहा, "यूक्रेन से लौटने वाले युवा कह रहे हैं कि उन्हें अब आगे बढ़ते हुए भारत का रुतबा समझ आ रहा है."

अहमदाबाद: राजनीति और खेल की तुलना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि विभिन्न टूर्नामेंट के लिए खिलाड़ियों का चयन करते हुए पारदर्शिता की कमी अब अतीत की बात है.

मोदी ने कहा, "राजनीति में भाई-भतीजावाद की तरह खिलाड़ियों का चयन करते हुए पारदर्शिता की कमी थी. इसके कारण हमारे खिलाड़ियों की प्रतिभा बर्बाद हो रही थी. उन्हें अपने पूरे जीवन में इस तरह की मुश्किलों से जूझना पड़ता था."

प्रधानमंत्री ने कहा, "लेकिन अब हालात बदल गए हैं और खिलाड़ी अब आसमान छू रहे हैं. खिलाड़ियों को सफलता मिल रही है. स्वर्ण और रजत पदक की चमक से हमारे युवाओं का आत्मविश्वास बढ़ रहा है."

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सरदार पटेल स्टेडियम में उद्घाटन समारोह के दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे.

मोदी ने कहा कि भारत ने तोक्यो ओलंपिक में सात जबकि पैरालंपिक में 19 पदक जीते और यह सिर्फ शुरुआत है और भारत पीछे नहीं हटने वाला, भारत नहीं थकने वाला. उन्होंने कहा कि वे दिन दूर नहीं जब हम कई स्वर्ण पदक जीतेंगे.

मोदी ने कहा कि इस साल राज्य के रिकॉर्ड 55 लाख प्रतिभागियों ने खेल महाकुंभ के लिए पंजीकरण कराया है. इस पहल की शुरुआत उस समय हुई थी जब मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे.

युद्ध का सामना कर रहे यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्रों के संदर्भ में मोदी ने कहा, "यूक्रेन से लौटने वाले युवा कह रहे हैं कि उन्हें अब आगे बढ़ते हुए भारत का रुतबा समझ आ रहा है."

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