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भारतीय मुक्केबाजों ने एड्रियाटिक पर्ल चैंपियनशिप में जीते 2 और स्वर्ण पदक

भारतीय टीम के कोच भास्कर भट्ट ने कहा, "व्यक्तिगत मजबूती के अनुसार ट्रेनिंग दी गई थी. चूंकि मुक्केबाजों का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक है, इसलिए इसका मतलब है कि उन्हें सिखाया गया है और वे वास्तविक प्रतियोगिता में इसे दोहराने सक्षम हैं."

Adriatic Pearl Tournament
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Published : Feb 21, 2021, 8:22 PM IST

बुडवा (मोंटेनेग्रो) : सनामाचा चानू (75 किलो) और विंका (60 किलो) के स्वर्ण पदक जीतने के बाद दो और भारतीय मुक्केबाजों ने अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए 30वें एड्रियाटिक पर्ल मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर चैंपियनशिप में भारत के स्वर्ण पदकों की संख्या तीन तक पहुंचा दिया है.

टूर्नामेंट की समाप्ति से एक दिन पहले तक भारत ने दो और स्वर्ण, दो रजत और तीन और कांस्य पदक जीते. इससे पहले, अल्फिया खान (81 किग्रा) ने पहले दिन भारत को स्वर्ण पदक दिलाई थी.

सनामाचा ने हमवतन राज साहिबा को 5-0 से जबकि विंका ने मोलदोवा की क्रिस्टियन काइपेर को 5-0 से हराया. दोनों मुक्केबाज इससे पहले 2019 में मोंगोलिया में हुए एशियाई यूथ मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं.

इससे पहले एशियन जूनियर चैंपियन अल्फिया पठान ने 81 किलो भारवर्ग में मोलदोवा की डारिया कोजोरेव को 5-0 से हराकर स्वर्ण पदक जीता था.

महिला वर्ग के अन्य मुकाबले में 45-48 किग्रा वर्ग के फाइनल में गीतिका को कड़ी चुनौती पेश करने के बावजूद फाइनल में उज्बेकिस्तान की फारजोना फोजिलोवा के खिलाफ 1-4 से हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा.

महिलाओं की ही 57 किग्रा सेमीफाइनल में प्रीति को मोंटेनेग्रो की बोजाना गोजकोविच के खिलाफ 1-4 की हार के साथ कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा.

भारतीय टीम के कोच भास्कर भट्ट ने टीम की सफलता के लिए अच्छी तैयारी को श्रेय दिया है.

Adriatic Pearl Tournament
अल्फिया खान

भट्ट ने कहा, "व्यक्तिगत मजबूती के अनुसार ट्रेनिंग दी गई थी. चूंकि मुक्केबाजों का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक है, इसलिए इसका मतलब है कि उन्हें सिखाया गया है और वे वास्तविक प्रतियोगिता में इसे दोहराने सक्षम हैं."

इस बीच, पुरुष वर्ग में प्रियांशु डबास (49 किग्रा) और जुगनू (91 किग्रा से अधिक) ने कांस्य पदक जीते. दोनों मुक्केबाजों को अपने अपने सेमीफाइनल मुकाबलों में हारकर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा.

प्रयांशु को उज्बेकिस्तान के इशजोनोव इब्रोखिम के खिलाफ करीबी मुकाबले में 2-3 से हार मिली जबकि जुगनू को युक्रेन के वेसिल तकाचुक ने 5-0 से मात दी.

महिलाओं की 64 किग्रा क्वार्टर फाइनल में लकी राणा ने उज्बेकिस्तान के गुलशोदा इस्तामोवा को 3-0 से हराया. कांस्य पदक के लिए अब लकी का सामना फाइनल में फिनलैंड के लिया पुकिला से होगा.

लकी के अलावा भारत की दो और महिला मुक्केबाज अंतिम दिन स्वर्ण पदक के लिए चुनौती पेश करेंगी. बेबीरोजिसाना चानू (51 किग्रा) और अरूणधति चौधरी (69 किग्रा) भी आज खिताबी मुकाबले में उतरेंगी.

चानू को उज्बेकिस्तान की सबीना बोबोकुलोवा जबकि अरूणधति को युक्रेन की मारयाना स्टोइको के खिलाफ रिंग में उतरना है.

बुडवा (मोंटेनेग्रो) : सनामाचा चानू (75 किलो) और विंका (60 किलो) के स्वर्ण पदक जीतने के बाद दो और भारतीय मुक्केबाजों ने अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए 30वें एड्रियाटिक पर्ल मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर चैंपियनशिप में भारत के स्वर्ण पदकों की संख्या तीन तक पहुंचा दिया है.

टूर्नामेंट की समाप्ति से एक दिन पहले तक भारत ने दो और स्वर्ण, दो रजत और तीन और कांस्य पदक जीते. इससे पहले, अल्फिया खान (81 किग्रा) ने पहले दिन भारत को स्वर्ण पदक दिलाई थी.

सनामाचा ने हमवतन राज साहिबा को 5-0 से जबकि विंका ने मोलदोवा की क्रिस्टियन काइपेर को 5-0 से हराया. दोनों मुक्केबाज इससे पहले 2019 में मोंगोलिया में हुए एशियाई यूथ मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं.

इससे पहले एशियन जूनियर चैंपियन अल्फिया पठान ने 81 किलो भारवर्ग में मोलदोवा की डारिया कोजोरेव को 5-0 से हराकर स्वर्ण पदक जीता था.

महिला वर्ग के अन्य मुकाबले में 45-48 किग्रा वर्ग के फाइनल में गीतिका को कड़ी चुनौती पेश करने के बावजूद फाइनल में उज्बेकिस्तान की फारजोना फोजिलोवा के खिलाफ 1-4 से हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा.

महिलाओं की ही 57 किग्रा सेमीफाइनल में प्रीति को मोंटेनेग्रो की बोजाना गोजकोविच के खिलाफ 1-4 की हार के साथ कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा.

भारतीय टीम के कोच भास्कर भट्ट ने टीम की सफलता के लिए अच्छी तैयारी को श्रेय दिया है.

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अल्फिया खान

भट्ट ने कहा, "व्यक्तिगत मजबूती के अनुसार ट्रेनिंग दी गई थी. चूंकि मुक्केबाजों का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक है, इसलिए इसका मतलब है कि उन्हें सिखाया गया है और वे वास्तविक प्रतियोगिता में इसे दोहराने सक्षम हैं."

इस बीच, पुरुष वर्ग में प्रियांशु डबास (49 किग्रा) और जुगनू (91 किग्रा से अधिक) ने कांस्य पदक जीते. दोनों मुक्केबाजों को अपने अपने सेमीफाइनल मुकाबलों में हारकर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा.

प्रयांशु को उज्बेकिस्तान के इशजोनोव इब्रोखिम के खिलाफ करीबी मुकाबले में 2-3 से हार मिली जबकि जुगनू को युक्रेन के वेसिल तकाचुक ने 5-0 से मात दी.

महिलाओं की 64 किग्रा क्वार्टर फाइनल में लकी राणा ने उज्बेकिस्तान के गुलशोदा इस्तामोवा को 3-0 से हराया. कांस्य पदक के लिए अब लकी का सामना फाइनल में फिनलैंड के लिया पुकिला से होगा.

लकी के अलावा भारत की दो और महिला मुक्केबाज अंतिम दिन स्वर्ण पदक के लिए चुनौती पेश करेंगी. बेबीरोजिसाना चानू (51 किग्रा) और अरूणधति चौधरी (69 किग्रा) भी आज खिताबी मुकाबले में उतरेंगी.

चानू को उज्बेकिस्तान की सबीना बोबोकुलोवा जबकि अरूणधति को युक्रेन की मारयाना स्टोइको के खिलाफ रिंग में उतरना है.

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