नई दिल्ली : इंडिजेनस ऑलराउंडर ऐश्ली गार्डनर ने ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्ड के फैसले की आलोचना की है. ऑस्ट्रेलियाई बोर्ड ने 26 जनवरी को पाकिस्तान के खिलाफ टी20 मैच आयोजित करने का फैसला किया है, जो कि ऐश्ली को रास नहीं आया है. उन्होंने कहा कि इस दिन राष्ट्रीय टीम का खेलना उचित नहीं हैं. इन दिन को ऑस्ट्रेलिया दिवस के रूप में जाना जाता है और यह मूल निवासियों के लिए दुख और शोक का दिन है. इसके साथ ही ऐश्ली ने संकेत दिया कि वह चयन के लिए उपलब्ध रहेंगी और इस दिन के इतिहास को लेकर दूसरों को शिक्षित करने के लिए अपनी पॉजिशन का उपयोग करेंगी. इसके चलते ऐश्ली ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है, जिसमें लिखा है कि 'एक मुरुवारी महिला तौर पर मेरे और मेरे लोगों के लिए 26 जनवरी का मतलब दुख और शोक का दिन है'.
सीरीज शेड्यूल के अनुसार यह मैच 27 जनवरी को राजधानी कैनबरा में आयोजित होना था. इसी दिन कैनबरा में पुरुष टीम को साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे खेलना था, लेकिन इस मैच के रद्द होने की वजह से महिला मैच के वेन्यू में बदलाव हुआ. महिला मैच को होबार्ट ट्रांसफर किए जाने पर तारीख में भी संशोधन किया गया. 26 जनवरी को मैच खेलने के फैसले के तहत ऑस्ट्रेलियाई टीम इससे पहले एक समारोह में शामिल होगी और स्थानीय समुदाय के बारे में जानने के लिए स्थानीय पर्वत कुनान्यी के चारों ओर घूमेगी. इसके साथ ही ऑस्ट्रेलियाई टीम दो मूल निवासी महिलाओं द्वारा डिजाइन की गई एक विशेष मूल निवासी किट भी पहनेंगे.
सीए के एक बयान में कहा गया, "क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया मानता है कि 26 जनवरी एक ऐसा दिन है जिसके कई अर्थ हैं और हमारे विविधतापूर्ण देश में समुदायों में मिश्रित भावनाएं पैदा करता है. हम सम्मानपूर्वक स्वीकार करते हैं कि यह कई आदिवासी और टॉरेस स्ट्रेट आइलैंडर लोगों के लिए एक चुनौतीपूर्ण दिन है और कुछ लोगों के लिए यह दिन शोक का दिन माना जाता है. "क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ऐश की स्थिति को समझता है और स्वीकार करता है और उनके नेतृत्व और क्रिकेट के में सभी आदिवासी और टॉरेस स्ट्रेट आइलैंडर लोगों के योगदान की सराहना करता है. हम 26 जनवरी के दिन निर्धारित टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच का उपयोग राष्ट्र के प्रथम लोगों के साथ हमारी चल रही शिक्षा यात्रा को जारी रखने के अवसर के रूप में करेंगे".
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