नई दिल्ली : भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने नेशनल कोड ऑफ गुड गर्वनेंस के ड्राफ्ट को लेकर दिए गए अपने फीडबैक में कुछ सवाल खड़े किए हैं. आईओए की तमाम शिकायतों में से एक खेल संघों में सरकारी दखलअंदाजी की बढ़ती तादाद है.
साथ ही राष्ट्रीय खेल महासंघ में अधिकारियों की उम्र सीमा को 70 साल तक सीमित करने और आईओए में से राज्य ओलंपिक संघों को हटाने पर भी विरोध जताया गया है.
आईओए ने ड्राफ्ट कोड में शामिल एथलेटिक कमिशन में सरकार द्वारा नामित किए गए शख्स को नियुक्त करने पर नाराजगी जताई है.
उन्होंने लिखा है, "आईओए खेल संघ की स्वायता को बनाए रखना चाहता है और इसलिए वे सरकार द्वारा नामित किए गए शख्स को एथटेलिक कमिशन में शामिल करने के प्रस्ताव का विरोध करता है."
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साथ ही आईओए ने राष्ट्रीय ओलंपिक संघ (एनएसएफ) के बोर्ड में सरकार द्वारा अपने आदमी के लिए स्थान सुरक्षित रखने के प्रस्ताव का भी विरोध किया है.
आईओए ने लिखा, "एनएसएफ के बोर्ड में किसी भी सरकारी सदस्य का नामित होना साफ तौर पर सरकारी दखल होगा और इससे खेल प्रशासन में स्वायता में दखल पड़ेगा."
नेशनल स्पोर्ट्स कोड 2011 में बनाया गया था और 2014 में ये दलील दी गई थी कि ये पूरी तरह से सही नहीं हैं. 2017 में दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद खेल मंत्रालय ने एक समिति बनाई थी, जिसने इसमें बदलाव किए थे, जिसे लागू करना अभी बाकी है.