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ज्योति याराजी ने 100 मीटर बाधादौड़ में राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा

ज्योति ने नवंबर 2016 में कोयंबटूर में राष्ट्रीय जूनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 100 मीटर बाधा दौड़ में स्वर्ण पदक जीता. इसके बाद जून में लखनऊ में चार गुणा 400 मीटर रिले में पदक जीता. वहीं केरल में सितंबर 2017 में 29वीं दक्षिण क्षेत्र जूनियर एथलेटिक्स में चमकी.

jyoti yaraji breaks national record
ज्योति याराजी ने 100 मीटर बाधादौड़ में राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा
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Published : May 12, 2022, 11:49 AM IST

नई दिल्ली: ज्योति याराजी (jyoti yaraji) ने साइप्रस में चल रही इंटरनेशनल एथलेटिक्स मीट (International Athletics Meet in Cyprus) में 100 मीटर बाधा दौड़ में 13.23 सेकंड के साथ नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाते हुए जीत दर्ज की. आंध्र की 22 वर्ष की ज्योति ने लिमासोल में हुए इस टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता. एक महीने पहले ही हवा से वैध सीमा से अधिक मदद मिलने के कारण उसका राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ने वाला प्रदर्शन मान्य नहीं किया गया था. पुराना रिकॉर्ड अनुराधा बिस्वाल के नाम था जो उन्होंने 2002 में 13.38 सेकंड में बनाया था.

साइप्रस इंटरनेशनल मीट विश्व एथलेटिक्स उपमहाद्वीपीय टूर चैलेंजर वर्ग डी का टूर्नामेंट है. भुवनेश्वर में रिलायंस फाउंडेशन ओडिशा एथलेटिक्स हाई परफॉर्मेंस सेंटर में अभ्यास करने वाली ज्योति ने पिछले महीने कोझिकोड में फेडरेशन कप में 13.09 सेकंड का समय निकाला था, लेकिन हवा की गति प्लस 2.1 मीटर प्रति सेकंड होने से उसे अमान्य करार दिया गया क्योंकि वैध सीमा प्लस 2.0 मीटर प्रति सेकंड है. ज्योति ने 2020 में अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में भी 13.03 सेकंड का समय निकाला था, लेकिन उसे अमान्य करार दिया गया क्योंकि राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी ने टूर्नामेंट में उसकी जांच नहीं की थी और भारतीय एथलेटिक्स महासंघ का कोई तकनीकी प्रतिनिधि वहां मौजूद नहीं था.

पुरूषों की 200 मीटर दौड़ में अमलन बोरगोहेन तीसरे स्थान पर रहे जिन्होंने कोझिकोड फेडरेशन कप में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था. लिलि दास ने चार मिनट 17.79 सेकंड का समय निकालकर महिलाओं की 1500 मीटर दौड़ जीती. ज्योति के पिता सूर्यनारायण निजी सुरक्षा गार्ड के रूप में कार्यरत है जबकि मां कुमारी घरेलू सहायिका का काम करती है. स्कूली शिक्षा के बाद तेलंगाना के हकीमपेठ में भारतीय खेल प्राधिकरण होस्टल में चयन के बाद उसकी जिंदगी बदल गई.

पढ़ें: ज्योति ने 100 मीटर बाधा दौड़ का स्वर्ण पदक जीता

ज्योति ने नवंबर 2016 में कोयंबटूर में राष्ट्रीय जूनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 100 मीटर बाधा दौड़ में स्वर्ण पदक जीता. इसके बाद जून में लखनऊ में चार गुणा 400 मीटर रिले में पदक जीता. वहीं केरल में सितंबर 2017 में 29वीं दक्षिण क्षेत्र जूनियर एथलेटिक्स में चमकी. उन्होंने लखनऊ में अगस्त 2019 में 59वीं राष्ट्रीय अंतर प्रांत सीनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीता था.

नई दिल्ली: ज्योति याराजी (jyoti yaraji) ने साइप्रस में चल रही इंटरनेशनल एथलेटिक्स मीट (International Athletics Meet in Cyprus) में 100 मीटर बाधा दौड़ में 13.23 सेकंड के साथ नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाते हुए जीत दर्ज की. आंध्र की 22 वर्ष की ज्योति ने लिमासोल में हुए इस टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता. एक महीने पहले ही हवा से वैध सीमा से अधिक मदद मिलने के कारण उसका राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ने वाला प्रदर्शन मान्य नहीं किया गया था. पुराना रिकॉर्ड अनुराधा बिस्वाल के नाम था जो उन्होंने 2002 में 13.38 सेकंड में बनाया था.

साइप्रस इंटरनेशनल मीट विश्व एथलेटिक्स उपमहाद्वीपीय टूर चैलेंजर वर्ग डी का टूर्नामेंट है. भुवनेश्वर में रिलायंस फाउंडेशन ओडिशा एथलेटिक्स हाई परफॉर्मेंस सेंटर में अभ्यास करने वाली ज्योति ने पिछले महीने कोझिकोड में फेडरेशन कप में 13.09 सेकंड का समय निकाला था, लेकिन हवा की गति प्लस 2.1 मीटर प्रति सेकंड होने से उसे अमान्य करार दिया गया क्योंकि वैध सीमा प्लस 2.0 मीटर प्रति सेकंड है. ज्योति ने 2020 में अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में भी 13.03 सेकंड का समय निकाला था, लेकिन उसे अमान्य करार दिया गया क्योंकि राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी ने टूर्नामेंट में उसकी जांच नहीं की थी और भारतीय एथलेटिक्स महासंघ का कोई तकनीकी प्रतिनिधि वहां मौजूद नहीं था.

पुरूषों की 200 मीटर दौड़ में अमलन बोरगोहेन तीसरे स्थान पर रहे जिन्होंने कोझिकोड फेडरेशन कप में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था. लिलि दास ने चार मिनट 17.79 सेकंड का समय निकालकर महिलाओं की 1500 मीटर दौड़ जीती. ज्योति के पिता सूर्यनारायण निजी सुरक्षा गार्ड के रूप में कार्यरत है जबकि मां कुमारी घरेलू सहायिका का काम करती है. स्कूली शिक्षा के बाद तेलंगाना के हकीमपेठ में भारतीय खेल प्राधिकरण होस्टल में चयन के बाद उसकी जिंदगी बदल गई.

पढ़ें: ज्योति ने 100 मीटर बाधा दौड़ का स्वर्ण पदक जीता

ज्योति ने नवंबर 2016 में कोयंबटूर में राष्ट्रीय जूनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 100 मीटर बाधा दौड़ में स्वर्ण पदक जीता. इसके बाद जून में लखनऊ में चार गुणा 400 मीटर रिले में पदक जीता. वहीं केरल में सितंबर 2017 में 29वीं दक्षिण क्षेत्र जूनियर एथलेटिक्स में चमकी. उन्होंने लखनऊ में अगस्त 2019 में 59वीं राष्ट्रीय अंतर प्रांत सीनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीता था.

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