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ईरानी कोच हुसैन करीमी को बर्खास्त कर सकता है डब्ल्यूएफआई - करीमी

पुरुष फ्रीस्टाइल राष्ट्रीय कोच हुसैन करीमी को डब्ल्यूएफआई बर्खास्त कर सकता है. इस ईरानी कोच को छह महीने पहले ही टोक्यो ओलंपिक तक के लिए टीम से जोड़ा गया था.

Hossein Karimi
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Published : Sep 27, 2019, 10:40 AM IST

Updated : Oct 2, 2019, 4:49 AM IST

नई दिल्ली : भारतीय कुश्ती महासंघ में पुरुष फ्रीस्टाइल राष्ट्रीय कोच हुसैन करीमी को बर्खास्त कर सकता है. इस ईरानी कोच को छह महीने पहले ही टोक्यो ओलंपिक तक के लिए टीम से जोड़ा गया था.

ईरानी कोच फरवरी में राष्ट्रीय शिविर से जुड़े थे लेकिन वह यहां की व्यवस्था से तालमेल नहीं बिठा पाये हैं.

हुसैन करीमी
ईरानी कोच हुसैन करीमी
भारत के नूर सुल्तान में विश्व चैंपियनशिप में अब तक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बाद वह अवकाश पर चले गये हैं. विश्व चैंपियनशिप में भारत ने फ्रीस्टाइल में चार पदक जीते और तीन ओलंपिक कोटा हासिल किए.डब्ल्यूएफआई सूत्रों ने कहा, ‘‘करीमी के दिन अब लद चुके हैं. उन्हें जल्द ही बर्खास्त किया जाएगा. डब्ल्यूएफआई उनसे खुश नहीं है. ’’पता चला है कि करीमी भी भारत की व्यवस्था से खुश नहीं हैं. वह सोनीपत के बहालगढ़ में राष्ट्रीय शिविर में अपना कार्यक्रम लागू करना चाहते थे लेकिन देश के एलीट पहलवानों ने अपने हिसाब से तैयारियां की. बजरंग पूनिया ने जार्जिया के शाको बेंटिनिडिस और सुशील कुमार ने रूस के कमाल मालिकोव के साथ अभ्यास किया. नूर सुल्तान में क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीतने वाले दीपक पूनिया और रवि दहिया दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम की देन हैं.सूत्रों ने कहा, ‘‘वह शिविर में अन्य भारतीय कोचों के साथ घुलमिल नहीं पाये और अधिकतर समय अलग-थलग रहे. वह यहां आने के बाद से ही नाखुश थे और लगातार शिकायतें करते रहे. डब्ल्यूएफआई को इस बारे में बता दिया गया है और उन्हें कभी भी बर्खास्त किया जा सकता है. ’’उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें शिविर के नजदीक फ्लैट दिया गया क्योंकि वह साई परिसर में नहीं रहना चाहते थे जबकि अन्य कोच वहीं रह रहे थे.’’डब्ल्यूएफआई ने हालांकि कहा कि उन्होंने अभी करीमी को बर्खास्त करने का फैसला नहीं किया है.


Conclusion:

नई दिल्ली : भारतीय कुश्ती महासंघ में पुरुष फ्रीस्टाइल राष्ट्रीय कोच हुसैन करीमी को बर्खास्त कर सकता है. इस ईरानी कोच को छह महीने पहले ही टोक्यो ओलंपिक तक के लिए टीम से जोड़ा गया था.

ईरानी कोच फरवरी में राष्ट्रीय शिविर से जुड़े थे लेकिन वह यहां की व्यवस्था से तालमेल नहीं बिठा पाये हैं.

