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चोट के बावजूद, भारोत्तोलक लालरिननुंगा को ओलंपिक बर्थ की उम्मीद - वेटलिफ्टिंग

टोक्यो में भारोत्तोलन की योग्यता विश्व रैंकिंग पर आधारित है और लालरिननुंगाको उनके भार वर्ग में 26 वें स्थान पर रखा गया है. खेलों के लिए योग्यता प्राप्त करने के लिए, उन्हें दक्षिण कोरिया के मयोंगमोक हान से बेहतर करने की जरूरत है, जिसे 20वें स्थान पर रखा गया है.

injured weighlifter Jeremy Lalrinnunga hopeful of Tokyo olympic berth
injured weighlifter Jeremy Lalrinnunga hopeful of Tokyo olympic berth
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Published : May 6, 2021, 9:59 AM IST

आइजॉल (मिजोरम): भारतीय भारोत्तोलक जेरेमी लालरिननुंगा 67 किलोग्राम वर्ग में टोक्यो ओलंपिक बर्थ सुरक्षित करने की अंतिम कोशिश 2021 जूनियर विश्व चैंपियनशिप के माध्यम से करेंगे, जिसका आयोजन उज्बेकिस्तान् में 21 से 31 मई तक होना है.

टोक्यो में भारोत्तोलन की योग्यता विश्व रैंकिंग पर आधारित है और लालरिननुंगाको उनके भार वर्ग में 26 वें स्थान पर रखा गया है. खेलों के लिए योग्यता प्राप्त करने के लिए, उन्हें दक्षिण कोरिया के मयोंगमोक हान से बेहतर करने की जरूरत है, जिसे 20वें स्थान पर रखा गया है.

भले ही डॉक्टरों ने 18 वर्षीय को अपने घायल घुटने को बहुत अधिक तनाव न देने की सलाह दी है, लेकिन बावजूद इसके युवा वेटलिफ्टर अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 306 किग्रा (स्नैच में 140 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 166 किग्रा) को बेहतर करने की तैयारी में जुटा है.

2018 में भारत के पहले युवा ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बनने वाले मिजोरम के इस लिफ्टर को ताशकंद टूर्नामेंट में कम से कम 310 किग्रा वजन उठाने की जरूरत है ताकि दक्षिण कोरिया के भारोत्तोलकों को 'गोल्ड लेवल' रैंकिंग प्रतियोगिता में प्रवेश करने का कोई मौका न मिल सके.

लिफ्टर के लिए एक और बड़ी बाधा एक घुटने की चोट है जो उन्होंने पिछले महीने ताशकंद में एशियाई चैंपियनशिप के दौरान झेला था. चोट के कारण, लालरिननुंगा का प्रदर्शन प्रभावित हुआ और वे आठवें स्थान पर रहे.

आइजॉल (मिजोरम): भारतीय भारोत्तोलक जेरेमी लालरिननुंगा 67 किलोग्राम वर्ग में टोक्यो ओलंपिक बर्थ सुरक्षित करने की अंतिम कोशिश 2021 जूनियर विश्व चैंपियनशिप के माध्यम से करेंगे, जिसका आयोजन उज्बेकिस्तान् में 21 से 31 मई तक होना है.

टोक्यो में भारोत्तोलन की योग्यता विश्व रैंकिंग पर आधारित है और लालरिननुंगाको उनके भार वर्ग में 26 वें स्थान पर रखा गया है. खेलों के लिए योग्यता प्राप्त करने के लिए, उन्हें दक्षिण कोरिया के मयोंगमोक हान से बेहतर करने की जरूरत है, जिसे 20वें स्थान पर रखा गया है.

भले ही डॉक्टरों ने 18 वर्षीय को अपने घायल घुटने को बहुत अधिक तनाव न देने की सलाह दी है, लेकिन बावजूद इसके युवा वेटलिफ्टर अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 306 किग्रा (स्नैच में 140 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 166 किग्रा) को बेहतर करने की तैयारी में जुटा है.

2018 में भारत के पहले युवा ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बनने वाले मिजोरम के इस लिफ्टर को ताशकंद टूर्नामेंट में कम से कम 310 किग्रा वजन उठाने की जरूरत है ताकि दक्षिण कोरिया के भारोत्तोलकों को 'गोल्ड लेवल' रैंकिंग प्रतियोगिता में प्रवेश करने का कोई मौका न मिल सके.

लिफ्टर के लिए एक और बड़ी बाधा एक घुटने की चोट है जो उन्होंने पिछले महीने ताशकंद में एशियाई चैंपियनशिप के दौरान झेला था. चोट के कारण, लालरिननुंगा का प्रदर्शन प्रभावित हुआ और वे आठवें स्थान पर रहे.

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