नई दिल्ली: पांच सदस्यीय भारतीय जूडो टीम, जो 18 फरवरी से इजरायल में होने वाले तेल अवीव ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट में हिस्सा लेगी, 32 घंटे की कठिन यात्रा के बाद तेल अवीव पहुंचेगी जबकि इस यात्रा में सिर्फ सात या आठ घंटे लगते हैं.
भारतीय टीम को इस्तांबुल में 21 घंटे रुकना होगा और इसके बाद वह वहां से उड़ान भरकर मुकाबले शुरू होने से महज कुछ घंटे पहले ही तेल अवीव पहुंचेगी.
भारतीय खिलाड़ी सोमवार को दिल्ली से उड़ान भरने के बाद बुधवार को तेल अवीव पहुंचेंगे. उनकी उड़ान लखनऊ, दुबई और इस्तांबुल में रुकेगी, जहां से एक चार्टर उड़ान उन्हें तेल अवीव ले जाएगी. यह कठिन यात्रा एथलीटों को थका देगी और उनके प्रदर्शन को प्रभावित कर सकती है.
सामान्य तौर पर, दिल्ली से दुबई होते हुए तेल अवीव पहुंचने में सात घंटे लगते हैं. एक अधिकारी ने कहा, लेकिन कई देशों में कोविड महामारी और उड़ान प्रतिबंधों के कारण, जुडोका टीम को अलग रूट लेना पड़ रहा है.
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टीम के कोच जीवान शर्मा ने बताया, यह चुनौतीपूर्ण समय है, लेकिन खिलाड़ियों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि उन्हें प्रतिस्पर्धा करने और अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर हासिल करने का मौका मिल रहा है. इस दल में शामिल सभी पांच एथलीट महाद्वीपीय ओलंपिक कोटा स्थान हासिल करने की दौड़ में हैं.
हालांकि, शर्मा ने उड़ानों के बदले हुए मार्ग का विवरण देने से इनकार कर दिया.
भारतीय दल में शामिल पांच जुडोका हैं: जसलीन सिंह सैनी (66 किग्रा) और विजय यादव (60 किग्रा), अवतार सिंह (100 किग्रा), सुशीला देवी (महिला 48 किग्रा), और तूलिका मान (महिला 78 किग्रा).
सभी मंगलवार और बुधवार को यहां इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में एशिया, ओसेनिया सहित ओलंपिक क्वालीफाइंग प्रतियोगिताओं के लिए दो दिवसीय राष्ट्रीय चयन ट्रायल में भाग लिया. अवतार, सुशीला और तूलिका ने अपने-अपने मुकाबले जीते जबकि सैनी और यादव अपने मैच हार गए.