चेन्नई: भारत के पहले एफ1 ड्राइवर नारायण कार्तिकेयन ने भविष्य में फिर से यूरोपियन ले मैंस सीरीज में भाग लेने की इच्छा जताई है. उन्होंने 2009 में भी इसमें भाग लिया था, लेकिन रेस के दिन वो चोटिल हो गए थे.
इस साल ये रेस 13 और 14 जून को फ्रांस के सर्किट डी ला साथ्रे में आयोजित होनी है.
नारायण ने कहा,"हां, यह मेरी सूची में शामिल है. लेकिन मुझे इस पर शक है कि ये 2020 में होगा कि नहीं."
43 साल के कार्तिकेयन ने पिछले साल जापान में सुपर जीटी में अपनी रेस पूरी की थी. उन्होंने सीजन की पिछली रेस होंडा एनएक्स-जीटी के रूप में जीती थी, जोकि 2013 में ऑटो जीपी के बाद से उनकी पहली जीत है.
कार्तिकेयन ने अपने पिछले साल के अनुभव को याद करते हुए कहा,"सिंगल सीटर में 20 साल बिताने के बाद स्पोर्ट्स कार में स्विच करना काफी रोमांचक था. कोई भी नई चुनौती हमेशा अच्छी होती है. सुपर जीटी में जीतना मेरे सीजन का सबसे खास समय रहा."
कार्तिकेयन का मानना है कि अगर सही मार्गदर्शक मिले तो जेहान दारूवाला भारत के लिए फॉर्मूला 1 रेसर बन सकते हैं. 21 वर्षीय जेहान ने हाल में रेड बुल जूनियर टीम का खिताब जीता था.
कार्तिकेयन ने कहा,"जेहान दारूवाला एक अच्छे ड्राइवर हैं. कार्टिग और जूनियर फॉर्मूला में उनका अब तक का शानदार करियर रहा है. मैंने उनकी रेस देखी है और मुझे लगता है कि अगर उनका सही मार्गदर्शन किया जाए तो वो भविष्य में फॉर्मूला 1 ड्राइवर बन सकते हैं."