नई दिल्ली: भारत इससे पहले खेले गए जूनियर इवेंट में आठ स्वर्ण, पांच रजत और छह कांस्य पदक सहित कुल 19 पदक पहले ही जीत चुका था. युवा मुक्केबाजों ने प्रतिष्ठित कॉन्टिनेंटल इवेंट में भारत की तालिका में 20 और पदक (छह स्वर्ण, नौ रजत और पांच कांस्य) जोड़े. खास बात यह रही कि पहली बार इस इवेंट के माध्यम से जूनियर और युवा दोनों आयु वर्ग के मुकाबले साथ-साथ खेले गए.
बिश्वमित्र चोंगथम (51 किग्रा) ने एशियाई चैंपियनशिप में युवा पुरुष वर्ग में पिछले सात साल में भारत का पहला स्वर्ण जीता और विशाल (80 किग्रा) ने पदक तालिका में एक और सोने का तमगा जोड़ा. इसी तरह नेहा (54 किग्रा) ने युवा महिला वर्ग में देश को स्वर्ण पदक दिलाया. उनका मुकाबला सोमवार की देर रात खेला गया. वह 3-2 से विभाजित निर्णय से कजाकिस्तान की ऐशागुल येलुबायेवा के खिलाफ जीत हासिल करने में सफल रहीं.
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बाद में, प्रीति दहिया ने साल 2021 युवा विश्व चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता कजाकिस्तान की जुल्दिज शायाखमेतोवा के खिलाफ 60 किग्रा भार वर्ग के फाइनल में इसी तरह की जीत के साथ एक और स्वर्ण पदक भारत की झोली में डाला. इसके बाद स्नेहा कुमारी (66 किग्रा) और खुशी (75 किग्रा) ने भी अपने-अपने फाइनल में जीत हासिल करते हुए स्वर्ण पदक जीता. स्नेहा ने रेफरी स्टॉपिंग द कॉन्टेस्ट (आरएससी) के माध्यम से स्थानीय दावेदार रहमा अलमुर्शिदी पर जीत दर्ज की, जबकि खुशी ने कजाकिस्तान की डाना दीडे को हराया.
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इस बीच अंतिम दिन अन्य युवा मुक्केबाज विश्वनाथ सुरेश (48 किग्रा), निवेदिता कार्की (48 किग्रा), तमन्ना (50 किग्रा), सिमरन वर्मा (52 किग्रा), प्रीति (57 किग्रा), खुशी (63 किग्रा), वंशज (64 किग्रा), जयदीप रावत (71 किग्रा) और तनीशबीर कौर संधू (81 किग्रा) ने देश के लिए रजत पदक जीते.
इससे पहले एक महिला सहित पांच मुक्केबाजों ने सेमीफाइनल में पहुंचकर युवा वर्ग में कांस्य पदक जीता था. पुरुषों में, दक्ष सिंह (67 किग्रा), दीपक (75 किग्रा), अभिमन्यु लौरा (92 किग्रा) और अमन सिंह बिष्ट (92+ किग्रा) ने कांस्य पदक हासिल किया, जबकि लशु यादव (70 किग्रा) ने महिला वर्ग में कांस्य पदक जीता.
युवा वर्ग में 20 पदकों के साथ, भारत ने साल 2019 में मंगोलिया के उलानबटार में हासिल किए गए. पांच स्वर्ण सहित 12 पदकों के अपने पिछले संस्करण के पदकों की संख्या को भी बेहतर बनाया.