हुसैन करीमी
ईरानी कोच हुसैन करीमी
भारत के नूर सुल्तान में विश्व चैंपियनशिप में अब तक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बाद वह अवकाश पर चले गये हैं. विश्व चैंपियनशिप में भारत ने फ्रीस्टाइल में चार पदक जीते और तीन ओलंपिक कोटा हासिल किए.डब्ल्यूएफआई सूत्रों ने कहा, ‘‘करीमी के दिन अब लद चुके हैं. उन्हें जल्द ही बर्खास्त किया जाएगा. डब्ल्यूएफआई उनसे खुश नहीं है. ’’पता चला है कि करीमी भी भारत की व्यवस्था से खुश नहीं हैं. वह सोनीपत के बहालगढ़ में राष्ट्रीय शिविर में अपना कार्यक्रम लागू करना चाहते थे लेकिन देश के एलीट पहलवानों ने अपने हिसाब से तैयारियां की. बजरंग पूनिया ने जार्जिया के शाको बेंटिनिडिस और सुशील कुमार ने रूस के कमाल मालिकोव के साथ अभ्यास किया. नूर सुल्तान में क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीतने वाले दीपक पूनिया और रवि दहिया दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम की देन हैं.सूत्रों ने कहा, ‘‘वह शिविर में अन्य भारतीय कोचों के साथ घुलमिल नहीं पाये और अधिकतर समय अलग-थलग रहे. वह यहां आने के बाद से ही नाखुश थे और लगातार शिकायतें करते रहे. डब्ल्यूएफआई को इस बारे में बता दिया गया है और उन्हें कभी भी बर्खास्त किया जा सकता है. ’’उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें शिविर के नजदीक फ्लैट दिया गया क्योंकि वह साई परिसर में नहीं रहना चाहते थे जबकि अन्य कोच वहीं रह रहे थे.’’डब्ल्यूएफआई ने हालांकि कहा कि उन्होंने अभी करीमी को बर्खास्त करने का फैसला नहीं किया है.


Conclusion:

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ईरानी कोच करीमी को बर्खास्त कर सकता है डब्ल्यूएफआई





नई दिल्ली : भारतीय कुश्ती महासंघ में पुरुष फ्रीस्टाइल राष्ट्रीय कोच हुसैन करीमी को बर्खास्त कर सकता है. इस ईरानी कोच को छह महीने पहले ही टोक्यो ओलंपिक तक के लिए टीम से जोड़ा गया था. 

ईरानी कोच फरवरी में राष्ट्रीय शिविर से जुड़े थे लेकिन वह यहां की व्यवस्था से तालमेल नहीं बिठा पाये हैं. 

भारत के नूर सुल्तान में विश्व चैंपियनशिप में अब तक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बाद वह अवकाश पर चले गये हैं. विश्व चैंपियनशिप में भारत ने फ्रीस्टाइल में चार पदक जीते और तीन ओलंपिक कोटा हासिल किए.

डब्ल्यूएफआई सूत्रों ने कहा, ‘‘करीमी के दिन अब लद चुके हैं. उन्हें जल्द ही बर्खास्त किया जाएगा. डब्ल्यूएफआई उनसे खुश नहीं है. ’’

पता चला है कि करीमी भी भारत की व्यवस्था से खुश नहीं हैं. वह सोनीपत के बहालगढ़ में राष्ट्रीय शिविर में अपना कार्यक्रम लागू करना चाहते थे लेकिन देश के एलीट पहलवानों ने अपने हिसाब से तैयारियां की. 

बजरंग पूनिया ने जार्जिया के शाको बेंटिनिडिस और सुशील कुमार ने रूस के कमाल मालिकोव के साथ अभ्यास किया. नूर सुल्तान में क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीतने वाले दीपक पूनिया और रवि दहिया दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम की देन हैं.

सूत्रों ने कहा, ‘‘वह शिविर में अन्य भारतीय कोचों के साथ घुलमिल नहीं पाये और अधिकतर समय अलग-थलग रहे. वह यहां आने के बाद से ही नाखुश थे और लगातार शिकायतें करते रहे. डब्ल्यूएफआई को इस बारे में बता दिया गया है और उन्हें कभी भी बर्खास्त किया जा सकता है. ’’

उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें शिविर के नजदीक फ्लैट दिया गया क्योंकि वह साई परिसर में नहीं रहना चाहते थे जबकि अन्य कोच वहीं रह रहे थे.’’

डब्ल्यूएफआई ने हालांकि कहा कि उन्होंने अभी करीमी को बर्खास्त करने का फैसला नहीं किया है.


Conclusion:
Last Updated : Oct 2, 2019, 4:49 AM IST
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