नई दिल्लीः पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार आज पुरानी दिल्ली इलाके में स्थित निगबोध घाट पर संपन्न हो गया. इस दौरान उनको श्रद्धांजलि देने तमाम वीआईपी के अलावा कांग्रेस नेता, कार्यकर्ता और आम लोग भी पहुंचे. पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड के भी कांग्रेस कार्यकर्ता उन्हें श्रद्धांजलि देने और अंतिम दर्शन करने के लिए निगमबोध घाट पहुंचे. लेकिन, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे वीवीआईपी नेताओं के अंतिम संस्कार में शामिल होने के चलते यहां पहुंचे बहुत से लोगों को डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम दर्शन करने का मौका नहीं मिला.
इसके चलते लोगों ने अंतिम संस्कार पूरा होने तक निगमबोध घाट के बाहर ही खड़े होकर हाजिरी लगाई. इन लोगों में शामिल गाजियाबाद महिला कांग्रेस की पूर्व जिलाध्यक्ष पूजा मेहता ने कहा कि हम डा. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए साढ़े नौ बजे ही निगमबोध घाट पहुंच गए थे.उससे पहले हमने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय में उन्हें श्रद्धांजलि दी.
मनमोहन सिंह का नाम हमेशा अमर रहेगा: श्रद्धांजलि देने पहुंचे उत्तराखंड यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुमित्तर सिंह भुल्लर ने कहा कि हम उनको श्रद्धांजलि देने जिला ऊधम सिंह नगर के गदरपुर से आया हूं. मैं सिर्फ यहां कांग्रेस नेता या कार्यकर्ता होने की वजह से उनके अंतिम दर्शन करने नहीं बल्कि इसलिए भी आया हूं कि वह मेरे सबसे पसंदीदा नेता थे. उन्होंने देश के लिए बहुत काम किया. उनके कामों के लिए उनको हमेशा याद किया जाएगा. उनकी एक लाइन मुझे आज भी याद है जब उन्होंने कहा था कि इतिहास मेरे साथ न्याय करेगा और नरमी बरतेगा. उन्होंने देश में सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, भोजन का अधिकार जैसे कई क्रांतिकारी कार्य किए. डा. मनमोहन सिंह का नाम देश के इ्तिहास में हमेशा सादगी और काबिलियत के लिए अमर रहेगा.
रांची से श्रद्धांजलि देने पहुंचे कांग्रेस नेता राजेश ने कहा कि हम डा. मनमोहन सिंह के अंतिम दर्शन के लिए रात को तीन बजे रांची से फ्लाइट से दिल्ली के लिए निकले. फिर दिल्ली पहुंचकर सुबह ही कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे. वहां, अंतिम दर्शन करने के बाद अब निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए यहां आए हैं. सुरक्षा व्यवस्था और वीआईपी प्रोटोकॉल की वजह से हमें यहां अंदर नहीं जाने दिया गया है.
मनमोहन सिंह जैसा नेता सदियों में एक बार ही जन्म लेता: यूपी के बुलंदशहर जिले की स्याना विधानसभा से श्रद्दांजलि देने आए कांग्रेस कार्यकर्ता परवेज हाशमी ने कहा कि में सुबह आठ बजे निगमबोध घाट आ गया था. लेकिन, यहां अंतिम दर्शन नहीं हो पाए. वीआईपी प्रोटोकॉल के चलते अंदर नहीं जाने दिया. अब हम बाहर खड़े होकर ही अंतिम संस्कार पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं. वहीं, संभल से आईं महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष और पूर्व विधानसभा प्रत्याशी कल्पना सिंह ने कहा कि हम अपने कई साथियों के साथ यहां पहुंचे हैं. उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए हम लोग सुबह ही निगमबोध घाट पहुंच गए थे. डा. मनमोहन सिंह पूरे देश के लोकप्रिय नेता हैं. हम उनको शत-शत नमन करते हैं. उनके जैसा नेता सदियों कभी एक बार ही जन्म लेता है.
कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के अलावा बहुत से आम लोग भी निगमबोध घाट पर डा. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे थे. इन्हीं में से एक ई रिक्शा चालक वासुदेव शर्मा ने बताया कि मैं सीमापुरी में रहता हूं. डा. मनमोहन सिंह का फैन हूं. कल जब मैंने अखबार में उनके निधन की खबर पड़ी और बहुत दुखी हुआ. उसके बाद मैंने आज ई रिक्शा चलाने की छुट्टी की और निगमबोध घाट पर उनके अंतिम दर्शन करने के लिए आया हूं. लेकिन, यहां मौका ही नहीं मिला अंतिम दर्शन का, इसलिए ये गुलदस्ता लेकर में घूम रहा हूं.
ये भी पढ़ें: