भुवनेश्वर: भारत को अपने अंतिम ग्रुप मैच में सोमवार को ब्राजील (brazil beat india) के खिलाफ 0-5 से शिकस्त का सामना करना पड़ा. भारत ने फीफा महिला अंडर-17 फुटबॉल विश्व कप (FIFA U-17 Women's World Cup) में अपने अभियान का अंत बिना किसी जीत और बिना किसी गोल के साथ किया. मेजबान होने के कारण भारत को आयु वर्ग की इस शीर्ष प्रतियोगिता में पदार्पण का मौका मिला था. इससे पहले ग्रुप ए के अपने मुकाबलों में उसे अमेरिका (0-8) और मोरक्को (0-3) के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था. टीम तीन मैच में 16 गोल गंवाते हुए बिना किसी अंक के चार टीम के ग्रुप में अंतिम स्थान पर रही.
ब्राजील और अमेरिका ने क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई किया. अमेरिका ने मडगांव में एक ही समय में खेले गए ग्रुप ए के दूसरे मैच में मोरक्को को 4-0 से हराया. ब्राजील और अमेरिका दोनों ने दो जीत और एक ड्रॉ से सात अंक हासिल किए. दोनों के बीच 14 अक्टूबर को हुआ मुकाबला 1-1 से ड्रॉ रहा था.
अपनी तेजी और छकाने की काबिलियत ने भारतीय डिफेंस को लगातार परेशान करने वाली एलिन (40वें और 51ववें मिनट) ने ब्राजील की ओर से दो गोल दागे. उनके अलावा स्थानापन्न खिलाड़ी लॉरा (86वें और 90+3 मिनट) ने भी दो गोल किए. इससे पहले गेबी बर्चोन ने दक्षिण अमेरिकी चैंपियन टीम को 11वें मिनट में 1-0 से बढ़त दिलाई थी. ब्राजील ने मैच में शुरू से ही दबदबा बनाया और अधिक समय गेंद को अपने कब्जे में रखा. भारत गोल की तरफ एक ही शॉट लगा पाया जबकि ब्राजील ने एक दर्जन से अधिक शॉट मारे.
यह भी पढ़ें: बैलन डी’ओर पुरस्कार जीतने वाले दूसरे सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बने बेंजेमा
भारतीय टीम के पास खोने के लिए कुछ नहीं था और टीम प्रतिष्ठा बचाने के लिए खेल रही थी. मेजबान टीम ने संभवत: टूर्नामेंट का अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और उन्हें श्रेय जाता है कि मैच पूरी तरह से एकतरफा नहीं था जिसकी अमेरिका के खिलाफ करारी हार के बाद आशंका थी. भारतीय खिलाड़ियों ने शारीरिक और तकनीकी रूप से अपने से कहीं अधिक श्रेष्ठ विरोधियों के कड़ी टक्कर देने की कोशिश की. हालांकि मुकाबले में भारतीय टीम की रक्षात्मक कमियां उजागर हुईं और उसके खिलाड़ी अच्छी तरह पास भी नहीं दे पाए.
भारतीय रक्षापंक्ति ने ब्राजील के लगातार हमलों के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया जिन्होंने पहले सत्र में भारत के खिलाफ छह शॉट लक्ष्य पर मारे. दक्षिण अमेरिकी चैंपियन ने पहले हाफ में 70 फीसदी समय गेंद को अपने कब्जे में रखा.
पीटीआई-भाषा